jac class 10 solution chapter 7: नियंत्रण एंव समन्वय | Hindi medium

Jac Board class 10 science chapter 2 अम्ल क्षारक एंव लवन Hindi Medium | Jac Board Solutions Class 10 science | Class 10 science chapter 2 अम्ल क्षारक एंव लवन

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jac class 10 solution chapter 7

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chapter 7 नियंत्रण एंव समन्वय

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Jac Board Class 10 science chapter 7: नियंत्रण एंव समन्वय

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  • नोट्स 
  • अभ्यास 
  • V.V.I MCQs ( )

अध्याय 7 : नियंत्रण एंव समन्वय ( Control and Coordination)

उद्दीपन :- पौधों एंव जंतुओं द्वारा वृद्धि , विकास , पोषण आदि के लिए जो भी अनुक्रियाएँ की जाती है उन्हें उद्दीपन कहते हैं | 

अनुवर्तन :- पौधों में बहरी उद्दीपन को ग्रहण करने की क्षमता होती है | और वे उनके अनुसार गति करती है | पौधों में ऐसी गति को अनुवर्तन कहते है | पौधों में अनुवर्तन चार प्रकार के होते हैं 

  1. प्रकाशनुवर्तन 
  2. गुरुत्व्वानुवर्तन 
  3. जलानुवर्तन 
  4. रसायनुवर्तन 

(1) प्रकाशनुवर्तन :– पौधों की किसी अंग का प्रकाश की और गति करना प्रकाशनुवर्तन कहलाता है |

(2) गुरुत्व्वानुवर्तन :- पौधों की किसी अंग द्वारा गुरुत्व्वानुवर्तन की दिशा की और गति करना गुरुत्व्वानुवर्तन कहलाता है |

(3) जलानुवर्तन :- पौधों के किसी अंग द्वारा जल की ओर गति करना जलानुवर्तन कहलाता है |

(4) रसायनानुवर्तन :- पौधों के द्वारा रासायनिक उद्दीपन के लिए गति करना रसायनानुवर्तन कहलाता है | 

पादप हॉर्मोन :- पौधों में जैविक क्रियाओं के बिच समन्वय स्थापित करने वाले रासायनिक पदार्थ को पादप हॉर्मोन कहते हैं | 

पादप हॉर्मोन के प्रकार :- 

ऑक्सिन :- 

पाए जाने वाले स्थान :- तना जड़ के शीर्ष भाग में |

कार्य:- 

  • तना की वृद्धि में सहायक 
  • बीजरहित फलों के उत्पादन में सहायक |

जिब्बेरेलिन :- 

पाए जाने वाला स्थान :- तना के शीर्ष भाग में |

कार्य:- 

  • पौधे के तने की वृद्धि में सहायक |
  • बड़े आकर के के फलों एंव फलों के वृद्धि में सहायक |

साईटोकाईनिन :- 

पाए जाने वाला स्थान :- फल तथा बीजों में | 

कार्य:- 

  • कोशिका विभाजन को तेज़ करता है | 
  • पत्तियों को हरा – भरा एंव ताज़ा रखने में सहायक होता है | 

एब्सिसिक :- 

पाए जाने वाला स्थान :- तना |

कार्य:- 

  • पौधों की वृद्धि को नियंत्रित करता है |
  • बीजों की अंकुरण को रोकता है 
  • पतझड़ को प्रेरित करता है | 

एथिलीन :- 

पाए जाने वाला स्थान :- तने की अग्र भाग |

कार्य :- 

  • फलों को पकाने में सहायक होता है |

नोट:- यह गैसीय अवस्था में पाई जाती है | 

जंतुओं में नियंत्रित एंव समन्वय :- 

तंत्रिका तंत्र :- जंतुओं में तंत्रिका कोशिकाएँ एंव मस्तिष्क मिलकर तंत्रिका तंत्र का निर्माण करता है | 

जंतु हॉर्मोन :जंतुओं में शारीरिक क्रियाओं के नियंत्रण एंव समन्वय करने वाले रासायनिक पदार्थ को जंतु हॉर्मोन कहते हैं | यह अत: स्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित होती है |

तंत्रिका कोशिका ( न्यूरॉन ) :- जंतुओं के शरीर में एक विशेष प्रकार की कोशिका पाई जाती है जिसे तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन कहा जाता है | 

Q1.) प्रतिवर्ती क्रिया तथा टहलने के बिच क्या अंतर है ?

उत्तर:- प्रतिवर्ती क्रिया:

  1. प्रतिवर्ती क्रिया मेरुरज्जु से नियंत्रित होती है |
  2. प्रतिवर्ती क्रिया एक अनेच्छिक  क्रिया है जो स्वत: होती रहती है | 

टहलना:- 

  1. टहलना मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होती है | 
  2. टहलना एक एच्छिक क्रिया है जिसे हम अपने अनुसार नियंत्रि करते हैं | 

Q2.) दो तंत्रिका कोशिकाओं के मध्य अंतर्ग्रथन ( सिनेप्स ) में क्या होता है ?

उत्तर:- दो तंत्रिका कोशिकाओं के मध्य बहुत छोटा रिक्त स्थान होता है जो अन्तर्ग्रथन ( सिनेप्स) कहलाता है |अंतर्ग्रथन में तंत्रिकक्ष के ant में कुछ रसायनों ( एसिटल कोलोन ) का विमोचन होता है यह रसायन रिक्त स्थान के दरार में भर जाता है उद्दीपन उसी रसायन के माध्यम से अगली तंत्रिका कोशिका की दृमिका में पहुँचता जाता है |

Q3.) दो तंत्रिका कोशिका के मध्य खली स्थान को क्या कहते हैं ?

उत्तर:-   सिनेप्टिक दरार

Q4.) मस्तिष्क का कौन सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है ? 

उत्तर:- मस्तिष्क के पश्य मस्तिष्क का अनुमस्तिष्क शरीर की स्थिति तथा संतुलन को नियंत्रित करता है |

Q5.) हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगते हैं ?

उत्तर:- हमारे अग्र्मस्तिश्क में एक विशेष क्षेत्र होता है जैसे – घ्राण केंद्र जो गंध से संबंधित सूचनाओं को प्राप्त करता है और मस्तिष्क तक पहुंचता है यह गंध के संबंध में प्राप्त सुचना पहले से एकत्रित सूचनाओं में से अगरबत्ती की गंध से मेल खाती है तो मस्तिष्क यह निष्कर्ष निकट है की यह अगरबत्ती का गंध है | 

Q6.) प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क का क्या भूमिका रहता है ? 

उत्तर:- प्रतिवर्ती क्रिया मस्तिष्क के नियंत्रण में नही होती है | ये क्रियाएँ मेरुरज्जु के नियंत्रण में होती है मस्तिष्क प्रतिवर्ती क्रिया में होने वाले कार्य की सुचना अपने अंदर संचित कर लेता है  और इस पर सोंचने तथा विश्लेषण करने का कार्य करती है | 

Q7.) तिन पादप हॉर्मोन का नाम बताएँ ?

उत्तर:- तिन पादप हॉर्मोन –

  1. ओक्सिन 
  2. जिब्बेरेलिन 
  3. साईटोकईनिन 

Q8.) एक पादप हॉर्मोन का उदाहरण दें जो वृद्धि को बढाता है ?

उत्तर:- ओक्सिन |

Q9.) किस हॉर्मोन के कारन तना प्रकाश की ओर मुड़ता है ?

उत्तर:- ओक्सिन |

Q10.) किसी सहारे के चारों ओर एक प्रतन की वृद्धि में ओक्सिन किस प्रकार सहायक है ?

उत्तर:- दुर्बल पौधों के प्रतन के शिखर पर ओक्सिन बनता है | यह हमेशा प्रारोह के छाया में स्थित भाग में विसरित होता है जो क्षत्र की कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि को उत्प्रेरित करता है उसके कारन प्ररोह प्रकाश की ओर मुड जाता है | 

Q11.) आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यूँ दी जाती है ? 

उत्तर:- थाइराइड ग्रंथि थाइरोक्सिन हॉर्मोन स्रावित करती है थाइरोक्सिन के संश्लेषण के लिए आयोडीन अनिवार्य है | हमारे आहार में आयुदीन की कमी दोनों पर घेंघा रोग हो जाता है इसलिए आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह दी जाती है |

Q12.) जंतुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है ?

उत्तर:- जंतुओं में रासायनिक समन्वय हॉर्मोन्स के द्वारा होता है जो जंतुओं के शरीर में उपस्थित विभिन्न अंत: स्रावी ग्रंतियों से स्रावित होती है | 

Q13.) जब एड्रीनलीन रुधिर में स्रावित होती है तो हमारे शारीर में क्या अनुक्रिया होती है ?

उत्तर:- जब एड्रीनलीन रुधिर से स्रावित होती है तो हमरे ‘ ह्रदय स्पंदन ‘ श्वसन दर ‘  एंव  ‘ पेशियों में रुदिर प्रवाह ‘ तेज़ हो जाता है जिससे परिस्थिति कार्य करने में मदद मिलती है | 

Q14.) मधुमय के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलीन का इंजेक्शन देकर क्यों किया जाता है “

उत्तर:– इंसुलीन हॉर्मोन अग्नाशय में पाई जाने वाली ” आइलेट्स ऑफ लैंगरहैन्स ” नमक अंत: स्रावी ग्रंथियों से स्रावित होती है यह रुधिर में शर्करी की मात्रा को नितान्त्रित करती है | रुधिर में शर्करा की मात्र अधिक होने पर इंसुलीन की अधिक आवश्यकता होती है अंत: चिकित्सक रोगी को इंसुलीन की इंजेक्शन लेने की सलाह देते हैं | 

Q15.) किस हॉर्मोन की अधिकता से रक्त में कैल्सियम की मात्रा अधिक बढ़ जाती है ?

उत्तर:- पैराथायरॉक्सिन हॉर्मोन |

Q16.) अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक – दुसरे से किस प्रकार भिन्न हैं ? 

उत्तर:-

प्रतिवर्ती क्रियाएँ –

  1. प्रतिवर्ती क्रियाओं को मेरुरज्जु नियंत्रित करना है |
  2. इसमें सोंचने की आवश्यकता नही होती है |
  3. इन क्रियाओं को पूरा होने में एक सेकेण्ड से भी कम समय लगता है |

अनेच्छिक क्रियाएँ :- 

  1. अनेच्छिक क्रियाएँ मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होती  है | 
  2. इनमे सोंचने की आवश्यकता होती है |
  3. इन क्रियाओं को पूरा होने में अपेक्षाकृत अधिक समय लगता है |

Q17.) जंतुओं में नियंत्रण एंव समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हॉर्मोन क्रियाविधि को समझाएँ ?

उत्तर:-

तंत्रिका कार्यविधि :- 

  1. तंत्रिका कार्यविधि में शरीर में तंत्रिकाओं का एक जाल बना होता है |
  2. तंत्रिकाओं एंव अंगों का आपसी संबंध केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र से नियंत्रित रहता है |
  3. सभी प्रकार की क्रियाएँ तंत्रिकाओं एंव केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र से नियंत्रित होती है | 

हॉर्मोन कार्यविधि :- 

  1. हॉर्मोनिक कार्यविधि में तंत्रिका कार्यविधि की तरह कोई जाल नही होता है | 
  2. इसमें ऐसा कुछ नही होता |
  3. ये क्रियाएँ हॉर्मोन्स द्वारा नियंत्रित होती है |

Q18.) मेरुरज्जु आघात में किन संकेतों का आने में व्यवधान होगा ?

उत्तर:- मेरुरज्जु आघात में प्रतिवर्ती क्रिया में व्यवधान उत्पन्न होगा |

Q19.) छुई – मुई पादप में गति तथा हमारी टाँग में होने वाली गति में क्या अंतर है ?

उत्तर:-

छुई – मुई पादप में गति :- 

  1. छुई – मुई पादप में जल की गति के कारन कोशिकाएँ अपने आकर में परिवर्तित कर लेती है |
  2. यह गति पौधे के किसी दुसरे अंग द्वारा नियंत्रित नही होती है |
  3. इस गति में विधुत रसायन विधि द्वारा सुचना भेजी जाती है |

मानव की टाँग में गति :- 

  1. यह गति जल के गति के कारन नही होती | 
  2. इस गति पर मस्तिष्क एंव मेरुरज्जु का नियंत्रण होता है | 
  3. इसमें विधुत रसायन क्रिया नही होती | 

Q20.) तंत्रिका कोशिका के कार्यों का वर्णन करें ?

उत्तर:-

न्यूरॉन के कार्य :- हमारा तंत्रिका तंत्र तंत्रिका कोशिकाओं का बना होता है | 

ये दो प्रकार की होती है :- 

  1. संवेदी तंत्रिका :- ये तंत्रिकाएँ जो ग्राही अंगों से उद्दीपन ग्रहण कर सूचनाओं को मस्तिष्क अथवा मेरुरज्जु तक ले जाती है |
  2. वाहक तंत्रिका :- ये तंत्रिकाएँ मस्तिष्क अथवा मेरुरज्जु से आदेश प्रभावी अंगो तक पहुंचाती है | 

Q21.) एक जीव में नियंत्रण एंव समन्वय तंत्र की क्या आवश्यकता है ?

उत्तर:- जीवों में तंत्रिका तंत्र नियंत्रण एंव अमंवय का कार्य करता है | अगर जीवों में समन्वय तंत्र नही होगा तो सभी कोशिकाएँ स्वतंत्र रूप से कार्य करेगी तथा हमें एच्छिक परिणाम नही मिलेंगे अत: किसी जीव के जीवित रहने के निये नियंत्रण एंव समन्वय अनिवार्य है

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