Jac Board class 10 science chapter 2 अम्ल क्षारक एंव लवन Hindi Medium | Jac Board Solutions Class 10 science | Class 10 science chapter 2 अम्ल क्षारक एंव लवन
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Jac Class 10 Solution Chapter 2
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Chapter 2 अम्ल क्षारक एंव लवन
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Jac Board Class 10 science chapter 2: अम्ल क्षारक एंव लवनण
Jac Class 10 Solution Chapter 2
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- नोट्स
- अभ्यास
- V.V.I MCQs (36)
कक्षा | 10th |
अध्याय | 2 |
अध्याय का नाम | अम्ल क्षारक एंव लवन |
पाठ्यक्रम का प्रकार | JAC Board |
माध्यम | हिंदी |
शैक्षणिक वर्ष | 2024 – 25 |
समाधान का प्रारूप | पीडीएफ / ऑनलाइन |
समाधान की भाषा | हिंदी |
मूल्य | निःशुल्क |
Jac Board Class 10 Science Chapter 2:अम्ल क्षारक एंव लवन
अध्याय 2 : अम्ल क्षारक एंव लवन(Acid Base and Salt)
♦ अम्ल (Acid):-
- ऐसे पदार्थ जो स्वाद में खट्टे होते हैं , उसे अम्ल कहते हैं |
- यह जल में घुलने पर H+ आयन देते हैं |
- अम्ल का जलीय विलियन विधुत का चालन करता है |
- अम्ल का PH मान 7 से कम तथा 0 से ऊपर होता है |
- अमल क्षारक से अभिक्रिया कर लवन तथा जल बनाता है |
EX :- Hcl , HNO3
♦ क्षारक (Base):-
- अय्से पदार्थ जो स्वाद में तीखे तथा कड़वे होते है , उसे क्षारक कहते हैं |
- यह जल में घुलने पर OH¯ आयन देती है |
- क्षारक का जलीय विलियन विधुत का चालन नही करता |
- क्षारक का PH मान 7 से ऊपर तथा 14 से कम होता है |
- क्षारक , अम्ल से अभिक्रिया करके लवन तथा जल बनाते हैं |
EX :- NaOH , CaOH2
♦ लवन (Salt):- अमल और क्षारक आपस में अभिक्रिया कर एक दुसरे के गुणों को नष्ट कर देती है और लवन का निर्माण करते हैं |
EX :- Nacl , Cacl2
♦ तनुकरण ( Dilution):-जल में अमल या क्षारक मिलने पर आयन की सांद्रता में प्रति इकाई आयतन की कमी हो जाती है | इस प्रक्रिया को तनुकरण कहते है |
♦ PH स्केल :- किसी विलियन में उपस्थित हाइड्रोजन की सांद्रता ज्ञात करने के लिए एक स्केल का उपयोग किया जाता है , जिसे PH स्केल कहते हैं | PH स्केल का पारास मान 0 – 14 होता है |
♦ गांधिय सूचक ( Odor indications ) :- ऐसा पदार्थ जिसको अम्ल या क्षारक में मिलाने से उसके गंध में परिवर्तन होता है , जिसे गांधिय सूचक कहते है |
जैसे:- लौंग का तेल , प्याज , वैनिला आदि |
♦ उदासीनीकरण ( Neutralisation):- ऐसी अभिक्रिया जिसमे अम्ल और क्षारक आपस में अभिक्रिया कर एक दुसरे के गुणों को नष्ट कर देते हैं , और लवन तथा जल का निर्माण करते हैं | उसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं |
EX :- अमल + क्षारक → लवन + जल
Hcl + NaOH → Nacl + H2O
♦ क्लोर क्षार (Chlor alali ) :-
जब सोडियम क्लोराइड के जलीय विलियन पर विधुत धरा प्रवाहित की जाती है , तो सोडियम हाइड्रोक्साइड उत्पन्न होती है , इस प्रक्रिया को क्लोर क्षार कहते हैं |
EX :- 2Nacl+2H2O → 2NaOH+cl2+H2
◊ अम्ल के साथ धातु ऑक्साइड की अभिक्रिया
अम्ल ज+धातु ऑक्साइड → लवन +जल
2Hcl+CaO → Cacl2+H2O
◊ अम्ल के साथ धातुओं का अभिक्रिया
अम्ल + धातु → लवन + हाइड्रोजन गैस
Hcl + Na → Nacl+H2
◊ अम्ल के साथ क्षारक का अभिक्रिया
अम्ल + क्षारक → लवन + जल
Hcl + NaOH → Nacl + H2O
◊ अम्ल के साथ धातु कार्बोनेट का अभिक्रिया
अम्ल + धातु कार्बोनेट → लवन + जल + Co2
Hcl + ZnCoo2 → Zncl2 + Co2
◊ अम्ल के साथ धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट का अभिक्रिया
अम्ल + धातु बाईकार्बोनेट → लवन + जल + Co2
Hcl + ZnHCo2 → Zncl2 + H2O + Co2
♦ विरंजक चूर्ण ( Bleaching powder ):- कैल्शियम ओक्सिक्लोराईड (Symbol) सूत्र:- CaOcl2
उपयोग(Uses):-
- वस्त्र उधोग में
- कागज़ फैक्ट्री में
- धोबी घात में
- रासायनिक उधोग में
- पिने वाले जल से जीवाणु मुक्त करने में
निर्माण ( Making ) :- बुझा हुआ चुना जब क्लोरिन के साथ अभिक्रिया करता है , तो विरंजक चूर्ण तथा जल का निर्माण होता है |
बुझा हुआ चुना + क्लोरिन → विरंजक चूर्ण + जल
Ca(OH)2 + cl2 → CaOcl2 + H2O
♦ बैकिंग सोडा ( Baking soda ) :- सोडियम बाईकार्बोनेट
सूत्र (Symbol ) :- NaHCO3
उपयोग (Uses ) :-
- अग्नीश्मक में
- बैकिंग पाउडर बनाने में
- औष्धी बनाने में
- खाद्य पदार्थों को मुलायम और स्पंजी करने में |
निर्माण ( Making ) :- कच्चे पदार्थों में सोडियम क्लोराइड का उपयोग कर इसका निर्माण किया जाता है |
NaCl+ H2O + CO2 + NH3 → NH4Cl+ NaHCO3
♦ धोने का सोडा ( Washing soda ) :- सोडियम कार्बोनेट
सूत्र ( Symbol ):- Na2CO3 . 10H2O
उपयोग ( Uses ) :-
- काँच उधोग में
- साबुन बनाने में
- कागज़ उधोग में
- बौरेक्स के निर्माण में
- जल की स्थायी कठोरता को हटाने के लिए |
♦ निर्माण ( Making ) :- सोडियम कार्बोनेट के पुन:क्रिस्टिलिकरण से धोने का सोडा बनता है |
Na2CO3 + 10H2O → Na2CO3 . 10H2O
♦ प्लास्टर ऑफ पेरिस :- प्लास्टर ऑफ पेरिस
सूत्र:- CaSO4 ½ H2O
उपयोग :-
- हत्तियों को जोड़ने में
- खिलौना बनाने में
- भवन निर्माण में
- मूर्ति बनाने में
निर्माण ( Making ):- जिप्सम को 373k पर गर्म करने पर जिप्सम जल के अणुओं का त्याग कर कैल्शियम सल्फेट अर्धहाईट्रेट ( CaSO4 ½ H2O ) में परिवर्तन हो जाता है , जिसे प्लास्टर ऑफ पेरिस कहते है |
373K
CaSO4 . 2H2O → CaSO4 . ½H2O + 1½H2O
Q1.) पीतल एंव तांबे के बर्तनों में दही एंव खट्टे पदार्थ क्यों नही रखने चाहिए ?
उत्तर:- खट्टे पदार्थों में अम्ल होता है , इसीलिए जब उन्हें पीतल या तांबे के बर्तनों में रखा जाता है है , तो यह अम्ल धातुओं से अभिक्रिया कर खट्टे पदार्थ को दूषित कर देती है और हाइड्रोजन गैस मुक्त कर देती है , अत: हमें पीतल एंव तांबे के बर्तनों में खट्टे पदार्थ नही रखने चाहिए |
Q2.) धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर समान्यता : कौन सी गैस निकलती है | एक उदहारण के द्वारा समझिए इस गैस की उपस्थिति की जाँच कैसे करेंगे ?
उत्तर:- धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर समान्यत : हाइड्रोजन गैस निकलती है |
उदहारण:- जब तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल जिंक धातु के साथ अभिक्रिया करती है , तो हाइड्रोजन गैस का निर्माण होता है |
Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2
जांच:- जब हम इस गैस की परखनली के मुंह के पास कोई हलती वास्तु ले जाते हैं , तो फट – फट की ध्वनी के साथ जलती है |
Q3.) HCl , HNO3 आदि जलीय विलियन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं जब की एल्कोहॉल एंव ग्लूकोच जैसे यौगिक के विलियनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नही प्रदर्शित होते हैं ?
उत्तर :- HCl , HNO3 आदि जलीय विलियन में अम्लीय अभिलक्षण इसीलिए प्रदर्शित करते हैं क्योंकि यह जलीय विलियन में घुलकर आसानी से H+ आयन त्याग देता है | जबकी एल्कोहॉल एंव ग्लूकोच जलीय विलियन में घुलकर OH¯ आयन देता है | इसीलिए यह पदार्थ अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित नही करते हैं |
Q4.) अम्ल का जलीय विलियन विधुत का चालन क्यों करता है ?
उत्तर:- अम्ल का जलीय विलियन विधुत का चालन इसिलिय करता है , क्योंकि अम्ल जल में घुलकर H+ आयन देता है तथा इन्ही आयनों के द्वारा ही विधुत धरा प्रवाहित होती है |
Q5.) शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नही बदलती है ?
उत्तर:- क्योंकि शुष्क वातावरण में H+आयन का निर्माण नही होता है |इसीलिए शुष्क हाइड्रोक्लोरीक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को नही बदलता है |
Q6.) अम्ल को तनुकृत करते है कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए न की जल को अम्ल में ?
उत्तर:- क्यूंकि जल को अम्ल में मिलाने पर अत्याधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है , जिससे आग लगने की संभव बढ़ जाती है , तथा प्रयोग किए जाने वाला काँच का गिलास भी टूट सकता है अत: चोट भी लग सकती है , इसीलिए अम्ल को धीरे – धीरे तथा जल को लगातार हिलाते हुए जल में मिलाना चाहिए |
Q7.) अम्ल के विलियन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन(H3O+) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है ?
उत्तर:- अम्ल के विलियन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन की सांद्रता में (H3O+/OH¯) प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है |
Q8.) जब सोडियम हाइड्रोऑक्साइड विलियन में अधिक क्षारक मिलाते है , तो हाइड्रोऑक्साइड आयन ( OH¯) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है ?
उत्तर:- हाइड्रोऑक्साइड आयन ( OH¯) की सांद्रता बढ़ जाती है |
Q9.) H+( aq ) आयन की सांद्रता का विलियन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पढता है ?
उत्तर:- H+( aq ) आयन की सांद्रता से विलियन की अम्लीयता अधिक हो जाती है |
Q10.) उस पदार्थ का नाम बताएँ जो क्लोरिन से अभिक्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है ?
उत्तर:- कैल्सियम हाइड्रोऑक्साइड Ca2(OH)
Q11.) क्या क्षारकीय विलियन में H+( aq ) आयन होते है , अगर हाँ तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं ?
उत्तर:- क्षारकीय विलियन में H+( aq ) आयन भी होते हैं लेकिन फिर भी यह क्षारकीय होते हैं क्योंकि OH¯ ( aq ) आयन की संख्या H+( aq ) आयनों से अधिक होती है |
Q12.) कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर:- धोने का सोडा
Q13.) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के विलियन को गर्म करने पर क्या होगा ? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए ?
उत्तर:- सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के जलिए विलियन को गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट तथा कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होगा |
गर्म
2NaHCO3 (aq ) → Na2Co3 + CO2 ↑
Q14.) उपच का उपचार करने के लिए किस औष्धी का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर:- एन्टैसिड ( Anticid )
Q15.) प्लास्टर ऑफ पेरिस का जल के साथ अभिक्रिया लिखिए ?
उत्तर:- CaSO4 ½H2O + 1H2O → CaSO4 . 2HO
प्लास्टर ऑफ पेरिस का जल के साथ अभिक्रिया होने पर ” जिप्सम ” का निर्माण होता है |
Q16.) जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नही होता है ?
उत्तर:- जल की अनुपस्थिति में H+ आयन नही देते हैं जबकि अम्लों से H+ आयन का निर्माण जल की उपस्थिति में ही होती है | इसीलिए जल की अनुपस्थिति में अम्ल , अम्लीय व्यवहार नही दर्शाता है |
Q17.) प्लास्टर ऑफ पेरिस को अर्ध्र – रोधी बर्तन में क्यों नही रखा जाना चाहिए ?
उत्तर:- प्लास्टर ऑफ पेरिस जल के साथ अभिक्रिया कर जिप्सम बना लेती है , इसीलिए इसको अर्ध्र – रोधी बर्तन में नही रखना चाहिए |
Q18.) लिटमस का स्रोत क्या है ?
उत्तर:- लाइचेन |
Q19.) आसवित जल विधुत का चलन क्यों नही करता जबकि वर्ष जल करता है ?
उत्तर:- आसवित जल H+ तथा OH¯ आयनों में पृथक नही होता | वर्ष के जल में अम्ल में अन्य अशुद्धियाँ होती है | इसीलिए वर्ष के जल में H+ तथा OH¯ आयनों की उपस्थिति होती है | तथा इन आयनों की उपस्थिति के कारन ही वर्ष का जल विधुत का चालन करता है |
Jac Board Class 10 Science Chapter-wise Notes
- अध्याय 1: रासायनिक अभिक्रिया एवं समीकरण
- अध्याय 2: अम्ल क्षारक एवं लवण
- अध्याय 3: धातु एवं अधातु
- अध्याय 4: कार्बन एवं उसके यौगिक
- अध्याय 5: तत्वों का आवर्त वर्गीकरण
- अध्याय 6: जैव प्रक्रम
- अध्याय 7: नियंत्रण एवं समन्वय
- अध्याय 8: जीव जनन कैसे करते हैं
- अध्याय 9: अनुवांशिकता एवं जैव विकास
- अध्याय 10: प्रकाश – प्रवर्तन तथा अपवर्तन
- अध्याय 11: मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार
- अध्याय 12: विधुत
- अध्याय 13: विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव
- अध्याय 14: ऊर्जा के स्रोत
- अध्याय 15: हमारा पर्यावरण