NCERT Solutions for Class 9 Geography Chapter 4 जलवायु Hindi Medium

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NCERT Solutions for Class 9 Geography Chapter 4

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MCQs Questions for Class 9 Geography Chapter 4

NCERT Solutions for Class 9 Geography Chapter 4 जलवायु Hindi Medium

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  • अभ्यास
  • V.V.I MCQs (30)

NCERT Solutions for Class 9 Geography Chapter 4

अध्याय 4: जलवायु (climate)

अतिलघु प्रश्न उत्तर 2 अंक

Q1.) भारत में मानसूनी प्रकार की जलवायु क्यों है ?

उत्तर:- मानसून प्रकार की जलवायु का अर्थ है, वर्ष में पवन की दिशा में मौसमीय व्युत्क्रम। इस प्रकार की जलवायु मुख्यतः दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाती है।

Q2.)किन पवनों के कारण मालाबार तट पर वर्षा होती है ?

 उत्तर:- दक्षिण-पश्चिम मानसून की अरब सागर शाखा मालाबार तट और कोरोमंडल तट पर भारी वर्षा के लिए जिम्मेदार होती है।

Q3.) भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले मुख्य कारकों के नाम लिखें।

उत्तर:- भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों के नाम निम्नांकित हैं-

(क) अक्षांश,

(ख) तुंगता (ऊँचाई).

(ग) वायुदाब,

(घ) समुद्र से दूरी,

(ङ) महासागरीय धाराएँ,

(च) उच्चावच लक्षण।

Q4.) भारत के किस भाग में दैनिक तापमान अधिक होता है एवं क्यों ?

उत्तर:- कुछ खास स्थानों पर दिन और रात के तापमानों में बहुत अंतर पाया जाता है। थार रेगिस्तान में दिन का तापमान 500 से० हो सकता है और उसी रात घटकर यह हिमांक तक पहुँच सकता है। यहाँ दिन और रात के तापमान में बहुत अंतर होता है क्योंकि रेत दिन के समय तेजी से गर्म होती है और रात के समय तेजी से ठंडी होती है।

Q5.) ‘जेट स्ट्रीम’ क्या हैं ?

उत्तर:- ऊपरी वायुमंडल में एक पतली पेटी में बहुत तेज गति से चलने वाली पवनों को ‘जेट स्ट्रीम’ कहते हैं।

Q6.) भारत के अधिक वर्षा वाले चार महीनों के नाम बताएँ।

उत्तर:- भारत में अधिक वर्षा वाले चार महीना जून, जुलाई, अगस्त, सितम्बर है।

Q7.) ‘लू’ शब्द से क्या अर्थ है ?

उत्तर:-‘लू’ शब्द का अर्थ है- गर्म हवा। ये उत्तरी तथा उत्तरी-पश्चिमी भारत में चलने वाली शुष्क तथा गर्म हवा हैं। ये अधिकतर अर्धरात्रि तक भी चलती रहती हैं। इन गर्म हवाओं का संपर्क कभी-कभी प्राणघातक भी हो सकता है।

Q8.) ‘मानसून फटने’ का क्या अर्थ है ?

उत्तर:- दक्षिण-पश्चिम दिशा से आती हुई आर्द्र हवाएँ एक ही महीने में पूरे देश में फैल जाती हैं। आर्द्रता से युक्त इन पवनों के साथ ही बादलों की तेज गड़गड़ाहट, बिजली चमक और मूसलाधार वर्षा होती है। इसे ही ‘मानसून का फटना’ कहते हैं।

Q9.) भारत में कितने प्रकार की ऋतुएँ होती हैं ? नाम लिखें।

उत्तर:- भारत में चार ऋतुएँ होती हैं-

(क) शीत ऋतु- दिसम्बर से फरवरी,

(ख) ग्रीष्म ऋतु- मार्च से जून,

(ग) वर्षा ऋतु- जून से सितम्बर,

(घ) पीछे हटता मानसून- अक्टूबर से नवम्बर।

Q10.) ‘पीछे हटती मानसून’ का क्या अर्थ है ?

उत्तर:- पीछे हटता हुआ मानसून अक्तूबर मास तक वर्षा का जोर काफी कम हो जाता है और दाब में वृद्धि हो जाती है इसलिए दक्षिण-पश्चिमी मानसून धीरे-धीरे पीछे हटने लगती है। अक्तूबर के शुरू होते ही मानसून पंजाब से पूरा हट जाती हैं। गंगा के डेल्टा तथा दक्षिणी भारत से भी क्रमशः अक्तूबर के अंत और नवम्बर के आरंभ तक मानसून विदा हो जाती है। इन्हें ही हटता हुआ मानसून कहते हैं।

Q11.) तिरुवनंतपुरम तथा शिलांग में जुलाई की अपेक्षा जून में अधिक वर्षा क्यों होती है ?

उत्तर:- हिंद महासागर के एकदम निकट का क्षेत्र होने से तिरुवनंतपुरम मानसून की पहली वर्षा को प्राप्त करता है। यहाँ पर जून की पहली तारीख के दौरान मानसूनी पवनें प्रवेश करती हैं। शिलांग में बंगाल की खाड़ी वाली मानसून शाखा से वर्षा होती है। जुलाई में मानसूनी पवनों का मार्ग ये क्षेत्र नहीं बनते हैं. इसीलिए कम वर्षा होती है।

Q12.) जुलाई में तिरुवनंतपुरम की अपेक्षा मुंबई में अधिक वर्षा क्यों होती है ?

उत्तर:- मुंबई अरब सागर के निकट है और यहाँ से मानसूनी पवनें जून के दूसरे सप्ताह में चलती हैं तथा निकटवर्ती पर्वतों से टकराने के बाद इस क्षेत्र में वर्षा करती है। तिरुवनंतपुरम से इस समय तक मानसून आंध्रप्रदेश से होकर आगे बढ़ जाता है।

Q13.) चेन्नई में दक्षिण-पश्चिमी मानसून के द्वारा कम वर्षा क्यों होती है ?

उत्तर:- चेन्नई पूर्वी घाट (कोरोमंडल तट) के वृष्टि छाया क्षेत्र में पड़ता है। इसीलिए इस क्षेत्र में दक्षिण-पश्चिम मानसून से बहुत कम वर्षा होती है।

Q14.) शिलांग में कोलकाता की अपेक्षा अधिक वर्षा क्यों होती है ?

उत्तर:- शिलांग में हिंद महासगर तथा अरब सागर दोनों ओर से मानसूनी पवनें पहुँचती हैं तथा बंगाल की खाड़ी शाखा भी यहाँ की ऊँची पर्वत चोटियों के साथ टकराकर एक साथ वर्षा करती हैं जबकि कोलकाता में मानसून की बंगाल की खाड़ी शाखा नहीं पहुँचती है तथा केवल अरब सागर वाली शाखा से वर्षा होती है।

लघु प्रश्न उत्तर 3 अंक

Q1.) जेट धाराएँ क्या हैं तथा वे किस प्रकार भारत की जलवायु को प्रभावित करती हैं?

उत्तर:- ये एक स्थिर गति से तेज चलने वाली पवनें होती हैं, जो ऊपरी वायुमंडल के एक संकरे क्षेत्र में चलती हैं। इन्हें जेट धाराएँ (लहरें) कहते हैं। पछुआ जेट लहरों की दक्षिणी शाखा हिमालय के दक्षिण में पूर्व दिशा की ओर बहती हैं। ये भारत में सर्दी के मौसम पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। गर्मी के मौसम में पूर्वी जेट लहरें उत्तरी भारत पर 25° उत्तर के साथ बहती हैं। ये पूरे भारत पर मानसूनी वर्षा का वितरण करने में सहायता करती हैं।

Q2.) मानसून को परिभाषित करें। मानसून में विराम से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर:-

  • मानसून वस्तुत:- जलपूरित और जलवर्षक पवनें हैं। समुद्री मार्गों से भारत में व्यापार करने आए अरब देश के व्यापारियों ने अपनी अरबी भाषा में इसको ‘मौसिम’ कहा अतः यह अरबी भाषा से व्युत्पन्न शब्द है। इसका अर्थ है- ऋतु। इस कारण हम यह कह सकते हैं कि ऋतु अनुसार पवनों की दिशा विपर्यय ही मानसून है।
  • मानसून विराम:- एक बार में केवल कुछ दिन वर्षा का होना मानसून विराम कहलाता है। संक्षेप में, वर्षा का मध्यावकाश ही मानसून विराम है। इसका संबंध मानसून द्रोणी से रहता है।

Q3.) मानसून को एक सूत्र में बाँधने वाला क्यों समझा जाता है? 

उत्तर:- भारत के विभिन्न भागों में वर्षा का मुख्य स्रोत वर्षा है और इसका इस देश की कृषि, जल संसाधनों और संपूर्ण अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

  • कृषि पर प्रभाव:- भारत में अधिकांश फसलें वर्षा पर निर्भर हैं और कृषि क्षेत्र का मुख्य व्यवसाय जैसे धान, जेन्ना और गेहूं को उगाया जाता है। अच्छी वर्षा से उत्पादन में वृद्धि होती है, जिससे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
  • जल आपूर्ति प्रणाली:- झीलों, नदियों और झीलों में जल स्तर बढ़ गया है, जो आपूर्ति और झीलों के । लिए महत्वपूर्ण है।

इन कारणों से, मानसून को भारतीय जीवन और आर्थिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, जो विभिन्न क्षेत्रों को एक सूत्र में बाँधता है।

Q4.) भारत की अधिकांश वर्षा केवल कुछ महीनों में ही होती है क्यों ?

उत्तर:- भारत की अधिकांश वर्षा केवल कुछ महीनों में ही होती है क्योंकि भारत का मौसम प्रणाली मुख्यतः मानसून पर आधारित है। 

  • दक्षिण-पश्चिम मानसून:- जून से सितंबर तक चलने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून भारत में लगभग 75% वार्षिक वर्षा लाता है। यह मानसून भारतीय उपमहाद्वीप पर गहरे निम्न वायुदाब क्षेत्र के कारण उत्पन्न होता है। 
  • भूमध्यरेखीय क्षेत्रों से हवाएँ:- दक्षिणी गोलार्ध के भूमध्यरेखीय क्षेत्रों से आने वाली नमीयुक्त हवाएँ भारतीय उपमहाद्वीप तक पहुँचती हैं, जिससे भारी वर्षा होती है। ये हवाएँ हिमालय पर्वत से टकराती हैं, जिससे वर्षा की तीव्रता बढ़ जाती है।

इन कारणों से, भारत में अधिकांश वर्षा मानसून के कुछ महीनों के दौरान होती है।

Q5.) भारतीय उपमहाद्वीप में पवनों की दिशा ऋतुवत विपरीत होती है। क्यों ?

उत्तर:- भारतीय उपमहाद्वीप में पवनों की दिशा ऋतुवत विपरीत होती है क्योंकि यहाँ का मौसम प्रणाली मुख्यतः मानसून पर आधारित है।

  • गर्मियों में दक्षिण-पश्चिम मानसून:-  गर्मियों के दौरान, भारतीय उपमहाद्वीप में गहरा निम्न वायुदाब क्षेत्र बनता है। इससे भूमध्यरेखीय क्षेत्रों से दक्षिण-पश्चिम दिशा से नमीयुक्त हवाएँ आती हैं, जो भारी वर्षा लाती हैं।
  • सर्दियों में उत्तर-पूर्व मानसून:- सर्दियों में, भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी हिस्सों में उच्च वायुदाब क्षेत्र बनता है। इससे ठंडी और शुष्क हवाएँ उत्तर-पूर्व दिशा से बहती हैं, जो दक्षिणी और पूर्वी भारत में कुछ क्षेत्रों में हल्की वर्षा लाती हैं।

इन कारणों से, भारतीय उपमहाद्वीप में पवनों की दिशा गर्मियों और सर्दियों में विपरीत होती है।

Q6.) तमिलनाडु तट पर जाड़े में वर्षा होती है क्यों ?

उत्तर:- तमिलनाडु तट पर जाड़े में वर्षा होती है क्योंकि उस समय उत्तर-पूर्व मानसून सक्रिय होता है।

  • उत्तर-पूर्व मानसून:- अक्टूबर से दिसंबर के बीच, उत्तर-पूर्व दिशा से ठंडी और शुष्क हवाएँ बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ती हैं। ये हवाएँ जब बंगाल की खाड़ी से होकर गुजरती हैं, तो इनमें नमी आ जाती है।
  • नमीयुक्त हवाएँ:- ये नमीयुक्त हवाएँ तमिलनाडु तट पर पहुँचकर वर्षा लाती हैं। यह प्रक्रिया विशेष रूप से पूर्वी तट क्षेत्रों में अधिक प्रभावी होती है।

इस प्रकार, तमिलनाडु तट पर जाड़े के मौसम में उत्तर-पूर्व मानसून के कारण वर्षा होती है।

Q7.) राजस्थान, गुजरात तथा पश्चिमी घाट के वृष्टिछाया क्षेत्र सूखा से प्रभावित हैं। कारण स्पष्ट करें।

उत्तर:- राजस्थान, गुजरात तथा पश्चिमी घाट के वृष्टिछाया क्षेत्र सूखा से प्रभावित हैं क्योंकि ये क्षेत्र मानसूनी पवनों की दिशा में स्थित हैं जहाँ वर्षा नहीं होती है।

  • वृष्टिछाया क्षेत्र:- पश्चिमी घाट मानसूनी हवाओं को रोकता है और अपनी पश्चिमी दिशा में भारी वर्षा लाता है। लेकिन, पूर्वी दिशा में स्थित क्षेत्र (वृष्टिछाया क्षेत्र) में बहुत कम या कोई वर्षा नहीं होती है। राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्से भी इसी प्रभाव में आते हैं।
  • मानसूनी पवनों का प्रवाह:- राजस्थान और गुजरात पश्चिमी घाट से दूर स्थित हैं और यहाँ मानसूनी पवनें कमजोर हो जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप, ये क्षेत्र पर्याप्त नमी और वर्षा प्राप्त नहीं कर पाते।

इन कारणों से, राजस्थान, गुजरात तथा पश्चिमी घाट के वृष्टिछाया क्षेत्र सूखा से प्रभावित रहते हैं।

Q8.) दिल्ली में जोधपुर से अधिक वर्षा क्यों होती है ?

उत्तर:- दिल्ली में जोधपुर से अधिक वर्षा होती है क्योंकि दिल्ली मानसून की हवाओं के रास्ते में स्थित है, जबकि जोधपुर वृष्टिछाया क्षेत्र में आता है। दिल्ली पर मानसून की हवाएँ सीधी प्रभाव डालती हैं, जिससे वहाँ अधिक वर्षा होती है। जोधपुर पश्चिमी राजस्थान में स्थित है, जहाँ पश्चिमी घाट के कारण मानसून की हवाएँ कमजोर पड़ जाती हैं और बहुत कम वर्षा होती है। इसलिए, दिल्ली में जोधपुर की तुलना में अधिक वर्षा होती है।

Q9.) भारत में ग्रीष्म ऋतु का वर्णन करें।

उत्तर:- भारत में ग्रीष्म ऋतु (गर्मियाँ) मार्च से मई तक होती है और इस दौरान निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं:

  • उच्च तापमान:- ग्रीष्म ऋतु में तापमान बहुत बढ़ जाता है। दिन के समय, विशेषकर उत्तर भारत और मध्य भारत में, तापमान 35°C से 45°C तक पहुँच सकता है।
  • आसमान और हवा:- इस समय आकाश आमतौर पर साफ रहता है और सूरज की किरणें बहुत तेज होती हैं। हवा में आर्द्रता बढ़ जाती है, जिससे गर्मी और अधिक असहनीय हो जाती है।
  • धूल भरी आंधियाँ और सूखा:- गर्मी के मौसम में अक्सर धूल भरी आंधियाँ चलती हैं, जो तापमान को और बढ़ा देती हैं। जलाशयों और नदियों का पानी भी सूखने लगता है, जिससे जल संकट पैदा हो सकता है।

इस प्रकार, ग्रीष्म ऋतु भारत में अत्यधिक गर्मी, धूल भरी आंधियाँ, और सूखा जैसी स्थितियों के साथ होती है।

Q10.) मौसम और जलवायु में अंतर बताएँ।

उत्तर:-

  • मौसम:- किसी स्थान तथा विशेष समय में वायुदाब, तापमान, आर्द्रता, वर्षण, मेघाच्छादन अथवा वृष्टि से वायुमंडल की दशाओं के स्वरूप को मौसम कहते हैं। मौसम किसी भी समय परिवर्तित हो सकता है।
  • जलवायु:- किसी विशेष क्षेत्र में एक लम्बी अवधि सामान्यतः 30 वर्ष तक पाई जाने वाली मौसम की औसत अवस्था को जलवायु कहते हैं।

दीर्घ प्रश्न उत्तर 5 अंक

Q1.) भारत की जलवायु दशाओं की क्षेत्रीय विषमताओं को उपयुक्त उदाहरण देते हुए समझाएँ।

उत्तर:- भारत की जलवायु दशाएँ विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग होती हैं:

(क) उत्तर भारत:-

  • गर्मी: 45°C तक तापमान।
  • सर्दी: 0°C तक तापमान।
  • उदाहरण: दिल्ली में ग्रीष्म ऋतु में लू और सर्दियों में घना कोहरा।

(ख) दक्षिण भारत:-

  • सामान्य तापमान।
  • दो मानसून: दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पूर्व।
  • उदाहरण: केरल में भारी वर्षा और तमिलनाडु में जाड़े में वर्षा। 

(ग) पूर्वोत्तर भारत:-

  • भारी वर्षा।
  • उदाहरण: मेघालय का मासिनराम विश्व का सबसे वृष्टि क्षेत्र। 

(घ) पश्चिमी भारत:-

  • गर्मी: 45°C तक तापमान।
  • कम वर्षा।
  • उदाहरण: राजस्थान का थार मरुस्थल और गुजरात का कच्छ क्षेत्र। 

(ङ) हिमालयी क्षेत्र:-

  • ठंडा मौसम।
  • अत्यधिक ठंड।
  • उदाहरण: लेह-लद्दाख में बर्फबारी और अत्यधिक ठंड। 

इन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि भारत की जलवायु दशाएँ भौगोलिक और प्राकृतिक कारकों पर निर्भर करती हैं।

Q2.) मानसून अभिक्रिया की व्याख्या करें।

उत्तर:- मानसून अभिक्रिया भारतीय उपमहाद्वीप में मौसमी हवाओं की दिशा में होने वाले परिवर्तन को दर्शाती है:-

  • (क) गर्मियों का उच्च तापमान:- गर्मियों में उत्तरी और मध्य भारत में तापमान बढ़ता है, जिससे निम्न वायुदाब क्षेत्र बनता है।
  • (ख) दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ:-  भूमध्यरेखीय क्षेत्रों से आने वाली नमीयुक्त दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ इस निम्न वायुदाब क्षेत्र की ओर खिंचती हैं, जिससे भारी वर्षा होती है। इसे ‘दक्षिण-पश्चिम मानसून’ कहते हैं।
  • (ग) सर्दियों में उच्च वायुदाब:- सर्दियों में उत्तर भारत में उच्च वायुदाब क्षेत्र बनता है, जिससे उत्तर-पूर्व दिशा से हवाएँ दक्षिण और दक्षिण-पूर्व की ओर बहती हैं।
  • (घ) उत्तर-पूर्वी हवाएँ:- ये हवाएँ बंगाल की खाड़ी से होकर गुजरती हैं और तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश में हल्की वर्षा लाती हैं। इसे ‘उत्तर-पूर्व मानसून’ कहते हैं।

इस प्रकार, मानसून अभिक्रिया भारतीय उपमहाद्वीप में मौसमी हवाओं की दिशा और वर्षा के पैटर्न को निर्धारित करती है।

Q3.) शीत ऋतु की अवस्था एवं उसकी विशेषताएँ बताएँ।

उत्तर:- शीत ऋतु की अवस्था:- भारत में शीत ऋतु दिसंबर से फरवरी तक होती है, जिसमें तापमान कम हो जाता है और मौसम ठंडा रहता है।

शीत ऋतु की विशेषताएँ:-

  • (क) तापमान:- उत्तर भारत में तापमान 5°C से 15°C के बीच और पहाड़ी क्षेत्रों में 0°C से नीचे गिर सकता है। 
  • (ख) वायुदाब:- उच्च वायुदाब प्रणाली ठंडी और शुष्क हवाएँ लाती है। 
  • (ग) कोहरा:- उत्तर भारत में घना कोहरा छाया रहता है, जिससे दृश्यता कम हो जाती है। 
  • (घ) बर्फबारी:- हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होती है, जो पर्यटन को आकर्षित करती है।
  • (ङ) फसलें:-  शीत ऋतु रबी फसलों (गेहूं, सरसों, चना) के लिए अनुकूल होती है।

इस प्रकार, शीत ऋतु में तापमान में गिरावट, ठंडी हवाएँ, घना कोहरा, बर्फबारी, और रबी फसलों की खेती की विशेषताएँ देखने को मिलती हैं।

Q4.) भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषताएँ बताएँ।

उत्तर:- मानसून वे पवनें हैं जो समय-समय पर अपनी दिशा पूर्णतया बदल लेती हैं इसी के परिणामस्वरूप ऋतुओं का चक्र चलता है। भारत में मानसूनी वर्षा मुख्यतः जून से सितंबर तक होती है। यह दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण होती है।

विशेषताएँ:-

  • (क) सामूहिक वर्षा:- मानसून के दौरान भारत में 75% वार्षिक वर्षा होती है। 
  • (ख) असमय और अनियमित वर्षा:- कभी-कभी अचानक भारी बारिश होती है, जिससे बाढ़ की स्थिति बन जाती है। 
  • (ग) क्षेत्रीय विविधता:- पश्चिमी घाट, उत्तर-पूर्वी राज्यों और हिमालय के तराई क्षेत्रों में अधिक वर्षा होती है, जबकि राजस्थान और गुजरात में कम। 
  • (घ) कृषि पर प्रभाव:- भारतीय कृषि मानसूनी वर्षा पर निर्भर है, जिससे खरीफ की फसलें (धान, मक्का, सोयाबीन) उगाई जाती हैं। 
  • (ङ) जल स्रोतों की पुनर्भरण:–  मानसूनी वर्षा से नदियाँ, तालाब और भूजल स्तर पुनर्भरित होते हैं। 

इस प्रकार, मानसूनी वर्षा भारत की कृषि, जल संसाधन, और जीवनशैली के लिए महत्वपूर्ण होती है।

Q5.) भारत के जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन करें।

उत्तर:- भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक निम्नलिखित हैं:-

  • (क)भौगोलिक स्थिति:- भारत उत्तरी गोलार्ध में स्थित है और इसके पास से कर्क रेखा गुजरती है। 
  • (ख) हिमालय पर्वत:- यह पर्वत उत्तर से आने वाली ठंडी हवाओं को रोकता है।
  • (ग) समुद्र की निकटता:- भारत तीन तरफ से समुद्र से घिरा है, जिससे तटीय क्षेत्रों की जलवायु नम और मध्यम होती है। 
  • (घ) मौसमी हवाएँ:- दक्षिण-पश्चिम मानसून से जून से सितंबर तक भारी वर्षा होती है और उत्तर-पूर्व मानसून से सर्दियों में दक्षिणी भारत में वर्षा होती है।
  • (ङ) पवनों की दिशा:- गर्मियों में दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ और सर्दियों में उत्तर-पूर्वी हवाएँ चलती हैं।
  • (च) ऊँचाई:- ऊँचाई बढ़ने से तापमान कम होता है, जैसे हिमालयी क्षेत्र में ठंडा मौसम रहता है। 

इन कारकों से भारत में विभिन्न प्रकार की जलवायु पाई जाती है।

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