jac board class 7 math chapter 1 Exercise 1.1 hindi medium | कक्षा 7 गणित अध्याय 1 पूर्णांक प्रश्नावली 1.1

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Jac Board Class 7 Math Chapter 1 Exercise 1.1 Hindi Medium

Jac Board Class 7 Math Chapter 1 Exercise 1.1 hindi medium is prepared by the teachers of Tw Smart Classes for the academic year 2024 – 25 in Hindi Medium. Ex 1.1 Chapter 1 Class 7 Integers is prepared according to the new book 2024 – 25 in very simple and easy language and you can also download its free PDF. Solutions of all the questions of Chapter 1 Integers Class 7 Exercise 1.1 are written in easy language.

कक्षा 7 गणित अध्याय 1 पूर्णांक प्रश्नावली 1.1 के लिए NCERT समाधान हिंदी माध्यम के लिए शैक्षणिक वर्ष 2024 – 25 Tw Smart Classes के शिक्षक द्वारा तैयार किया गया है |  बिलकुल सरल और आसान भाषा में Ex 1.1 अध्याय 1 कक्षा 7 पूर्णांक नए book 2024 -25 के हिसाब से बनाया गया है और साथ ही आप Free PDF भी Download कर सकते है| अध्याय 1 पूर्णांक कक्षा 7 अभ्यास 1.1 के सभी प्रश्नों क हल आसान भाषा में लिखा गया है |

कक्षा 7 गणित अध्याय 1 पूर्णांक प्रश्नावली 1.1
  1. Jac Board Class 7 Math Chapter 1 Exercise 1.1
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  4. Class 7 math Ex 1.1 Jac Board
  5. Class 7th Jcert Math Chapter 1 पूर्णांक
  6. कक्षा 7 गणित अध्याय 1 अभ्यास 1.1 समाधान
  7. कक्षा 7 गणित अध्याय 1 अभ्यास 1.2 समाधान
  8. कक्षा 7 गणित अध्याय 1 अभ्यास 1.3 समाधान
  9. कक्षा 7 गणित अध्याय 1 अभ्यास 1.4 समाधान
  10. कक्षा 7 गणित अध्याय 1 अभ्यास 1.5 समाधान
  11. प्रश्नावली 1.1 का हल हिंदी में पूर्णांक कक्षा 7

Jac Board Class 7 Math Chapter 1 मुख्य अवधारणाएँ

Jac Board Class 7 Math Chapter 1 Exercise 1.1 Important Notes

♦ प्राकृत संख्या ( Natural Number ):-

गणना की संख्याएँ प्राकृत संख्याएँ कहलाती है | जैसे : 1, 2, 3, 4, 5,…… इत्यादि सभी प्राकृत संख्याएँ हैं |

♦ पूर्ण संख्या ( Whole Number ):-

प्राकृत संख्याएँ शून्य (0) के साथ मिलाकर पूर्ण संख्याओं का समूह बनाती है | जैसे : 0, 1, 2, 3, 4, 5,…… इत्यादि सभी पूर्ण संख्याएँ हैं |

♦ ऋणात्मक संख्या ( Negative Number ):-

-1, -2, -3, -4, -5,…… इत्यादि सभी ऋणात्मक संख्याएँ हैं |

♦ पूर्णांक ( Integer ):-

पूर्ण संख्याएँ , ऋणात्मक संख्याओं के साथ मिलकर पूर्णांक संख्या बनाती है | जैसे : -5 , -4 , -3 , -2 , -1 , 0 , 1 , 2 , 3 , 4 …….. इत्यादि सभी पूर्णांक हैं |

♦ पुनरावलोकन ( Recapitulation )

हम जानते हैं कि पूर्णाकों को संख्या रेखा पर बिन्दुओं के द्वारा निरूपित किया जा सकता है जैसेः

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  • ऊपर दिखाए गए संख्या रेखा को देखकर, हम निष्कर्ष निकालते हैं
  • सबसे बड़ा कोई पूर्णांक नहीं है। सबसे छोटा कोई पूर्णांक नहीं है।
  • संख्या रेखा पर स्थित कोई भी पूर्णांक अपने बाईं ओर के पूर्णांकों से बड़ी होती है।
  • संख्या रेखा पर स्थित कोई पूर्णांक अपनी दाईं ओर के पूर्णाकों से छोटी होती है।
  • दो क्रमिक पूर्णांकों के बीच कोई अन्य पूर्णांक नहीं होता है। जैसे दो क्रमिक पूर्णाकों -5, और-4 के बीच में कोई अन्य पूर्णांक नहीं है।

♦ पूर्णांकों की तुलना ( Comparison of Integers )

  • प्रत्येक धनात्मक पूर्णांक, प्रत्येक ऋणात्मक पूर्णांक से बड़ा होता है।
  • सभी धनात्मक पूर्णांक, शून्य से बड़ा होता है। सभी ऋणात्मक पूर्णांक शून्य से छोटा होता है।
  • संख्या रेखा पर कोई संख्या शून्य से दाईं ओर जितनी अधिक दूरी पर होगी, उतनी ही बड़ी होगी।
  • संख्या रेखा पर कोई संख्या शून्य से बाईं ओर जितनी अधिक दूरी पर होगी, उतनी ही छोटी होगी।

अतः किसी संख्या रेखा पर जब हम

  • एक धनात्मक पूर्णांक को जोड़ते हैं तो दाईं ओर चलते हैं।
  • एक ऋणात्मक पूर्णांक को जोड़ते हैं तो बाईं ओर चलते है।
  • एक धनात्मक पूर्णांक को घटाते हैं तो बाईं ओर चलते हैं।
  • एक ऋणात्मक पूर्णांक को घटाते हैं, तो दाईं ओर चलते हैं।

♦ पूर्णांकों का योग एवं व्यवकलन ( Addition And Subtraction of Integers )

♦ पूर्णांकों का योग ( Addition of Integers )

1. दो धनात्मक पूर्णांकों का योग :-

दो धनात्मक पूर्णांकों को जोड़ने पर हमें एक धनात्मक पूर्णांक प्राप्त होता है।

2. दो ऋणात्मक पूर्णांकों का योग :-

जब दो ऋणात्मक पूर्णांकों को जोड़ने पर तो हमें एक ऋणात्मक पूर्णांक प्राप्त होता है।

3. एक धनात्मक और एक ऋणात्मक पूर्णांकों का योग :-

जब एक धनात्मक और एक ऋणात्मक पूर्णांक को जोड़ा जाता है, तो हम उनके चिहनों की उपेक्षा करते हुए बड़ी संख्या से छोटी संख्या को घटा देते हैं। फिर बड़ी संख्या के चिह्न को इसके साथ लगा देते हैं।

♦ पूर्णांकों का व्यवकलन ( Subtraction of Integers )

व्यवकलन, योग का विपरीत होता है। इसलिए घटाए जाने वाले पूर्णांक के योज्य प्रतिलोम को दूसरे पूर्णांक में जोड़ते हैं। किन्हीं दो पूर्णांकों a और b के लिए : a – b = a + ( b का योज्य प्रतिलोम) = a + (- b) और a – (- b) = a + [(-b का योज्य प्रतिलोम)] = a + b अतः ऋणात्मक का ऋणात्मक, धनात्मक होता है। जैसे : -(-2) = + 2 तथा – (-11) = + 11 या 11

योज्य प्रतिलोम ( Additive Inverse )

किसी पूर्णांक a का योज्य प्रतिलोम (-a) है इसके विपरीत (-a) का योज्य प्रतिलोम a होता है। जिसमें a+ (-a) = 0 = a + a

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