jac class 10 solution chapter 2 : अम्ल क्षारक एंव लवन | hindi medium

Jac Board class 10 science chapter 2 अम्ल क्षारक एंव लवन Hindi Medium | Jac Board Solutions Class 10 science | Class 10 science chapter 2 अम्ल क्षारक एंव लवन

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Jac Class 10 Solution Chapter 2  

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Chapter 2 अम्ल क्षारक एंव लवन

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Jac Board Class 10 science chapter 2: अम्ल क्षारक एंव लवनण

jac Board Class 10 science MCQs Chapter 2

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  • अभ्यास 
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Jac Board Class 10 Science Chapter 2:अम्ल क्षारक एंव लवन

अध्याय 2 : अम्ल क्षारक एंव लवन(Acid Base and Salt)

अम्ल (Acid):-

  1. ऐसे पदार्थ जो स्वाद में खट्टे होते हैं , उसे अम्ल कहते हैं | 
  2. यह जल में घुलने पर H आयन देते हैं |
  3. अम्ल का जलीय विलियन विधुत का चालन करता है |
  4. अम्ल का PH  मान 7 से कम तथा 0 से ऊपर होता है |
  5. अमल क्षारक से अभिक्रिया कर लवन तथा जल बनाता है |

EX :- Hcl , HNO3

क्षारक (Base):- 

  1. अय्से पदार्थ जो स्वाद में तीखे तथा कड़वे होते है , उसे क्षारक कहते हैं | 
  2. यह जल में घुलने पर OH¯ आयन देती है |
  3. क्षारक का जलीय विलियन विधुत का चालन नही करता |
  4. क्षारक का PH मान 7 से ऊपर तथा 14 से कम होता है | 
  5. क्षारक , अम्ल से अभिक्रिया करके लवन तथा जल बनाते हैं |

EX :- NaOH , CaOH2

लवन (Salt):- अमल  और क्षारक आपस में अभिक्रिया कर एक दुसरे के गुणों को नष्ट कर देती है और लवन का निर्माण करते हैं | 

EX :- Nacl , Cacl2

तनुकरण ( Dilution):-जल में अमल या क्षारक मिलने पर आयन की सांद्रता में प्रति इकाई आयतन की कमी हो जाती है | इस प्रक्रिया को तनुकरण कहते है |

PH स्केल :- किसी विलियन में उपस्थित हाइड्रोजन की सांद्रता ज्ञात करने के लिए एक स्केल का उपयोग किया जाता है ,  जिसे PH स्केल कहते हैं | PH स्केल का पारास मान 0 – 14 होता है |

गांधिय सूचक ( Odor indications ) :- ऐसा पदार्थ जिसको अम्ल या क्षारक में मिलाने से उसके गंध में परिवर्तन होता है , जिसे गांधिय सूचक कहते है |

जैसे:- लौंग का तेल , प्याज , वैनिला आदि |

उदासीनीकरण ( Neutralisation):-  ऐसी अभिक्रिया जिसमे अम्ल और क्षारक आपस में अभिक्रिया कर एक दुसरे के गुणों को नष्ट कर देते हैं , और लवन तथा जल का निर्माण करते हैं | उसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं |

EX :- अमल + क्षारक → लवन + जल 

          Hcl + NaOH → Nacl + H2O

क्लोर क्षार (Chlor alali ) :-

जब सोडियम क्लोराइड के जलीय विलियन पर विधुत धरा प्रवाहित की जाती है , तो सोडियम हाइड्रोक्साइड उत्पन्न होती है , इस प्रक्रिया को क्लोर क्षार कहते हैं | 

EX :- 2Nacl+2H2O → 2NaOH+cl2+H2

अम्ल के साथ धातु ऑक्साइड की अभिक्रिया

अम्ल ज+धातु ऑक्साइड → लवन +जल 

2Hcl+CaO → Cacl2+H2O

अम्ल के साथ धातुओं का अभिक्रिया 

अम्ल + धातु → लवन + हाइड्रोजन गैस 

Hcl + Na → Nacl+H2

 अम्ल के साथ क्षारक का अभिक्रिया 

अम्ल + क्षारक → लवन + जल 

Hcl + NaOH → Nacl + H2O

अम्ल के साथ धातु कार्बोनेट का अभिक्रिया 

अम्ल + धातु कार्बोनेट → लवन + जल + Co2

Hcl + ZnCoo → Zncl2 + Co2

अम्ल के साथ धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट का अभिक्रिया 

अम्ल + धातु बाईकार्बोनेट → लवन + जल + Co2

Hcl + ZnHCo2 → Zncl2 + H2O + Co2

विरंजक चूर्ण ( Bleaching powder ):- कैल्शियम ओक्सिक्लोराईड (Symbol) सूत्र:- CaOcl2

उपयोग(Uses):- 

  1. वस्त्र उधोग में
  2. कागज़ फैक्ट्री में 
  3. धोबी घात में 
  4. रासायनिक उधोग में 
  5. पिने वाले जल से जीवाणु मुक्त करने में 

निर्माण ( Making ) :- बुझा हुआ चुना जब क्लोरिन के साथ अभिक्रिया करता है , तो विरंजक चूर्ण तथा जल का निर्माण होता है | 

बुझा हुआ चुना + क्लोरिन → विरंजक चूर्ण + जल 

Ca(OH)2 + cl2 → CaOcl2 + H2O

बैकिंग सोडा ( Baking soda ) :- सोडियम बाईकार्बोनेट 

सूत्र (Symbol ) :- NaHCO3

उपयोग (Uses ) :- 

  1. अग्नीश्मक  में 
  2. बैकिंग पाउडर बनाने में 
  3. औष्धी बनाने में 
  4. खाद्य पदार्थों को मुलायम और स्पंजी करने में |

निर्माण ( Making ) :- कच्चे पदार्थों में सोडियम क्लोराइड का उपयोग कर इसका निर्माण किया जाता है | 

NaCl+ H2O + CO2 + NH3 → NH4Cl+ NaHCO3

धोने का सोडा ( Washing soda ) :- सोडियम कार्बोनेट 

सूत्र ( Symbol ):- Na2CO3 . 10H2O

उपयोग ( Uses ) :- 

  1. काँच उधोग में 
  2. साबुन बनाने में 
  3. कागज़ उधोग में 
  4.  बौरेक्स के निर्माण में 
  5. जल की स्थायी कठोरता को हटाने के लिए |

निर्माण ( Making ) :- सोडियम कार्बोनेट के पुन:क्रिस्टिलिकरण से धोने का सोडा बनता है | 

Na2CO3 + 10H2O Na2CO3 . 10H2O

प्लास्टर ऑफ पेरिस :- प्लास्टर ऑफ पेरिस 

सूत्र:- CaSO4 ½ H2O

उपयोग :- 

  1. हत्तियों को जोड़ने में 
  2. खिलौना बनाने में 
  3. भवन निर्माण में 
  4. मूर्ति बनाने में 

निर्माण ( Making ):- जिप्सम को 373k पर गर्म करने पर जिप्सम जल के अणुओं का त्याग कर कैल्शियम सल्फेट अर्धहाईट्रेट ( CaSO4 ½ H2O ) में परिवर्तन हो जाता है , जिसे प्लास्टर ऑफ पेरिस कहते है |

                                  373K

CaSO4 . 2H2O → CaSO4 . ½H2O + 1½H2O

Q1.) पीतल एंव तांबे के बर्तनों में दही एंव खट्टे पदार्थ क्यों नही रखने चाहिए ?

उत्तर:- खट्टे पदार्थों में अम्ल होता है , इसीलिए जब उन्हें पीतल या तांबे के बर्तनों में रखा जाता है है , तो यह अम्ल धातुओं से अभिक्रिया कर खट्टे पदार्थ को दूषित कर देती है और हाइड्रोजन गैस मुक्त कर देती है , अत: हमें पीतल एंव तांबे के बर्तनों में खट्टे पदार्थ नही रखने चाहिए | 

Q2.) धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर समान्यता : कौन सी गैस निकलती है | एक उदहारण के द्वारा समझिए इस गैस की उपस्थिति की जाँच कैसे करेंगे ?

उत्तर:- धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर समान्यत : हाइड्रोजन गैस निकलती है |

उदहारण:- जब तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल जिंक धातु के साथ अभिक्रिया करती है , तो हाइड्रोजन गैस का निर्माण होता है |

Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2

जांच:- जब हम इस गैस की परखनली के मुंह के पास कोई हलती वास्तु ले जाते हैं , तो फट – फट की ध्वनी के साथ जलती है |

Q3.) HCl , HNO3 आदि  जलीय विलियन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं जब की एल्कोहॉल एंव ग्लूकोच जैसे यौगिक के विलियनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नही प्रदर्शित होते हैं ?

उत्तर :- HCl , HNO3 आदि जलीय विलियन में अम्लीय अभिलक्षण इसीलिए प्रदर्शित करते हैं क्योंकि यह जलीय विलियन में घुलकर आसानी से H+ आयन त्याग देता है | जबकी एल्कोहॉल एंव ग्लूकोच जलीय विलियन में घुलकर OH¯ आयन देता है | इसीलिए यह पदार्थ अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित नही करते हैं |

Q4.) अम्ल का जलीय विलियन विधुत का चालन क्यों करता है ?

उत्तर:- अम्ल का जलीय विलियन विधुत का चालन इसिलिय करता है , क्योंकि अम्ल जल में घुलकर H+ आयन देता है तथा इन्ही आयनों के द्वारा ही विधुत धरा प्रवाहित होती है |

Q5.) शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नही बदलती है ?

उत्तर:- क्योंकि शुष्क वातावरण में H+आयन का निर्माण नही होता है |इसीलिए शुष्क हाइड्रोक्लोरीक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को नही बदलता है |

Q6.) अम्ल को तनुकृत करते है कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए न की जल को अम्ल में ?

उत्तर:- क्यूंकि जल को अम्ल में मिलाने पर अत्याधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है , जिससे आग लगने की संभव बढ़ जाती है , तथा प्रयोग किए जाने वाला काँच का गिलास भी टूट सकता है अत: चोट भी लग सकती है , इसीलिए अम्ल को धीरे – धीरे तथा जल को लगातार हिलाते हुए जल में मिलाना चाहिए |

Q7.) अम्ल के विलियन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन(H3O+)  की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है ?

उत्तर:- अम्ल के विलियन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन की सांद्रता में (H3O+/OH¯) प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है |

Q8.) जब सोडियम हाइड्रोऑक्साइड विलियन में अधिक क्षारक मिलाते है , तो हाइड्रोऑक्साइड आयन ( OH¯) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है ?

उत्तर:- हाइड्रोऑक्साइड आयन ( OH¯) की सांद्रता बढ़ जाती है |

Q9.) H+( aq ) आयन की सांद्रता का विलियन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पढता है ?

उत्तर:- H+( aq ) आयन की सांद्रता से विलियन की अम्लीयता अधिक हो जाती है |

Q10.) उस पदार्थ का नाम बताएँ जो क्लोरिन से अभिक्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है ? 

उत्तर:- कैल्सियम हाइड्रोऑक्साइड Ca2(OH) 

Q11.) क्या क्षारकीय विलियन में H+( aq ) आयन होते है , अगर हाँ तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं ? 

उत्तर:- क्षारकीय विलियन में H+( aq ) आयन भी होते हैं लेकिन फिर भी यह क्षारकीय होते हैं क्योंकि OH¯ ( aq ) आयन की संख्या H+( aq ) आयनों से अधिक होती है |

Q12.) कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है ?

उत्तर:- धोने का सोडा 

Q13.) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के विलियन को गर्म करने पर क्या होगा ? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए ?

उत्तर:- सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के जलिए विलियन को गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट तथा कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होगा |

                                    गर्म

2NaHCO3 (aq ) → Na2Co3 + CO2

Q14.) उपच का उपचार करने के लिए किस औष्धी का उपयोग किया जाता है ?

उत्तर:- एन्टैसिड ( Anticid ) 

Q15.) प्लास्टर ऑफ पेरिस का जल के साथ अभिक्रिया लिखिए ?

उत्तर:- CaSO4 ½H2O + 1H2O → CaSO4 . 2HO

प्लास्टर ऑफ पेरिस का जल के साथ अभिक्रिया होने पर ” जिप्सम ” का निर्माण होता है |

Q16.) जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नही होता है ? 

उत्तर:- जल की अनुपस्थिति में H+ आयन नही देते हैं जबकि अम्लों से H+ आयन का निर्माण जल की उपस्थिति में ही होती है | इसीलिए जल की अनुपस्थिति में अम्ल , अम्लीय व्यवहार नही दर्शाता है |

Q17.) प्लास्टर ऑफ पेरिस को अर्ध्र – रोधी बर्तन में क्यों नही रखा जाना चाहिए ?

उत्तर:- प्लास्टर ऑफ पेरिस जल के साथ अभिक्रिया कर जिप्सम बना लेती है , इसीलिए इसको अर्ध्र – रोधी बर्तन में नही रखना चाहिए |

Q18.) लिटमस का स्रोत क्या है ?

उत्तर:- लाइचेन |

Q19.) आसवित जल विधुत का चलन क्यों नही करता जबकि वर्ष जल करता है ?

उत्तर:- आसवित जल H+ तथा OH¯ आयनों में पृथक नही होता | वर्ष के जल में अम्ल में अन्य अशुद्धियाँ होती है | इसीलिए वर्ष के जल में H+ तथा OH¯ आयनों की उपस्थिति होती है | तथा इन आयनों की उपस्थिति के कारन ही वर्ष का जल विधुत का चालन करता है | 

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