Jac Board class 10 social science (History) chapter 1 Hindi Medium | Jac Board Solutions Class 10 social science (History)| Class 10 social science (History) chapter 1 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय
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jac board class 10 History chapter 1
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- नोट्स
- अभ्यास
अध्याय 1 : यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय (The rise of nationalism in Europe)
♦ निरंकुशवाद:-
एक ऐसी सरकार अथवा शासन व्यवस्था जिसकी सत्ता पर किसी प्रकार का कोई नियन्त्रण नहीं होता। इतिहास में ऐसी राजशाही सरकारों को निरंकुश सरकार कहा जाता है जो अत्यधिक केन्द्रीकृत सैन्य बल पर निर्भर एवं दमनकारी सरकारें होती थीं।
♦ जनमत संग्रह:- एक प्रत्यक्ष मतदान जिसके माध्यम से एक क्षेत्र के समस्त लोगों को किसी प्रस्ताव को स्वीकृत अथवा अस्वीकृत करने के लिए पूछा जाता है।
♦ मताधिकार:- मत (वोट) देने का अधिकार।
♦ नारीवाद:- महिला व पुरुष की सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक समानता की सोच के आधार पर महिलाओं के अधिकारों व हितों के प्रति जागृति की विचारधारा |
♦ नृजातीय:- एक साझा नस्ली, जनजातीय या सांस्कृतिक उद्गम अथवा पृष्ठभूमि जिसे कोई समुदाय अपनी पहचान स्वीकार करता है।
♦ राष्ट्रवाद:- व्यक्तियों के द्वारा एकता की भावना को महसूस करना जो एक समान भाषा, इतिहास एवं साझी संस्कृति के भागीदार होते हैं।
♦ रूपक:- जब किसी भी अमूर्त विचार; जैसे-लालच, ईर्ष्या, स्वतन्त्रता, मुक्ति आदि को किसी व्यक्ति अथवा वस्तु के माध्यम से अभिव्यक्त किया जाता है। एक रूपकात्मक कहानी के दो अर्थ होते हैं- एक शाब्दिक अर्थ व एक प्रतीकात्मक अर्थ।
♦ मारीआन:- फ्रांस में राष्ट्रीय भावना के रूपक के रूप में दर्शायी गई एक नारी की छवि। यह ईसाइयों का लोकप्रिय नाम था। इसे सिक्कों और डाक-टिकटों पर दर्शाया गया था।
♦ जर्मेनिया:- जर्मन राष्ट्र की रूपक। इसे वीरता के प्रतीक ‘बलूत के वृक्ष के पत्तों का मुकुट’ पहने हुए दर्शाया गया है।
♦ राष्ट्र का मानवीकरण:- एक देश को इस प्रकार चित्रित करना कि वह कोई व्यक्ति हो।
♦ हलेनिज्म:- प्राचीन यूनानी संस्कृति।
♦ रूमानीवाद:- एक ऐसा सांस्कृतिक आन्दोलन जो एक विशेष प्रकार की राष्ट्रीय भावना का विकास करना चाहता था।
♦ कल्पना दर्श (युटोपिया):- एक ऐसे समाज की कल्पना जो इतना अधिक आदर्श है कि उसका साकार होना लगभग असम्भव होता है।
♦ विचारधारा:- एक विशेष प्रकार की राजनीतिक एवं सामाजिक दृष्टि को इंगित करने वाले विचारों का समूह।
♦ रूढ़िवाद:- एक ऐसा राजनीतिक दर्शन जो परम्परा, स्थापित संस्थाओं व रीति-रिवाज़ों पर बल देता है एवं तीव्र परिवर्तन की अपेक्षा धीमे व श्रमिक विकास को प्राथमिकता देता है।
♦ राष्ट्र:- समान नस्ल, भाषा, धर्म एवं क्षेत्र है, जिसे एक लम्बे प्रयासों, त्याग एवं निष्ठा के द्वारा प्राप्त किया है।
♦ उदारवाद:- यूरोप में 19वीं शताब्दी में मध्यम वर्ग के लोगों एवं बुद्धिजीवियों द्वारा प्रोत्साहित वह विचारधारा जिसमें उनको ही अधिक-से-अधिक राजनीतिक एवं आर्थिक क्षेत्र में अवसर प्रदान हों तथा उनकी हिस्सेदारी को महत्व प्रदान किया जाये।
♦ क्रान्ति:- अचानक होने वाली ऐसी कार्यवाही जो गैर-कानूनी तरीके अथवा शक्ति के द्वारा सरकार या शासन में परिवर्तन के लिए विद्रोह के रूप में प्रकट होती है।
♦ जॉलवेराइन:- प्रशा की पहल पर स्थापित एक शुल्क संघ।
♦ फ्रांसीसी क्रांति
- फ्रांसीसी कलाकार फ्रेड्रिक सॉरयू ने सन् 1848 में चार चित्रों की एक श्रृंखला (विश्वव्यापी प्रजातांत्रिक और सामाजिक
गणराज्यों का स्वप्न-राष्ट्रों के बीच संधि) बनाई। इनके कल्पनादर्श (युटोपिया) में विश्व के लोग अलग राष्ट्रों के समूहों में विभक्त हैं जिन्हें उनके कपड़ों एवं राष्ट्रीय पोशाकों से पहचाना जा सकता है। - 19 वीं सदी के दौरान राष्ट्रवाद एक ऐसी शक्ति के रूप में सामने आया जिसने यूरोप के राजनीतिक तथा मानसिक जगत में बड़े बदलाव किए जिनके परिणामस्वरूप अंततः यूरोप के बहु-राष्ट्रीय वंशीय साम्राज्यों की जगह ‘राष्ट्र-राज्य’ का उदय हुआ।
♦ यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय
- यूरोप में राष्ट्रवाद की प्रथम स्पष्ट अभिव्यक्ति सन् 1789 में फ्रांसीसी क्रान्ति के साथ हुई। इससे उत्पन्न हुए राजनीतिक
तथा संवैधानिक परिवर्तनों से प्रभुसत्ता का हस्तांतरण राजतंत्र से निकलकर फ्रांसीसी नागरिकों के समूह में हुआ। - फ्रांसीसी क्रान्तिकारियों ने प्रारम्भ से ही ऐसे अनेक कदम उठाए जिनसे फ्रांसीसी लोगों में एक सामूहिक पहचान की
भावना उत्पन्न हो सकती थी। - इस्टेट जेनरल का नाम बदलकर नेशनल एसेबंली कर दिया गया तथा इसका चुनाव सक्रिय नागरिकों के समूह द्वारा
करवाया जाने लगा। - फ्रांसीसी क्रान्ति, रियों का प्रमुख लक्ष्य यूरोप के लोगों को निरंकुश शासकों से मुक्त कराना था। नेपोलियन ने प्र में राजतंत्र को वापस लाकर प्रजातंत्र को समाप्त किया लेकिन उसने प्रशासनिक क्षेत्र में अनेक क्रान्तिकारी सिद्धान्तों को सम्मिलित किया।
- सन् 1804 में नेपोलियन ने एक नागरिक संहिता का निर्माण किया, जिसे नेपोलियन संहिता के नाम से भी जाना जाता है। इसमें जन्म पर आधारित विशेषाधिकारों को समाप्त कर दिया गया।
- नेपोलियन द्वारा निर्मित नागरिक संहिता में कानून के समक्ष समानता एवं सम्पत्ति के अधिकार को सुरक्षित रखने की बात कही गयी थी। अठारहवीं शताब्दी के मध्य में पूर्वी व मध्य यूरोप निरंकुश राजतन्त्रों के अधीन था। यहाँ रहने वाले लोग विभिन्न जातीय समूहों के सदस्य थे। केवल सम्राट के प्रति सबकी निष्ठा ही इन समूहों को आपस में बाँधने वाला तत्व था। यूरोप महाद्वीप का सबसे शक्तिशाली वर्ग-कुलीन वर्ग था जो सामाजिक और राजनीतिक रूप से भूमि का मालिक था।
- जनसंख्या की दृष्टि से कुलीन वर्ग एक छोटा समूह था जनसंख्या के अधिकांश लोग कृषक थे।
- मध्य एवं पश्चिमी यूरोप में औद्योगिक उत्पादन एवं व्यापार में वृद्धि होने से विभिन्न शहरों व वाणिज्यिक वर्गों का जन्म हुआ। इन वर्गों का अस्तित्व बाजार के लिए उत्पादन पर टिका था।
♦ उदारवादी राष्ट्रवाद
- कुलीन वर्ग को प्राप्त विशेषाधिकारों की समाप्ति के पश्चात् शिक्षित एवं उदारवादी वर्गों के बीच ही राष्ट्रीय एकता के विचारों का अधिक प्रचार-प्रसार हुआ।
- उदारवाद (Liberalism) शब्द लैटिन भाषा के मूल शब्द Liber से निकला है जिसका अर्थ है- आजाद।
- यूरोप के नवीन मध्यम वर्ग के लिए उदारवाद का अर्थ था-लोगों के लिए स्वतन्त्रता एवं कानून के समक्ष सभी की
समानता। - फ्रांसीसी क्रान्ति के पश्चात् से ही उदारवाद निरंकुश शासक व पादरी वर्ग के विशेषाधिकारों की समाप्ति तथा संविधान एवं संसदीय प्रतिनिधि सरकार का समर्थक था।
- आर्थिक क्षेत्र में उदारवाद, बाजारों की मुक्ति एवं पूँजी व वस्तुओं के आवागमन पर राज्य द्वारा लगाये गये नियन्त्रणों को समाप्त करने के पक्ष में था।
♦ रूढ़िवाद का उदय व वियना संधि
- सन् 1815 में नेपोलियन की पराजय के पश्चात् यूरोप की सरकारें रूढ़िवाद की भावना से प्रेरित थीं। रूढ़िवादियों का मत था कि राज्य व समाज द्वारा स्थापित की गयी पारम्परिक संस्थाओं जैसे- चर्च, सामाजिक भेदभाव, राजतन्त्र, सम्पत्ति एवं परिवार को बनाए रखना चाहिए।
- नेपोलियन को पराजित करने वाली यूरोपीय शक्तियों-ब्रिटेन, रूस, प्रशा एवं ऑस्ट्रिया के प्रतिनिधियों ने यूरोप के लिए एक समझौता तैयार करने के लिए वियना में मुलाकात की। ऑस्ट्रिया के चांसलर ड्यूक मैटरनिख ने इस सम्मेलन की मेजबानी की। इस सम्मेलन में सभी प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से सन् 1815 की वियना सन्धि तैयार की।
- वियना सन्धि का उद्देश्य उन बहुत से बदलावों को समाप्त करना था जिन्हें नेपोलियाई युद्धों के दौरान किया गया था।
- वियना सन्धि के तहत, फ्रांसीसी क्रान्ति के दौरान हटाए गये बूढे राजवंश को वापस शासन का अधिकार दिया गया।
- फ्रांस को भविष्य में विस्तार करने से रोकने के लिए उसकी सीमाओं पर उत्तर में नीदरलैंड्स राज्य स्थापित किया गया तथा दक्षिण में पीडमॉण्ट में जेनोआ को सम्मिलित किया गया।
सन् 1815 में स्थापित रूढ़िवादी शासन व्यवस्थाएँ निरंकुश थीं।
रूढ़िवादी व्यवस्था के आलोचक उदारवादी राष्ट्रवादी प्रेस की स्वतन्त्रता चाहते थे।
♦ क्रांतिकारी
- सन् 1815 के पश्चात् यूरोप में अनेक उदारवादी-राष्ट्रवादी सरकारी दमन के भय से भूमिगत हो गये।
- विभिन्न यूरोपीय देशों में क्रान्तिकारियों को प्रशिक्षण एवं विचारों का प्रसार करने के लिए अनेक गुप्त संगठनों का निर्माण हुआ।
- इटली का ज्युसेपी मेत्सिनी भी एक ऐसा क्रान्तिकारी था जो, कार्बोनारी के गुप्त संगठन का सदस्य था।
- मेत्सिनी ने 24 वर्ष की अवस्था में लिगुरिया में क्रांति करने के लिए बहिष्कृत होने के बाद ‘यंग इनी’ (मार्सेई में) तथा ‘यंग यूरोप’ (बर्न में) नामक दो अन्य भूमिगत संगठनों की स्थापना की।
- मेत्सिनी राजतंत्र का घोर विरोध कर तथा प्रजातांत्रिक गणतंत्रों के अपने स्वप्न से रूढ़िवादियों ६ हराने में सफल रहा। उसे मैटरनिख ने ‘हमारी सामाजिक व्यवस्था का सबसे खतरनाक दुश्मन’ करार दिया।
♦ क्रांतियों का युग व रूमावी कल्पनी और राष्ट्रीय भावना
- जुलाई 1830 में फ्रांस में प्रथम विद्रोह हुआ जिसमें उदारवादी क्रांतिकारियों ने बूढे राजा को सत्ता से बेदखल कर दिया तथा लुई फिलिप की अध्यक्षता में एक संवैधानिक राजतंत्र स्थापित किया।
- सन् 1832 में हुई कुस्तुनतुनिया की सन्धि ने यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता प्रदान की।
- राष्ट्रवाद के विचार के निर्माण में संस्कृति का बहुत अधिक योगदान रहा।
- रूमानी कलाकारों एवं कवियों ने तर्क-वितर्क व विज्ञान के स्थान पर भावनाओं, अंतर्दृष्टि एवं रहस्यवादी भावनाओं पर – अधिक बल दिया।
- जर्मन दार्शनिक योहान गॉटफ्रीड के अनुसार राष्ट्र की वास्तविक आत्मा लोकगीतों, जनकाव्य एवं लोकनृत्यों से प्रकट होती थी।
यूरोप में राष्ट्रीय भावनाओं के विकास में भाषा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
♦ भूख, कठिनाइयाँ और जन विद्रोह तथा उदारवादियों की क्रांति
- सन् 1830 के दशक में यूरोप में अनेक समस्याएँ उत्पन्न हुईं जिनमें तीव्र जनसंख्या वृद्धि, बेरोजगारी में वृद्धि, वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि एवं निर्धनता प्रमुख थीं। सन् 1848 में खाने-पीने की सामग्री की कमी एवं अत्यधिक बेरोजगारी के कारण लोगों ने पेरिस की सड़कों पर आकर आन्दोलन कर दिया।
- सन् 1848 में अनेक यूरोपीय देशों में किसान व मजदूर वर्ग ने गरीबी, बेरोजगारी व भुखमरी के कारण विद्रोह कर दिया।
उसी समय शिक्षित मध्यम वर्ग ने भी राजा के विरुद्ध क्रान्ति कर दी। - उदारवादी मध्यम वर्ग ने राष्ट्र-राज्य के निर्माण की माँग की जो संविधान, प्रेस की स्वतन्त्रता एवं संगठन निर्माण की
स्वतन्त्रता जैसे संसदीय व्यवस्था के सिद्धान्तों पर आधारित थी। - 18 मई, 1848 को जर्मन क्षेत्रों में मतदान द्वारा सर्व-जर्मन नेशनल एसेम्बली का गठन किया गया, जिसमें 831 निर्वाचित प्रतिनिधि थे। इसे ‘फ्रैंकफर्ट संसद’ के नाम से जाना गया।
- फ्रैंकफर्ट संसद में मध्यम वर्ग का प्रभाव अधिक था, जिसने मजदूर-कारीगर वर्ग की माँगों का विरोध किया। फलस्वरूप मध्यम वर्ग ने समर्थन खो दिया और संसद भंग हो गयी।
- उदारवादी आंदोलन में महिलाओं को राजनैतिक अधिकार प्रदान करने का मुद्दा विवादास्पद था।
- सन् 1848 में रूढ़िवादी ताकतों ने उदारवादी आन्दोलन को समाप्त कर दिया। लेकिन वे पुरानी व्यवस्था बहाल करने में नाकाम रहीं।
♦ जर्मनी व इटली का एकीकरण
- मध्य वर्ग के जर्मन राष्ट्रवादी लोगों के प्रयासों से जर्मनी व इटली एकीकृत होकर राष्ट्र-राज्य बने।
- बिस्मार्क के नेतृत्व में प्रशा ने राष्ट्रीय एकीकरण के आन्दोलन का नेतृत्व किया। ऑस्ट्रिया, डेनमार्क व फ्रांस से सात वर्ष के दौरान तीन युद्धों में जीत के साथ प्रशा ने एकीकरण की प्रक्रिया को पूरा किया।
- जनवरी 1871 में वर्साय में प्रशा के राजा विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया।
- जर्मनी की तरह इटली का भी राजनीतिक विखण्डन का एक लम्बा इतिहास रहा है।
- उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य में इटली सात राज्यों में विभाजित था। इनमें से मात्र एक सार्डिनिया पीडमॉण्ट में एक इतालवी राजघराने का शासन था।
- सन् 1830 के दशक में ज्युसेपे मेत्सिनी ने एकीकृत इटली गणराज्य के लिए एक कार्ययोजना प्रस्तुत की तथा ‘यंग इटली’ नामक गुप्त संगठन का गठन किया।
- सार्डिनिया-पीडमॉण्ट के शासक विक्टर इमेनुएल द्वितीय के मंत्री प्रमुख कापूर ने इटली के प्रदेशों को एकीकृत करने वाले आन्दोलन का नेतृत्व किया।
- सन् 1861 में इमेनुएल द्वितीय को एकीकृत इटली राष्ट्र का राजा घोषित किया गया।
♦ ब्रिटेन का उदय
- ब्रिटेन में राष्ट्र राज्य का निर्माण अचानक न होकर एक लम्बी प्रक्रिया द्वारा हुआ।
- अठारहवीं शताब्दी से पहले विश्व में कोई ब्रिटेन नाम का राष्ट्र नहीं था। सन् 1688 में आंग्ल संसद ने राजतंत्र से सत्ता छीनकर एक राष्ट्र राज्य का निर्माण किया जिसके केन्द्र में इंग्लैण्ड था।
- सन् 1707 में इंग्लैण्ड और स्कॉटलैण्ड के बीच एक्ट ऑफ यूनियन नामक समझौते के तहत ‘यूनाइटेड किगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन’ का गठन हुआ।
- सन् 1801 में आयरलैण्ड को बलपूर्वक यूनाइटेड किंगडम में सम्मिलित कर लिया गया। इस तरह नये ब्रितानी राष्ट्र का निर्माण हुआ।
♦ राष्ट्र दृश्य की कल्पना
- 18 वीं एवं 19 वीं शताब्दी के कलाकारों ने राष्ट्र का मानवीकरण करके उसे मानव के रूप में चित्रित किया। उस समय राष्ट्र को महिला भेष में प्रस्तुत किया जाता था। इस काल में महिला की छवि राष्ट्र का प्रतीक (रूपक) बन गयी।
- फ्रांसीसी गणराज्य में मारीआन की तस्वीर, जर्मनी में जर्मेनिया की तस्वीर इसी प्रकार की अभिव्यक्ति के प्रमुख उदाहरण
♦ राष्ट्रवाद व साम्राज्य
- सन् 1871 के पश्चात् यूरोप महाद्वीप में गंभीर राष्ट्रवादी तनाव का प्रमुख स्रोत बाल्कन क्षेत्र था।
- बाल्कन क्षेत्र में भौगोलिक एवं जातीय भिन्नता बहुत अधिक थी। इस क्षेत्र में आधुनिक रोमानिया, बुल्गारिया, अल्बानिया, यूनान, मेसिडोनिया, क्रोएशिया, बोस्निया-हर्जेगोविना, स्लोवेनिया, सर्बिया एवं मॉन्टिनिग्रो आदि सम्मिलित थे। आमतौर पर इस क्षेत्र के निवासियों को स्लाव कहा जाता था।
- बाल्कन क्षेत्र का अधिकांश भाग ऑटोमन साम्राज्य के अधीन था।
- 19वीं शताब्दी में बाल्कन क्षेत्र के विभिन्न राष्ट्र ऑटोमन साम्राज्य के नियन्त्रण से निकलकर स्वतन्त्रता की घोषणा करने लगे।
- साम्राज्यवाद से जुड़कर राष्ट्रवाद सन् 1914 में यूरोप को महाविपदा की ओर ले गया। अंततः प्रथम विश्व युद्ध हआ।
- यूरोपीय शक्तियों के अधीन विश्व के विभिन्न राष्ट्रों ने उनके साम्राज्यवादी प्रभुत्व का विरोध किया।
Q1.) रूढ़िवादी कौन थे ?
उत्तर:- उदारवादियों के विपरीत रूढ़िवादी वे लोग थे जो यह मानते थे कि राज्य और समाज की स्थापित पारंपरिक संस्थाएँ, जैसे राजतन्त्र, चर्च, सामाजिक ऊँच-नीच, सम्पत्ति और परिवार को बनाए रखना चाहिए।
Q2.) ‘काउंट कैमिलो दे कावूर कौन था ?
उत्तर:- काउंट कैमिलो दे कावूर इटली के सार्डीनिया-पीडमॉण्ट राज्य का मंत्री प्रमुख था। उसने इटली के प्रदेशों को स्वीकृत करने वाले आन्दोलन का नेतृत्व किया।
Q3.) ज्युसेपी मेत्सिनी कौन था ?
उत्तर:- ज्युसेपी मेत्सिनी इटली का एक महान क्रांतिकारी था।
Q4.) जनमत-संग्रह से क्या समझते हैं ?
उत्तर:- एक प्रत्यक्ष मतदान जिसके जरिए एक क्षेत्र के सभी लोगों से एक प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए पूछा जाता है।
Q5.) निरंकुशवाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:- ऐसी सरकार या शासन व्यवस्था जिसकी सत्ता पर किसी प्रकार का कोई अंकुश नहीं होता। ऐसी राजशाही सरकारों को निरंकुश सरकार कहा जाता है जो अत्यंत केन्द्रीकृत, सैन्य बल पर आधारित और दमनकारी सरकारें होती थीं।
Q6.) कल्पनादर्श (यूटोपिया) क्या है ?
उत्तर:- एक ऐसे समाज की कल्पना जो इतना आदर्श है कि उसका साकार होना लगभग असंभव होता है।
Q7.) 1815 की वियना संधि के क्या उद्देश्य थे ?
उत्तर:- युद्धों को रोकने के लिए एक संविधान का निर्माण, पराजित राष्ट्रों द्वारा विजयी राष्ट्रों को क्षतिपूर्ति, फ्रांस तथा अन्य राजतंत्रों को फिर से बहाल करना तथा दास प्रथा की समाप्ति ।
Q8.) ऑटोमन साम्राज्य से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:- ऑटोमन साम्राज्य अर्थात् उस्मानी सल्तनत 1299 में पश्चिमोत्तर अनातोलिया में स्थापित एक तुर्क राज्य था। इस साम्राज्य के अंतर्गत पश्चिम एशिया और यूरोप के कुछ देश आते थे। जिसके संस्थापक उस्मान प्रथम थे। महमद द्वितीय द्वारा 1493 में कुस्तुंतुनिया जीतने के बाद यह एक साम्राज्य में बदल गया। प्रथम विश्वयुद्ध 1919 में पराजित होने पर इसका विभाजन कर इस पर अधिकार कर लिया गया।
Q9.) राष्ट्रवाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:- राष्ट्रवाद किसी भी राष्ट्र की सामूहिक पहचान है। यह निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाली जनता जब स्वयं को एक समान संस्कृति, इतिहास, धार्मिक मान्यताओं आदि से जुड़ी हुई महसूस करती है, तो उसे राष्ट्रवाद के नाम से जाना जाता है।
Q10.) उदारवाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:- उदारवाद शब्द लातीन भाषा के ‘Liber’ शब्द से निकला है जिसका अर्थ है ‘आजाद’। इस प्रकार उदारवाद का अर्थ हुआ, व्यक्ति के लिए आजादी, कानून के समक्ष सबकी बराबरी, निरंकुश शाासक और पादरी वर्ग के विशेषाधिकारों की समाप्ति तथा संविधान तथा संसदीय प्रतिनिधि सरकार की स्थापना।
Q11.) यंग इटली क्या था ? इसकी स्थापना किसने की ?
उत्तर:- ‘यंग इटली’ एक गुप्त क्रांतिकारी संगठन था। इसकी स्थापना 1830 ई० के दशक में ज्युसेपी मेत्सिनी ने एकीकृत इटली के विचारों को प्रसारित करने के लिए की थी।
Q12.) ‘रूपक’ से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:- जब किसी अमूर्त विचार (जैसे- स्वतन्त्रता, मुक्ति, ईर्ष्या, लालच आदि) को किसी व्यक्ति या किसी चीज द्वारा इंगित किया जाता है तो उसे रूपक कहा जाता है।
Q13.) नृजातीय से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:- एक साझा नस्ली, जनजातीय या सांस्कृतिक उद्गम अथवा पृष्ठभूमि जिसे कोई समुदाय अपनी पहचान मानता है।
Q14.) वियना काँग्रेस कब और किसके द्वारा आयोजित की गई थी ?
उत्तर:- वियना काँग्रेस 1815 ई० में ऑस्ट्रिया के चांसलर ड्यूक मैटेरनिख द्वारा आयोजित की गई थी।
Q15.) बिस्मार्क कौन था ? उसने कौन-सी नीति अपनाई ?
उत्तर:– बिस्मार्क जर्मनी का एक महान नेता था। बिस्मार्क ने जर्मनी के एकीकरण के लिए बहुत अधिक प्रयत्न किए। एकीकरण के लिए उसके द्वारा अपनाई गई नीति ‘रक्त और लौह (‘खून और खड्ग’) की नीति के नाम से इतिहास में प्रसिद्ध है।
Q16.) वियना संधि की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर:- वियना संधि की मुख्य विशेषताएँ-
(i) नेपोलियाई युद्धों के दौरान हुए बदलावों को खत्म करना।
(ii) बूर्बो वंश को सत्ता में पुनः बहाल करना।
Q17.) रक्त और लौह की नीति से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:- प्रशा की संसद की अवहेलना करते हुए जर्मनी के एकीकरण के लिए प्रधानमंत्री बिस्मार्क ने ‘रक्त और लोहे की नीति अपनाई। बिस्मार्क को शक्ति पर अटूट विश्वास था। अतः सेना पर विश्वास करके रक्त और लौह नीति का अवलंबन किया जिसके परिणामस्वरूप जर्मनी का एकीकरण हुआ।
Q18.) इटली एकीकरण की प्रक्रिया का संक्षिप्त में वर्णन करें।
उत्तर:- इटली एकीकरण की प्रक्रिया-
(क) इटली अनेक वंशानुगत राज्यों तथा बहु-राष्ट्रीय हैब्सबर्ग साम्राज्य में बिखरा हुआ था।
(ख) युद्ध के जरिये इतालवी राज्यों को जोड़ने की जिम्मेदारी सार्डिनिया-पीडमॉण्ट के शासक विक्टर इमेनुएल द्वितीय पर थी।
(ग) मंत्री प्रमुख कावूर, जिसने इटली के प्रदेशों को एकीकृत करने वाले आन्दोलन का नेतृत्व किया।
(घ) कावूर ने फ्रांस से सार्डिनिया-पीडमॉण्ट की एक चतुर कूटनीतिक संधि की। फ्रांस की मदद से 1859 में ऑस्ट्रियाई बलों को हरा पाने में कामयाब हुआ।
(ङ) ज्युसेपे गैरीबॉल्डी के नेतृत्व में भारी संख्या में सशस्त्र स्वयं सेवकों ने इस युद्ध में हिस्सा लिया।
(च) 1860 में वे दक्षिण इटली और दो सिसिलियों के राज्य पर कब्जा जमाया। अन्त में स्पेनी शासक को हटाने के लिए स्थानीय किसानों का समर्थन पाने में सफल रहे।
इस प्रकार इटली एकीकरण की प्रक्रिया में शासक विक्टर इमेनुएल, काबूर और ज्युसेपे गैरी बॉल्डी की विशेष भूमिका थी और 1861 में इमेनुएल द्वितीय को एकीकृत इटली का राजा घोषित किया गया।
Q19.) मारीआन और जर्मेनिया कौन थे ? जिस तरह उन्हें चित्रित किया गया उसका क्या महत्त्व था ?
उत्तर:- फ्रांस की क्रांति के दिनों में कलाकारों ने नारी-रूपकों का प्रयोग अमूर्त विचारों (स्वतंत्रता, मुक्ति, ईर्ष्या, लालच आदि) को प्रकट करने के लिए किया। कुछ कलाकारों ने इन महिला-रूपकों का प्रयोग एकता के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में किया।
फ्रांस में राष्ट्र के प्रतीक के रूप में लोकप्रिय ईसाई नाम मेरिएन दिया गया। उसे लाल टोपी, तिरंगा और कलगी के साथ दिखाया गया और उसकी प्रतिमाएँ सार्वजनिक चौराहों पर लगाई गई ताकि लोगों को एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की याद आती रहे।
इसी प्रकार जर्मनी में, जर्मन राष्ट्र के प्रतीक के रूप में जर्मेनिया को रूपक माना गया। उसे बलूत वृक्ष के पत्तों के मुकुट से सजाया गया क्योंकि जर्मनी में बलूत को वीरता का प्रतीक माना जाता है।
Q20.) अपने शासन वाले क्षेत्रों में शासन व्यवस्था को ज्यादा कुशल बनाने के लिए नेपोलियन ने क्या बदलाव किए ? किन्हीं तीन का उल्लेख करें।
उत्तर:- फ्रांस की क्रांति के समय (1789-1815) जहाँ कही भी फ्रांसीसी सेनाएँ गईं उन्होंने राष्ट्रवाद की विचारधारा को अवश्य फैलाया अपने साम्राज्य के इस विस्तृत क्षेत्र जिसमें हालैंड, बेल्जियम, स्विटजरलैंड, इटली और जर्मनी आदि सम्मिलित थे, नेपोलियन ने अनेक प्रशासनिक सुधार किए जो वह पहले अपनें देश फ्रांस में कर चुका था। ये सब कुछ उसने प्रशासन व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने और उसमें कुशलता लाने के लिए किया। उसका यह सुधार 1804 के सिविल कोड के नाम से प्रसिद्ध है। कई इतिहासकार इस कानून-संहिता को नेपोलियन कोड के नाम से भी पुकारते हैं।
नेपोलियन द्वारा किए गए प्रमुख प्रशासनिक सुधार निम्नांकित हैं:-
- (क) जन्म पर आधारित विशेषाधिकार समाप्त कर दिए गए और कानून के सामने सबकी बराबरी के नियम को लागू किया गया।
- (ख) सम्पत्ति के अधिकार को सुरक्षित बनाया गया।
- (ग) प्रशासनिक विभाजनों को सरल बनाया गया, सामंती व्यवस्था को खत्म किया गया और किसानों को भू-दासत्व और जागीरदारी शुल्कों से मुक्ति दिलाई गई।
Q21.) नेपोलियन की संहिता की प्रमुख विशेषताएँ क्या-क्या थीं ?
उत्तर:- नेपोलियन की संहिता की प्रमुख विशेषताएँ निम्नांकित थीं-
(क) जन्म पर आधारित विशेषाधिकार समाप्त कर कानून के समक्ष सबको समानता का नियम लागू किया गया।
(ख) सम्पत्ति के अधिकार को सुरक्षित किया गया।
(ग) प्रशासनिक विभाजनों को सरल बनाना सामंती प्रथा की समाप्ति, किसानों को भू-राजस्व और जागीरदारी शुल्क से मुक्ति।
(घ) कारीगरों के श्रेणी संघों के विभिन्न नियंत्रण की समाप्ति ।
(ङ) यातायात और संचार व्यवस्था में सुधार किया गया।
(च) मानक माप-तौल के पैमाने और नई मुद्रा चलाई गई।
(छ) वस्तुओं और पूँजी के राष्ट्रीय आवागमन में सहूलियतें दी गई।
Q22.) राष्ट्रवादी संघर्षों में महिलाओं की भूमिका पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर:- (क) राष्ट्रवादी संघर्ष में सारे संसार में महिलाओं ने बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की।
(ख) राष्ट्रवादी संघर्षों में यद्यपि महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया, फिर भी उदारवादी आंदोलन के अंदर महिलाओं को राजनीतिक अधिकार देने का मुद्दा विवादास्पद था।
(ग) महिलाओं ने अपने राजनीतिक संगठन स्थापित किए, अखबार शुरू किए तथा राजनीतिक बैठकों में भाग लेना प्रारम्भ किया।
(घ) परिणाम यह हुआ कि महिला अधिकारों के प्रति उदारवादियों तथा शासकों के विचारों में परिवर्तन हुआ तथा महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक अधिकारों का मार्ग प्रशस्त हुआ।
Q23.) फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान का भाव पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने क्या कदम उठाए ? कोई तीन बिन्दु दें।
उत्तर:- फ्रांस की क्रांति 1789 ई० में शुरू हुई। शीघ्र ही लोगों ने राजा और रानी से छुटकारा पाकर सत्ता की सारी बागडोर अपने हाथ में ले ली। फिर उन्होंने लोगों में एकता और संगठन बनाए रखने के लिए अनेक कदम उठाए जिनमें निम्नांकित प्रमुख हैं-
(क) सबसे पहले पितृभूमि और नागरिक जैसे विचारों ने एक संयुक्त समुदाय के विचार पर बल दिया।
(ख) एक नया फ्रांसीसी झंडा तिरंगा चुना गया जिसने पहले के राज्यध्वज की जगह ले ली।
(ग) सक्रिय नागरिकों द्वारा चुनी गई एक सभा का गठन किया गया जिसका नाम नेशनल एसेंबली रखा गया।
(घ) राष्ट्र के नाम पर नई स्तुतियाँ रची गईं, शपथें ली गईं और शहीदों का गुणगान हुआ।
(ङ) एक केन्द्रीय प्रशासनिक व्यवस्था लागू की गई जिसने सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनाए।
(च) आंतरिक आयात-निर्यात शुल्क समाप्त कर दिए गए और नाप-तौल की एक समान व्यवस्था लागू की गई।
Q24.) यूनान के स्वतंत्रता संग्राम पर ध्यान केंद्रित करते हुए बताएँ कि उन्नीसवीं सदी में राष्ट्र कैसे विकसित हुआ ?
उत्तर:- (क) 15 वीं सदी में यूनान ऑटोमन साम्राज्य का हिस्सा बना। यूरोपीय राष्ट्रवाद से प्रेरणा पाकर यूनानियों ने 1821 ई० में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष प्रारम्भ किया। उस समय पश्चिमी यूरोप का भी समर्थन उसे प्राप्त हुआ।
(ख) साहित्यकारों ने यूनान को यूरोपीय सभ्यता का पालक बताया तथा यूनानी संस्कृति का महिमामंडन किया। इस प्रकार, यूनान एक मुस्लिम साम्राज्य के विरुद्ध संघर्ष करने को तैयार हो गया।
(ग) यूनान के स्वतंत्रता संग्राम में रूमानीवाद को जोड़कर वहाँ के कवि और कलाकारों ने भी ऑटोमन साम्राज्य के विरुद्ध संघर्ष में हिस्सा लिया। ऐसा ही एक प्रसिद्ध कवि था लॉर्ड बॉयरन । लॉर्ड बॉयरन ने धन इकट्ठा किया और बाद में युद्ध में लड़ने भी गया जहाँ 1832 में बुखार से उसकी मृत्यु हो गई।
(घ) अंततः एक लंबे संघर्ष के बाद 1832 ई० में कुस्तुनतुनिया की संधि के द्वारा यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता प्राप्त हुई।
Q25.) बाल्कन प्रदेशों में राष्ट्रवादी तनाव क्यों पनपा ? तीन कारणों का वर्णन करें।
उत्तर:- (क) बाल्कन प्रदेशों में अनेक जातीय समूह निवास करते थे।
(ख) बाल्कन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा ऑटोमन साम्राज्य के नियंत्रण में था जो अपने पतन के कगार पर था।
(ग) स्लाव-बाल्कन के जातीय समूह की उदारवादी और राष्ट्रवादी विचारों से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। अतः ये सभी जातीय समूह राष्ट्र राज्य की माँग करने लगे।
(घ) बाल्कन राज्य एक-दूसरे से भारी ईर्ष्या करते थे और हर एक राज्य ‘अपने लिए ज्यादा से ज्यादा इलाका हथियाना चाहते थे।
(ङ) रूस, जर्मनी, इंग्लैण्ड, ऑस्ट्रो-हंगरी की हर ताकत बाल्कन पर अन्य शक्तियों की पकड़ को कमजोर करके क्षेत्र में अपने प्रभाव को बढ़ाना चाहती थी।
कक्षा 10 इतिहास के लिए अध्याय सूचि :
अध्याय | अध्याय का नाम |
1 | यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय |
2 | भारत मैं राष्ट्रीयवाद |
3 | भूमंडलीकृत विश्व का बनना |
4 | औधोगीकरण का युग |
5 | मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया |