Jac Board class 10 science chapter 10 : प्रकाश परावर्तन तथा अपवर्तन Hindi Medium | Jac Board Solutions Class 10 science | Class 10 science chapter 10 : प्रकाश परावर्तन तथा अपवर्तन
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Jac Board Science Class 10 Chapter 10
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Science Class 10 Chapter 10
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Jac Board Class 10 science chapter 10 question answer
Jac Board Science Class 10 Chapter 10
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- अभ्यास
अध्याय 10 : प्रकाश परावर्तन तथा अपवर्तन (Light Reflection and Refraction)
गोलीय दर्पण (spherical mirror)
♦ ध्रुव (p) :- गोलीय दर्पण के प्रवर्तक पृष्ठ के केन्द्र को ध्रुव कहते हैं |
♦ वक्रता केन्द्र :- गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ एक गोले का भाग होता है | जिसके केन्द्र को वक्रता केन्द्र कहते हैं | इसे ( c ) से सूचित किया जाता है |
♦ वक्रता त्रिज्या :- गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ जिस गोले का भाग होता है उसकी त्रिज्या को वक्रता त्रिज्या कहते हैं | इसे ( R ) से सूचित करते हैं|
♦ मुख्य अक्ष :- गोलीय दर्पण के ध्रुव तथा वक्रता त्रिज्या से गुजरने वाली सीधी रेखा को मुख्य अक्ष कहते हैं |
♦ गोलीय दर्पण के प्रकार :-
- अवतल दर्पण
- उत्तल दर्पण
1. अवतल दर्पण (Concave mirror ) के मुख्य फोकस
अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के समांतर कुछ किरणे आपतित होती रहती है और परावर्तन के पश्चात मुख्य अक्ष एक बिंदु पर मिलती है इस बिंदु को अवतल दर्पण का मुख्य फोकस कहते हैं |
♦ अवतल दर्पण का उपयोग :-
- सेविंद दर्पण के रूप में
- टाॅर्च , वाहनों के हेडलाइट ,सर्चलाइट में
- सौर भट्टी , नाक , लकां , दाँत आदि के जाँच के लिए |
2. उत्तल दर्पण ( Convex mirror ) का मुख्य फोकस
उत्तल दर्पण के मुख्य अक्ष के समांतर परिवर्तित किरणे मुख्य अक्ष के एक बिंदु से आती हुई प्रतीत होती है यह बिंदु उत्तल दर्पण का मुख्य फोकस कहलाती है |
◊ फोकस दुरी :- गोलीय दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बिच की दुरी को फोकस दुरी कहते हैं | इसे ( F ) से सूचित करते हैं |
◊ फोकस दुरी तथा वक्रता त्रिज्य में संबंध :- वक्रता त्रिज्या फोकस दुरी का दो गुना होता है |
{ R = 2f }
◊ द्वारक :- गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ के व्यास को द्वारक कहते हैं |
◊ उत्तल दर्पण का उपयोग :-
- गाडी के साइड दर्पण ,
- अस्पताल ,
- चश्मा में ,
- टेलिस्कोप ,
- ATM में |
♦ दर्पण का सूत्र:- [1/v + 1/u = 1/f ]
V= प्रतिबिंब की दुरी , u = बिंब की दुरी , f = फोकस दुरी
♦ आवर्धन:- गोलीय दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन वह आपेक्षित विस्तार है जिससे पता चलता है कोई प्रतिबिंब बिंब की तुलना में कितने गुना आवर्धित है , इसे बिंब की ऊंचाई तथा प्रतिबिंब की ऊंचाई के अनुपात में व्यक्त किया जाता है | इसे ( m ) से सूचित किया जाता है |
{ m = प्रतिबिंब की ऊंचाई /बिंब की ऊंचाई }
{ m = h¹/h }
{ m = -v/u }
प्रकास का अपवर्तन
जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरी माध्यम में प्रवेश करती है तो उसके दिशा एक चाल में कुछ परिवर्तन हो जाता है | प्रकाश की इस परिघटना को प्रकाश का अपवर्तन कहते है |
♦ अपवर्तन के नियम :-
A.) आपतित किरण , अपवर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर डाला गया अभिलंब सब एक ताल में होते हैं |
B.) आपतन कोण की ज्या तथा अपवर्तन कोण की ज्या ( sin ) का अनुपात हमेशा स्थिर होता है | { sin i / sin r = स्थिरांक }
इसे स्नेल का नियम भी कहते हैं |
{n = sin i/sin r } n= सापेक्ष अपवर्तनांक
♦ अपवर्तनांक :- किसी माध्यम का प्रकाश की किरण की दिशा को बदलने की क्षमता को उसका अपवर्तनांक कहते हैं |
किसी माध्यम का अपवर्तनांक निवति में प्रकाश की चाल और उस माध्यम में प्रकाश की चाल के अनुपात को कहते हैं | इसे (n) से सूचित करते हैं |
{ n = C/V }
C = निवति में प्रकाश की चाल
V = माध्य में प्रकाश की चाल
♦ लेंस :- यह एक पारदर्शी पदार्थ का टुकड़ा होता है | जिसका निश्चित ज्यामितीय संरचना होता है |
♦ लेंस के प्रकार :-
- अवतल लेंस (अपसारी)
- उत्तल लेंस (अभिसारी)
♦ अवतल लेंस :– अवतल लेंस में माध्य भाग के अपेक्षा किनारे का भाग अधिक मोटा होता है |
♦ उत्तल लेंस :- उत्तल लेंस में किनारे की अपेक्षा मध्य भाग अधिक मोटा होता है |
♦ उत्तल लेंस के विभिन्न रूप :-
- ऊभयोत्तल ( जिसके दोनों तल उत्तल हो )
- समतलोत्तल( जिसका एक ताल समतल तथा दूसरा उत्तल हो )
- अवतलोत्तल ( जिसका एक तल अवतल दूसरा उत्तल हो )
♦ अवतल लेंस के प्रकार :-
- उभयावतल ( जिसका दोनों ताल अवतल हो )
- समतलावतल ( एक समतल दूसरा अवतल
- उत्तलावतल ( एक उत्तल दूसरा अवतल हो )
♦ प्रकाशिक बिंदु :- लेंस का केन्द्रीय बिंदु इसका प्रकाशिक बिंदु कहलाता है |
♦ मुख्य अक्ष :- किसी लेंस का मुख्य अक्ष उसकी सतहों के वक्रता केन्द्रों को मिलाने वाली रेखा होती हैं |
♦ वक्रता केन्द्र:- लेंस का प्रवर्तक पृष्ठ एक गोले का भाग होता है जिसके केन्द्रों को वक्रता केन्द्र कहते हैं | इसे ( c ) से सूचित किया जाता है |
अवतल लेंस का मुख्य फोकस :-
अवतल लेंस के मुख्य अक्ष के समांतर कुछ किरणे आपतित होती रहती है और अपवर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के एक बिंदु को अवतल लेंस का मुख्य फोकस कहते हैं |
उत्तल लेंस की मुख्य फोकस :-
उत्तल लेंस की मुख्य अक्ष के समांतर कुछ किरणे आपतित होती रहती है और अपवर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के एक बिंदु पर मिलती है इस बिंदु को उत्तल लेंस का मुख्य अक्ष कहते हैं |
♦ फोकस दूरी :- किसी लेंस का मुख्य फोकस की प्रकाशिक केन्द्र से दूरी फोकस दूरी कहलाती है | इसे (f) से सूचित करते हैं |
♦ लेंस का सूत्र :- { 1/V – 1/U = 1/f }
V = प्रतिबिंब की दूरी
U = बिंब की दूरी
F = फोकस दूरी
♦ द्वारक :- गोलीय लेंस की व्रित्कार रूपरेखा का प्रभावी व्यास को द्वारक कहते हैं |
◊ वायु :- विरल माध्यम
◊ जल :- सघन माध्यम
♦ बिंब की स्थिति :- अनंत पास
प्रतिबिंब की स्थिति :- फोकस f पर
प्रतिबिंब का साइज :- छोटा
प्रबिम्ब की प्रकृति :- वास्तविक तथा उल्टा
अवतल दर्पण :-
♦ बिंब की स्थिति :- c से परे
प्रतिबिंब की स्थिति :- f तथा c के बिच
बिंब का साइज़ :- छोटा
प्रतिबिंब की प्रकृति :- वास्तविक तथा उल्टा
♦ बिंब की स्थिति :- c पर
प्रतिबिंब की स्थिति :- c पर
प्रतिबिंब की साइज़ :- सामान साइज़
प्रतिबिंब की प्रकृति :- वास्तविक तथा उल्टा
♦ बिंब की स्थिति :- c तथा p के बिच
प्रतिबिंब की स्थिति :- c से परे
प्रतिबिंब का साइज़ :- बड़ा
प्रतिबिंब की प्रकृति :- वास्तविक तथा उल्टा
♦ बिंब की स्थिति :- f पर
प्रतिबिंब की स्थिति :- अंतर पर
प्रतिबिंब का साइज़ :- अत्यधिक बड़ा
प्रतिबिंब की प्रकृति :- वास्तविक तथा उल्टा
♦ बिंब की स्थिति :- p तथा f के बिच
प्रतिबिंब की स्थिति :- पीछे
प्रतिबिंब का साइज़ :- विवर्धित (बड़ा)
प्रतिबिंब की स्थिति :– आभासी तथा सीधा
उत्तल दर्पण
♦ बिंब की स्थिति :- अनंत पर
प्रतिबिंब की स्थिति :- फोकस f पर दर्पण के पीछे
प्रतिबिंब का साइज़ :- अत्यधिक छोटा बिंदु साइज़ का
प्रतिबिंब की प्रकृति :- आभासी तथा सीधा
♦ बिंब की स्थिति :- अनंत तथा दर्पण p के पीछे
प्रतिबिंब की स्थिति :- p तथा p के बिच पीछे
प्रतिबिंब की साइज़ :- छोटा
प्रतिबिंब की प्रकृति :- आभासी तथा सीधा
Q1.) प्रकाश का परावर्तन किसे कहते हैं?
उत्तर:– किसी चिकने चमकीले सतह से प्रकाश की किरणों के टकरा कर वापस – लौटने की घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।
Q2.) अवतल दर्पण के दो उपयोग को लिखें।
उत्तर:- (i) सोलर कूकर में,
(ii) मोटरकार के हेडलाइट में।
Q3.) उत्तल दर्पण के दो उपयोग लिखें।
उत्तर:- (i) मोटर गाड़ियों में साइड मिरर के रूप में,
(ii) सड़कों में बल्ब के ऊपर परावर्तक के रूप में।
Q4.) अवतल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए ?
उत्तर:- मुख्य अक्ष के समांतर आपतित किरणे परावर्तन के बाद मुख्य अक्ष के जिस बिंदु पर मिलती है उसे अवतल का मुख्य फोकस कहते हैं |
Q5.) एक गोलीए दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 cm है | इसकी फोकस दुरी ज्ञात करें ?
उत्तर:- F = R/2 = 20/2 = 10 An
Q6.) हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्चदृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं ?
उत्तर:- क्योंकि यह सदेव सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं | बहार की ओर वक्रित होने के कारण इनका दृष्टि क्षेत्र भी अधिक होता है |
Q7.) अधिकतम प्रकाशिक धनत्व के माध्यम को ज्ञात कीजिए | न्यूनतम प्रकाशिक धनत्व के माध्यम को भी ज्ञात कीजिए ?
उत्तर:- अधिकतम प्रकाशिक धनत्व का माध्यम = ( हिरा ) न्यूनतम प्रकाशिक धनत्व का माध्यम = ( वायु )
Q8.) उस दर्पण का नाम बताएँ जो बिंब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बना सकें ?
उत्तर:- अवतल दर्पण |
Q9.) वायु में गमन करती प्रकाश की एक किरण जल में तिरवी प्रवेश करती है | क्या प्रकाश किरण अभिलंबन की ओर झुकेगी अथवा अभिलंबन से दूर हटेगी ?
उत्तर:- जब कोई प्रकाश किरण वायु से जल में प्रवेश करती है तो यह अभिलंबन की ओर झुकेगी क्योंकि वायु विरल माध्यम है एंव जल एक सघन माध्यम है जब कोई प्रकाश की किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है तो वह आपतित किरण के सापेक्ष अभिलंब की तरफ मुड़ जाती है |
Q10.) हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है | इस कथन का क्या अभिप्राय हैं ?
उत्तर:- इसका अर्थ है कि वायु में प्रकाश के वेग तथा हीरे में प्रकाश के वेग का अनुपात 2.42 है |
Q11.) किसी लेंस की 1 डाइऑक्टर क्षमता को परिभाषित कीजिए ?
उत्तर:- 1 डाइऑक्टर उस लेंस की क्षमता है जिसकी फोकस दुरी 1 मीटर है |
Q12.) एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन +1 है | इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर:- m = +1 दर्शाता है तो प्रतिबिंब , बिंब के साइज़ से बराबर है | m का धनत्व चिन्ह दर्शाता है कि प्रतिबिंब आभासी तथा सीधा है |
Q13) गोलीय दर्पण के ध्रुव, मुख्य अक्ष, वक्रता केन्द्र, फोकस एवं फोकस दूरी की परिभाषा लिखें।
उत्तर:- ध्रुव – गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ के केन्द्र को दर्पण का ध्रुव कहते हैं।
मुख्य अक्ष:- ध्रुव और वक्रता केन्द्र से होकर जानेवाली काल्पनिक रेखा को मुख्य अक्ष कहते हैं।
वक्रता केन्द्र:- गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ एक गोले का भाग है। इस गोले का केन्द्र ही गोलीय दर्पण का वक्रता केन्द्र कहलाता है।
फोकस:- मुख्य अक्ष के समांतर चलने वाली प्रकाश की किरणें परावर्तन के बाद जिस बिन्दु पर मिलती है या मिलती हुई प्रतीत होती हैं, मुख्य अक्ष के उस बिन्दु को मुख्य फोकस कहते हैं।
फोकस दूरी:- ध्रुव और फोकस के बीच की दूरी को फोकस दूरी कहते हैं।
Q14.) प्रकाश का अपवर्तन क्या है ?
उत्तर:- जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करती है तब प्रकाश की दिशा में परिवर्तन को ‘प्रकाश का अपवर्तन’ कहते हैं।
Q15.) जब वस्तु अवतल दर्पण के वक्रता केन्द्र पर स्थित हो , तब प्रतिबिंब बन्ने की क्रिया को किरण आरेख खींचकर प्रदर्शित करें |
उत्तर:-
Q16.) अवतल दर्पण में बनते हुए प्रतिबिंब का एक स्वच्छ किरण आरेख खींचें , जब वस्तु फोकस एंव वक्रता केन्द्र के बिच रखा जाता है ?
उत्तर:-
Q17.) उत्तल लेंस में बनते हुए प्रतिबिंब का एक स्वच्छ किरण आरेख खींचे जब वस्तु को प्रकाश केन्द्र और फोकस के बिच रखा जाता है |
उत्तर:-
Q18.) 5 cm लंबा कोई वस्तु 30 cm वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण के सामने 20 cm दुरी पर रखी गई है | प्रतिबिंब की स्थिति , प्रकृति तथा आकर ज्ञात करें ?
उत्तर:-
Q19.) 7 cm आकार की कोई वस्तु 18 cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 27 cm दूरी पर रखी गई है। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखें कि उस पर वस्तु का स्पष्ट फोकसित प्रतिबिंब प्राप्त किया जा सके ? प्रतिबिंब का आकार तथा प्रकृति ज्ञात करें।
उत्तर:-
Q20.) 10 cm लंबाई का कोई बिंब 40cm वक्रता त्रिज्या के किसी अवतल दर्पण के सामने 36 cm की दूरी पर रखा गया है। प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति तथा साइज ज्ञात करें।
उत्तर:-