NCERT Solution for Class 9 Economics Chapter 2 || NCERT Solutions for Class 9 Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग Hindi Medium || Class 9 अर्थशास्त्र Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग Hindi Medium
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NCERT Solution for Class 9 Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग Hindi Medium
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NCERT Solution for Class 9 Economics Chapter 2
अध्याय 2: संसाधन के रूप में लोग (People as a Resource )
अतिलघु प्रश्न उत्तर 2 अंक
Q1.) मानव पूँजी क्या है ?
उत्तर:- मानव में निहित निपुणता, उत्पादक ज्ञान का भंडार मानव पूँजी है।
Q2.) जनसंख्या कब मानव पूँजी बनती है ?
उत्तर:- जनसंख्या मानव पूँजी तब बनती है जब उसमें शिक्षा, प्रशिक्षण के रूप में निवेश किया जाता है। जापान
Q3.) एक बड़ी जनसंख्या को किस प्रकार उत्पादक परिसम्पत्ति में परिवर्तित किया जा सकता है ?
उत्तर:- मानव पूँजी में निवेश करके एक बड़ी जनसंख्या को उत्पादक परिसंपत्ति में परिवर्तित किया जा सकता है।
Q4.) आर्थिक क्रियाओं के दो भाग लिखें।
उत्तर:- बाजार क्रियाओं के दो भाग हैं-
(क) बाजार क्रियाएँ,
(ख) गैर बाजार क्रियाएँ।
Q5.) जनसंख्या की गुणवत्ता अंत में क्या निर्णय लेती है ?
उत्तर:- जनसंख्या की गुणवत्ता अंत में एक देश की संवृद्धि का निर्णय लेती है।
Q6.) किस प्रकार की जनसंख्या अर्थव्यवस्था पर एक भार है ?
उत्तर:- अशिक्षित तथा अस्वस्थ जनसंख्या अर्थव्यवस्था पर एक भार है।
Q7.) किस प्रकार की जनसंख्या अर्थव्यवस्था की परिसंपत्ति हैं?
उत्तर:- शिक्षित तथा स्वस्थ जनसंख्या देश की परिसम्पत्ति है।
Q8.) व्यक्ति की आय का निर्धारण किस आधार पर होता है ?
उत्तर:- एक व्यक्ति की आय का निर्धारण उसकी शिक्षा तथा निपुणता के आधार प होता है।
Q9.) बाजार में एक व्यक्ति की आय के मुख्य निर्धारक कौन हैं ?
उत्तर:- शिक्षा तथा निपुणता बाजार में एक व्यक्ति की आय के मुख्य निर्धारक हैं।
Q10.) शिक्षा से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:- शिक्षा का अभिप्राय है लोगों में पढ़ने, लिखने और समझने की योग्यता।
Q11.) भारत में शैक्षणिक उपलब्धता के संकेतक लिखें।
उत्तर:- साक्षरता दर, सकल नामांकन दर, सरकार का शिक्षा पर व्यय तथा तकनी शिक्षा शैक्षणिक उपलब्धता के संकेतक हैं
Q12.) मृत्यु दर से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:- मृत्यु दर से अभिप्राय है एक विशेष वर्ष में प्रति 1000 व्यक्तियों पर मरने वालों की संख्या।
Q13.) जन्मदर से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:- जन्मदर से अभिप्राय है एक विशेष वर्ष में प्रति 1000 व्यक्तियों के पीछे बच्चे पैदा होने वाली संख्या।
Q14.) भारत में जन्म दर 25 है। इस कथन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:- इसका अर्थ है एक वर्ष में 1000 व्यक्तियों के पीछे औसत 25 बच्चों का पैदा होना।
Q15.) एक देश में एक विशेष वर्ष में जन्म दर तथा मृत्युदर क्रमशः 26 तथा 8 है। संवृद्धि दर ज्ञात करें।
उत्तर:- संवृद्धि दर = जन्म दर – मृत्यु दर
= 26 – 8
= 18
Q16.) शिशु मृत्यु दर से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:- शिशु मृत्यु दर से अभिप्राय प्रति 1000 नवजात शिशुओं में मरने वाले शिशुओं की संख्या।
Q17.) 2000 में जीवन प्रत्याशा क्या थी ?
उत्तर:- 2000 में जीवन प्रत्याशा 64 वर्ष से ऊपर थी।
Q18.) सन् 2000 में शिशु मृत्यु दर कितनी थी ?
उत्तर:- सन् 2000 में शिशु मृत्यु दर 75 थी।
Q19.) शीला परिवार के लिए कार्य करती है। वह परिवार के बाहर आय कमाने के लिए काम नहीं करना चाहती। क्या वह बेरोजगार है ? कारण बताएँ।
उत्तर:- शीला बेरोजगार नहीं है, क्योंकि वह परिवार के बाद आय कमाने के उद्देश्य से काम नहीं करना चाहती अर्थात् घर के बाद काम करने की इच्छा नहीं है।
Q20.) एक देश की श्रमशक्ति क्या है ?
उत्तर:- एक देश की श्रमशक्ति में 15-59 वर्ष के वे सब लोग शामिल हैं जो काम करने के योग्य हैं और काम करने की इच्छा रखते हैं।
Q21.) बेरोजगारी के कोई दो दोष लिखें।
उत्तर:-
(क) बेरोजगारी से आश्रितों की संख्या में वृद्धि हो जाती है। फलस्वरूप जीवनस्तर गिर जाता है।
(ख) बेरोजगारी से मानवशक्ति संसाधन व्यर्थ जाता है।
Q22.) सबसे अधिक श्रम खपाने वाला अर्थव्यवस्था का कौन-सा क्षेत्र है ?
उत्तर:- कृषि क्षेत्र सबसे अधिक श्रम खपाने वाला अर्थव्यवस्था का क्षेत्र है।
Q23.) कृषि पर जनसंख्या की निर्भरता क्यों कम हो गई है ?
उत्तर:- प्रच्छन्न बेरोजगारी तथा श्रमिकों का दूसरे, तीसरे क्षेत्र की ओर जाने के कारण कृषि पर जनसंख्या की निर्भरता कम हो गई है।
Q24.) मनुष्यों के गुणात्मक पक्ष को कैसे विकसित किया जा सकता है ?
उत्तर:- मनुष्य में शिक्षा, प्रशिक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से निवेश करके उन्हीं गुणात्मक पक्ष को विकसित किया जा सकता है।
Q25.) भारतीय ग्रामीण क्षेत्र में हम किस प्रकार की बेरोजगारी पाते हैं ?
उत्तर:- हम ग्रामीण क्षेत्र में प्रच्छन्न बेरोजगारी तथा मौसमी बेरोजगारी पाते हैं।
Q26.) ग्रामीण क्षेत्र में प्रच्छन्न बेरोजगारी क्यों पाई जाती है ? कोई दो कारण लिखें।
उत्तर:-
(क) अधिक श्रम शक्ति का होना,
(ख) ग्रामीण क्षेत्र में सहायक, वैकल्पिक व्यवस्था का न होना।
Q27.) ग्रामीण क्षेत्र में मौसमी बेरोजगारी क्यों पाई जाती है ?
उत्तर:- ग्रामीण क्षेत्र में कृषि मुख्य क्रिया है और कृषि एक मौसमी क्रिया है। अतः किसानों तथा कृषि श्रमिकों को पूरे साल काम नहीं मिलता। वे साल के कुछ महीने बेरोजगार रहते हैं। अतः ग्रामीण क्षेत्र में मौसमी बेरोजगारी पाई जाती है।
Q28.) शहरी क्षेत्र में किस प्रकार बेरोजगारी पाई जाती है ?
उत्तर:- शहरी क्षेत्र में दो प्रकार की बेराजगारी पाई जाती है-
(क) शिक्षित बेरोजगारी,
(ख) औद्योगिक बेरोजगारी।
Q29.) शहरी क्षेत्र में शिक्षित बेरोजगारी क्यों पाई जाती है ?
उत्तर:- शहरी क्षेत्र में शिक्षित बेरोजगारी निम्नांकित कारणों से पाई जाती है-
(क) देश के अंदर सामान्य शिक्षा का तेजी से विस्तार।
(ख) दोषपूर्ण शिक्षा प्रणाली जो नौकरी उन्मुख नहीं है।
Q30.) औद्योगिक बेरोजगारी से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:- औद्योगिक बेरोजगारी से अभिप्राय अशिक्षितों में बेरोजगारी है जो उद्योगों, खनन, परिवहन, व्यापार, निर्माण आदि क्रियाओं में काम करना चाहते हैं, परंतु कम औद्योगिक विकास के कारण उन्हें काम नहीं मिलता।
Q31.) भारत में औद्योगिक बेरोजगारी की समस्या गंभीर क्यों बन गई है ?
उत्तर:- भारत में औद्योगिक बेरोजगारी की समस्या निम्न कारणों से बन गई हैं-
(क) नौकरी की तलाश में शहरों में ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि।
(ख) उद्योगों में पूँजी प्रधान विधियों का प्रयोग।
Q32.) कौन-से कारक जनसंख्या की गुणवत्ता को बढ़ाते है ?
उत्तर-
(क) साक्षरता दर,
(ख) लोगों का स्वास्थ्य और
(ग) कौशल निर्माण ।
Q33.) शिक्षा किस प्रकार मानव विकास का महत्त्वपूर्ण कारक है ?
उत्तर:-
(क) शिक्षा किसी भी व्यक्ति के लिये प्रगति के नए क्षितिज खोल देती है।
(ख) यह लोगों में नई आशाएँ और आकांक्षाएँ पैदा कर देती है।
(ग) यह जीवन के मूल्यों को विकसित करती है।
Q34.) सर्व-शिक्षा अभियान क्या है ?
उत्तर:- यह एक शिक्षा अभियान है जिसका उद्देश्य यह है कि 2010 तक 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के सभी स्कूली बच्चों को प्राथमिक शिक्षा अवश्य प्रदान की जाए।
Q35.) स्कूल के बच्चों के लिये दोपहर भोजन की योजना क्यों कार्यान्वित की गई है?
उत्तर:- दोपहर के भोजन की योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि स्कूल में, उनकी उपस्थिति को सुनिश्चित बनाया जा सके, उनकी पोषण स्थिति में सुधार लाया जा सके।
Q36.) शिशु मृत्यु दर को कैसे घटाया जा सकता है ?
उत्तर:-
(क) शिशुओं को संक्रमण से रक्षा की जानी चाहिए।
(ख) बच्चों के लिये अच्छे भोजन और पोषण की व्यवस्था की जानी चाहिए।
(ग) माताओं को शिशु-पालन में प्रशिक्षित करना चाहि।
Q37.) ‘बेरोजगारी’ शब्द से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:- यदि किसी विशेष वर्ग के लोग काम करने के योग्य तो होते हैं और काम भी करना चाहते हैं परन्तु उन्हें काम नहीं मिलता तो ऐसी अवस्था को बेरोजगारी कहा जाता है।
लघु प्रश्न उत्तर 3 अंक
Q1.) ‘संसाधन के रूप में लोग’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:-‘संसाधन के रूप में लोग’ वर्तमान उत्पादन कौशल और क्षमताओं के संदर्भ में किसी देश के कार्यरत लोगों का वर्णन करने का एक तरीका है। ये वे लोग हैं जिनमें सकल राष्ट्रीय उत्पाद के सृजन में योगदान देने की क्षमता है। इसलिए लोगों को देश का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण संसाधन माना जाता है। इस संसाधन को मानव संसाधन कहा जाता है। यह विशाल जनसंख्या का एक सकारात्मक पहलू है। किसी देश का संपूर्ण विकास जनसंख्या के आकार पर उतना निर्भर नहीं करता जितना कि लोगों के कौशल, तकनीकी जानकारी, स्वास्थ्य, आदि पर निर्भर करता है। इस प्रकार, जनसंख्या अर्थव्यवस्था के लिए एक दायित्व की अपेक्षा एक परिसंपत्ति है।
Q2.) मानव संसाधन भूमि और भौतिक पूँजी जैसे अन्य संसाधनों से कैसे भिन्न है? अथवा, किस पूँजी को आप सबसे अच्छा मानते हैं- भूमि, श्रम, भौतिक पूँजी और मानव पूँजी ? क्यों ?
उत्तर:- निस्संदेह मानव पूँजी सबसे बड़ी पूँजी है। मानव पूँजी, भूमि, श्रम और भौतिक पूँजी जैसे अन्य संसाधनों से कई दृष्टि से श्रेष्ठ और भिन्न है-
(क) अन्य संसाधनों से भिन्न, मानव संसाधन का आर्थिक विकास की दृष्टि से दोहरा महत्त्व है। लोग विकास के साधन और साध्य दोनों होते हैं। एक ओर वे उत्पादन के साधन और दूसरे ओर वे अन्तिम उपयोग कर्ता एवं स्वयं साध्य भी होते हैं। इसका कारण है कि विकास का अंतिम उद्देश्य लोगों को बेहतर और अधिकार सुरक्षित जीवन प्रदान करना है।
(ख) मानव संसाधन भूमि और पूँजी जैसे अन्य संसाधनों का प्रयोग कर सकता है किन्तु भूमि और पूँजी अपने आप उपयोगी नहीं हो सकते।
(ग) मानव संसाधन की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि अधिक शिक्षित एवं अधिक स्वस्थ लोगों के लाभ स्वयं उन तक ही सीमित नहीं होते हैं, बल्कि उन का लाभ उन तक भी पहुँचता है जो स्वयं उतने शिक्षित एवं स्वस्थ नहीं हैं।
Q3.) मानव पूँजी निर्माण में शिक्षा का क्या भूमिका है ?
उत्तर:- मानव पूँजी के निर्माण में शिक्षा की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है।
(क) सर्वांगीण विकास: शिक्षा व्यक्ति के समग्र विकास के लिए आवश्यक है।
(ख) कौशल और वेतन: शिक्षा व्यक्ति को कौशल प्राप्त करने और वेतन कमाने में मदद करती है।
(ग) स्वास्थ्य:शिक्षा व्यक्ति को शराब और जुए जैसी लतों से बचाकर बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पाने में मदद करती है।
(घ) परिवार नियोजन: शिक्षा व्यक्ति को परिवारों की संख्या सीमित करने में मदद करती है, जिससे भुखमरी को रोका जा सकता है।
(ङ) अच्छे गुण: शिक्षा व्यक्ति को अच्छे गुण विकसित करने में मदद करती है, जो उसे एक अच्छा नागरिक बना सकते हैं।
Q4.) मानव पूँजी के निर्माण में स्वास्थ्य की क्या भूमिका है ?
उत्तर:-स्वास्थ्य मानव विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वास्थ्य का मतलब सिर्फ़ जीवित रहना नहीं है, बल्कि व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक कल्याण है। स्वास्थ्य पर खर्च किया गया पैसा व्यक्ति और मानव संसाधन दोनों को बेहतर बनाता है, जिससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को लाभ मिलता है। स्वास्थ्य क्षेत्र न केवल बीमारी की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि जनसंख्या नियंत्रण, परिवार कल्याण, खाद्य पदार्थों में मिलावट की रोकथाम और नशीली दवाओं पर नियंत्रण जैसे मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
Q5.) प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रकों में किस तरह की विभिन्न आर्थिक क्रियाएँ संचालित की जाती है।
उत्तर-आर्थिक क्रियाओं को तीन मुख्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
(क) प्राथमिक क्रियाएँ- वे क्रियाएँ जो प्रत्यक्ष रूप से भूमि और जल से संबंधित हैं प्राथमिक क्रियाएँ कहलाती हैं। खेती, पशुपालन, वनोद्योग, मत्स्यपालन, खनन व उत्खनन प्राथमिक क्रियाओं के उदाहरण हैं।
(ख) द्वितीयक क्रियाएँ- जिन क्रियाओं के द्वारा प्राथमिक वस्तुओं को शारीरिक श्रम या मशीनों की सहायता से किन्हीं दूसरी वस्तुओं में बदला जाता है, उन्हें द्वितीयक क्रियाएँ या गौण क्रियाएँ कहा जाता है।
(ग) तृतीयक क्रियाएँ- वे क्रियाएँ जो प्राथमिक एवं द्वितीयक क्रियाओं को आधार सेवाएँ प्रदान करती हैं तृतीयक क्रियाएँ कहलाती हैं। इन्हें सेवा क्रियाएँ भी कहा जाता है। परिवहन, संचार, व्यापार, बैकिंग, बीमा, और अन्य सब प्रकार की व्यावसायिक सेवाएँ तृतीयक सेवाओं के ही उदाहरण हैं।
Q6.) महिलाएँ क्यों निम्न वेतन वाले कार्यों में नियोजित होती हैं ?
उत्तर:- महिलाओं को आम तौर पर कम वेतन वाली नौकरियों में रखा जाता है। इसके कुछ कारण इस प्रकार हैं
(क) (क) शिक्षा आय निर्धारित करती है। महिलाएँ और पुरुष कम शिक्षित हैं, इसलिए उन्हें कम वेतन मिलता है।
(ख) उच्च कौशल भी आय निर्धारित करता है। महिलाओं के पास उच्च कौशल नहीं है, इसलिए उन्हें कम वेतन मिलता है।
(ग) कुछ लोगों का मानना है कि महिलाएँ शारीरिक रूप से कठिन काम नहीं कर सकती हैं, इसलिए उन्हें कठिन काम में लगाया जाता है और उन्हें अधिक वेतन नहीं मिलता है।
(घ) महिलाएँ घर के कामों में अधिक व्यस्त रहती हैं, इसलिए वे नियमित रूप से नौकरी नहीं कर पाती हैं, इसलिए उन्हें कम वेतन मिलता है।
Q7.) बेरोजगारी से क्या हानियाँ होती है ?
उत्तर:- बेरोजगारी की हानियाँ-
(क) बेरोजगारी से मानव शक्ति संसाधन व्यर्थ हो जाते हैं। वे व्यक्ति जो देश की परिसंपति हैं वे देश पर भार बन जाते हैं।
(ख) बेरोजगारी एक सामाजिक बुराई है। बेरोजगार लोग एक निराश, उत्साहीन तथा विवश वर्ग बन जाता है। नवयुवकों में निराशा की भावना पैदा हो जाती है। बेरोजगारी से समाज में बेचैनी फैलाती है।
(ग) बेरोजगारी से काम करने वाले लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाता है।
Q8.) ‘मानव पूँजी’ और ‘मानव पूँजी निर्माण’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:- मानव पूँजी- जब शिक्षा, प्रशिक्षण और चिकित्सा सेवाओं में निवेश किया जाता है तो जनसंख्या मानव पूँजी में बदल जाती है। वास्तव में, मानव पूँजी कौशल और उनमें निहित उत्पादन के ज्ञान का स्टॉक है।
मानव पूँजी निर्माण- जब विद्यमान मानव संसाधन या मानव पूँजी को और अधिक शिक्षा और स्वास्थ्य द्वारा विकसित किया जाता है, तब हम इसे मानव पूँजी निर्माण कहते हैं। यह भौतिक पूँजी निर्माण की ही भाँति देश की उत्पादक शक्ति में वृद्धि करता है।
Q9.) ‘बेरोजगारी’ शब्द की आप कैसे व्याख्या करेंगे ?
उत्तर:- बेरोजगारी उस समय विद्यमान कही जाती है, जब प्रचलित मजदूरी की दर पर काम करने के लिए इच्छुक लोग रोजगार नहीं पा सकें। दूसरे शब्दों में, बेरोजगारी से आशय इच्छा के बावजूद रोजगार के न मिलने से है। इससे अभिप्राय उस स्थिति से है जब व्यक्ति काम के लिए उपलब्ध होते हैं और इच्छा भी रखते हैं परन्तु उन्हें काम नहीं मिल पाता है। दूसरी ओर, श्रम शक्ति जनसंख्या में वे लोग शामिल किए जाते हैं जिनकी उम्र 15 वर्ष से 59 वर्ष के बीच है। उदाहरण के लिए, सकल की माँ शीला अपने परिवार के लिए काम करती है। वह अपने घर से बाहर पैसे के लिए काम करना नहीं चाहती है। अतः उसे बेरोजगार नहीं कहा जा सकता है। उसी प्रकार, अंकित का भाई अमित और बहन आभा क्रमशः 9 वर्ष और 11 वर्ष की है। इसलिए उन्हें बेरोजगार नहीं कहा जा सकता। अंकित के दादा-दादी की आयु भी 59 वर्ष से अधिक है। इसलिए उन्हें भी बेरोजगार नहीं कहा जा सकता।
Q10.) ‘प्रच्छन्न बेरोजगारी’ और ‘मौसमी बेरोजगारी’ में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:- प्रच्छन्न बेरोजगारी और मौसमी बेरोजगारी में अंतर-
प्रच्छन्न बेरोजगारी:-
- (a) प्रच्छन्न बेरोजगारी में व्यक्ति कार्य करता हुआ तो दिखाई देता है लेकिन वास्तव में वह बेरोजगार होता है।
- (b) ऐसी स्थिति जिसमें बेरोजगारी के आँकड़ों द्वारा दर्शाये गए लोगों से कहीं अधिक संख्या में लोग बेरोजगार हो।
मौसमी बेरोजगारी:-
- (a) मौसमी बेरोजगारी में किसान या व्यक्ति निश्चित अवधि में काम करने के बाद बेरोजगार हो जाता है।
- (b) ऋतु परिवर्तन के हिसाब से बढ़ने वाली बेरोजगारी जो कि अधिकतर कृषि क्षेत्र में पाई जाती है।
Q11.) आर्थिक और गैर-आर्थिक क्रियाओं में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:- आर्थिक और गैर-आर्थिक क्रियाओं में अंतर-
आर्थिक क्रियाएँ:-
- (a) वे सभी क्रियाएँ जिससे व्यक्तियों को आय की प्राप्ति होती है। जैसे एक नर्स द्वारा हॉस्पीटल में कार्य करने पर उसे मिलने वाले वेतन ।
- (b) आर्थिक क्रियाएँ वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में योगदान देती है।
- (c) ये क्रियाएँ व्यवसाय, पेशा तथा रोजगार से संबंधित होती है।
गैर-आर्थिक क्रियाएँ:-
- (a) गैर-आर्थिक क्रियाएँ वे क्रियाएँ हैं, जिससे व्यक्ति को किसी प्रकार की भी आय प्राप्त नहीं होती। जैसे एक नर्स द्वारा अपने घर का कार्य करना।
- (b) गैर-आर्थिक क्रियाओं का वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में योगदान नहीं होता है।
- (c) ये क्रियाएँ मानवीय सेवा भावना एवं समाज कल्याण आदि उद्देश्य से की जाती है।
दीर्घ प्रश्न उत्तर 5 अंक
Q1.) शिक्षित बेरोजगारी भारत के लिये एक विशेष समस्या क्यों है ?
उत्तर:- शिक्षित बेरोजगारी भारत के लिये एक विशेष समस्या बनी हुई है। बहुत-से मैट्रिक पास, स्नातक और उनसे भी अधिक पढ़े-लिखे एम० ए० पास लोग बेकार घूमते नजर आते हैं। ऐसे युवक कोई भी रोजगार पाने में असमर्थ हैं। ऐसी परिस्थिति के लिये कोई-न-कोई कारण तो उत्तरदायी होगा। इनमें से कुछ मुख्य निम्नांकित हैं-
(क) शिक्षा प्रणाली में खामियाँ: शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है ताकि युवा व्यावसायिक और हस्तशिल्प कौशल सीख सकें।
(ख) औद्योगिक और सेवा क्षेत्र का बुनियादी ढांचा विकास: इन क्षेत्रों में रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं हैं।
(ग) असंगठित प्रौद्योगिकी विकास: नई तकनीक कारीगरों के रोजगार के अवसरों को कम कर रही है और असंगठित प्रौद्योगिकी को आकर्षित कर रही है।
(घ) विभिन्न प्रकार की नौकरी पाने में कठिनाई: वीजा से जुड़ी दूरी के कारण नौकरी पाना मुश्किल है।
Q2.) भारत किस क्षेत्र में रोजगार के अधिक अवसर सृजित कर सकता है ? वर्णन करें।
उत्तर:- आर्थिक क्रियाकलापों को तीन प्रमुख क्षेत्रकों में बाँटा जा सकता है-जो प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रक हैं।
(क) प्रथम क्षेत्रक: प्रथम क्षेत्रक में, जिनमें कृषि, वानिकी पशुपालन, मत्स्यपालन, मुर्गीपालन और खनिज आदि क्रियाएँ शामिल हैं, पहले ही भारत की दो-तिहाई जनसंख्या को रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है।
(ख) द्वितीयक क्षेत्रक: द्वितीयक क्षेत्रक, जिसमें उत्खनन और विनिर्माण की क्रियाएँ शामिल है देश की कोई 10% कार्यरत जनसंख्या को रोजगार अवसर प्राप्त करा रहा है।
(ग) तृतीयक क्षेत्रक:तृतीयक क्षेत्रक, जिसमें परिवहन, संचार, व्यापार, बैंकिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य, बीमा, पर्यटन की क्रियाएँ शामिल है देश की कोई 20% कार्यरत जनसंख्या को अपने में समाए हुए है।
कृषि के क्षेत्र में पहले ही भारत की एक बड़ी जनसंख्या का भाग है इसलिए इसमें और लोगों के समाने की सम्भावना नहीं। वहाँ पर गुप्त बेरोजगारी के समाचार अकसर पढ़ने को मिलते है। ऐसे में अब द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रकों में रोजगार के अधिक अवसर सृजित किये जा सकते हैं।
Q3.) शिक्षा प्रणाली में शिक्षित बेरोजगारों की समस्या दूर करने के लिए क्या उपाय सुझाएँ जा सकते हैं ?
उत्तर:- भारत में शिक्षित बेरोजगारी की समस्या दूर करने के लिए शिक्षा प्रणाली के संदर्भ में निम्न उपाय सुझाए जा सकते हैं-
(क) भारतीय शिक्षा प्रणाली को रोजगार-उन्मुख बनाया जाना चाहिए।
(ख) व्यावसायिक शिक्षा पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए। प्रारंभ से ही छात्रों की व्यावसायिक शिक्षा पर बल दिया जाना चाहिए ताकि वे स्व-रोजगार कर सकें।
(ग) एक ऐसी शिक्षा योजना तैयार की जानी चाहिए जिससे शिक्षित युवकों को बेरोजगारी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ें।
(घ) छात्रों को स्व-रोजगार के विषय में जागरूक बनाया जाना चाहिए।
(ङ) शिक्षित व्यक्तियों में शिक्षकों, डॉक्टरों आदि के रूप में गाँवों में सेवा करने की भावना को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
(च) रोजगार सूचना और मार्गदर्शन प्रदान करनेवाले संस्थानों का विस्तार किया जाना चाहिए।
(छ) मँहगी व्यावसायिक शिक्षा एवं अपनी व्यावसायिक इकाई स्थापित करने के लिए छात्रों को वित्तीय सहायता दी जानी चाहिए।
Q4.) क्या आप कुछ ऐसे गाँव की कल्पना कर सकते हैं जहाँ पहले रोजगार का कोई अवसर नहीं था, परन्तु बाद में बहुतायत में हो गया।
उत्तर:- हमारे बहुत से गाँवों में लोग अपने कपड़े स्वयं धोते हैं, कपड़े स्वयं सीते हैं और घर की लेपा पोती भी स्वयं कर लेते हैं। यदि उन्हें अपने बच्चों को थोड़ा-बहुत पढ़ाना होता है तो वे यह काम स्वयं या गाँव वाले किसी आम पढ़े-लिखे सदस्य की सहायता से पूरा कर लेते हैं। कुछ लोग पढ़ाई के लिए अपने बच्चों को आस-पास कस्बे में भेज देते हैं। यदि कोई सिलाई का बड़ा काम करवाना हो तो वे आस के बड़े गाँवों या नगरों में जाकर पूरा करवा लेते हैं। यदि अपने परिवार की आवश्यकताओं से अधिक अनाज पैदा हो जाए तो वे अपना फालतू अनाज आस-पास की मण्डियों में बेच आते हैं। ऐसे में इन गाँवों में रोजगार के अवसर प्रायः न के बराबर होते हैं।
परन्तु यदि वे थोड़ा-सा प्रयत्न करें तो उसी गाँव में जहाँ पहले रोजगार के कोई अवसर नहीं थे, वहाँ रोजगार के अनेक अवसर पैदा किए जा सकते हैं।
(क) यदि वे अपने गाँव में कोई भी स्कूल खोल ले तो गाँव के अनेक पढ़े-लिखे लोगों को अपने ही गाँव में अध्यापक के पद पर काम करने वालों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो गए।
(ख) इसी प्रकार गाँव की कोई लड़की या लड़का दर्जी के कार्य का शहर से प्रशिक्षण लेकर अपने गाँव में ही दर्जी की दुकान खोल लेता है तो उस गाँव में दर्जी का काम करने वालों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो जाएँगे।
(ग) इसी प्रकार यदि कोई किसान अपने ही गाँव में गन्ने से रस निचोड़ने की मशीन लगाकर वहाँ गुड़ आदि बनाना शुरू कर देता है तो ऐसे में गाँव के अनेक बेकार लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो जाएँगे।
(घ) इसी प्रकार यदि गाँव का कोई साहसी युवक एक टैक्सी या तीन-पहिया स्कूटर खरीदकर गाँव के लोगों और उनके माल को आस-पास के गाँव तक लाना ले जाना शुरू कर देता है तो उस गाँव में एक-दो ड्राइवरों को नए रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो जाएँगे।
Q5.) भारत में साक्षरता दर बढ़ाने हेतु सरकार ने कौन-कौन से उपाय किए हैं?
उत्तर:- सरकार द्वारा साक्षरता दर बढ़ाने हेतु किए गए प्रयास निम्नांकित हैं-
(क) शिक्षा पर योजना परिव्यय पहली पंचवर्षीय योजना के ₹151 करोड़ से बढ़कर दसवीं पंचवर्षीय योजना में ₹43,825 करोड़ हो गया है।
(ख) प्रत्येक जिले में नवोदय विद्यालय जैसे स्कूलों की स्थापना की गई है।
(ग) प्राथमिक स्कूल प्रणाली भारत के 5,00,000 से भी अधिक गाँवों में फैली है।
(घ) सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में सर्वशिक्षा अभियान एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
(ङ) कक्षा में बच्चों की उपस्थिति को बढ़ावा देने, बच्चों के ध्यान और उनकी पोषण स्थिति में सुधार के लिए दोपहर के भोजन की योजना कार्यान्वित की जा रही है।
(च) दसवीं योजना की रणनीति पहुँच में वृद्धि, गुणवत्ता, राज्यों के लिए विशेष पाठ्यक्रम में परिवर्तन को स्वीकार करना, व्यवसायीकरण तथा सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग का जाल बिछाने पर केन्द्रित है। यह योजना दूरस्थ शिक्षा, औपचारिक, अनौपचारिक, दूरस्थ तथा संचार प्रौद्योगिकी की शिक्षा देनेवाले शिक्षण संस्थानों के अभिसरण पर भी केन्द्रित है।