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Toggleclass 9 science chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा
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Jac Board Solutions Class 9 Science Chapter 11:कार्य तथा ऊर्जा
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class 9 science chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा
अध्याय 11:कार्य तथा ऊर्जा (Work and Energy )
कार्य तथा ऊर्जा
भूमिका:-
- सभी सजीवों को भोजन की आवश्यकता होती है । जीवित रहने के लिए सजीवों को अनेक मुलभुत गतिविधियाँ करनी पड़ती हैं । इन गतिविधियों को हम जैव प्रक्रम कहते हैं ।
- इन जैव प्रक्रमों को संपादित करने के लिए सजीवों को उर्जा की आवश्यकता होती है जो वे भोजन से प्राप्त करते हैं ।
- मशीनों को भी कार्य करने के लिए उर्जा की आवश्यकता होती है जिसके के लिए डीजल एवं पेट्रोल का उपयोग किया जाता हैं
♦ कार्य (Work):-
किसी पिंड (वस्तु) पर किया गया कार्य, उस पर लगाये गए बल के परिणाम व बल की दिशा में उसके द्वारा तय की गई दुरी के फल से परिभाषित होता है।
कार्य = बल x विस्थापन
कार्य (W) = 1 = F x s जहाँ f = बल (Force), s = विस्थापन (Displacement)
कार्य का मात्रक:
बल को न्यूटन (N) में मापा जाता है और विस्थापन को मीटर (m) में मापा जाता है। इसलिए
कार्य का SI मात्रक न्यूटन मीटर (Nm) या जूल (J) है। कार्य एक प्रकार का ऊर्जा (Energy) है ।
कार्य एक अदिश राशि (Scalar Quantity) है । कार्य के परिभाषा से कार्य बल (एक सदिश राशि) और विस्थापन (एक सदिश राशि का गुणनफल होता है। जबकि कार्य एक अदिश राशि है क्योंकि कार्य में परिणाम तो होता है परन्तु दिशा नहीं होता है। यह ऊर्जा के समान ही एक अदिश राशि है ।
♦ कार्य की वैज्ञानिक संकल्पना:
जब हम किसी वस्तु पर बल लगाकर उसे विस्थापित करते है तो वह क्रिया कार्य माना जायेगा ।
Example1: एक व्यक्ति 100 न्यूटन बल लगाकर एक पत्थर को 3 मीटर तक विस्थापित करता है। तो उसके द्वारा किया गया कार्य ज्ञात कीजिए ।
हल:
यहाँ लगाया गया बल (F) = 100 N
विस्थापन (s) = 3 मीटर
किया गया कार्य (W) = F × s
= 100 × 3 = 300 जूल
Example 2: एक लड़का एक टेबल को 20 N बल लगाकर उसे हिला भी नही पाता है और थक जाता है । तो उसके द्वारा किया गया कार्य परिकलित कीजिए ।
हल:
यहाँ लगाया गया बल (F) = 20 N
विस्थापन ( s) = 0 मीटर
किया गया कार्य (W) = F×s
= 20 x 0 = 0 जूल
यहाँ किया गया कार्य शून्य है । इसलिए यह कार्य नहीं माना जायेगा |
Example 3: मान लीजिये कि आपने एक भारी बोझ को बल लगाकर उठाया और अपने सिर पर रखा | बोझ में विस्थापन हुआ | यहाँ तक कार्य हुआ, परन्तु यदि इसी बोझ को सिर पर रख कर बहुत समय तक खड़े रहे। तो आपके द्वारा बल तो लग रहा है, उसके विपरीत गुरुत्व बल भी कार्य कर रहा है परन्तु वस्तु में विस्थापन नहीं हो रहा है। इसलिए इस स्थिति में यहाँ कोई कार्य नहीं माना जायेगा ।
कार्य होने की दशाएँ:
इसलिए किसी कार्य को होने के लिए दो आवश्यक दशाएँ निम्नलिखित हैं।
- (i) वस्तु पर कोई बल लगना चाहिए ।
- (ii) वस्तु विस्थापित होनी चाहिए ।
यदि वस्तु पर लगने वाला बल (F) शून्य 0 है या वस्तु का है विस्थापन शून्य है अथवा दोनों शून्य है तो किया गया कार्य भी शून्य होगा | अतः कार्य संपन्न होने के लिए दोनों भौतिक राशियों में से किसी का भी परिणाम शून्य नहीं होना चाहिए |
कार्य का परिणाम
कार्य का समीकरणः
गणितीय भाषा में कार्य को निम्न समीकरण द्वारा व्यक्त किया जा सकता है।
W = F.s.cos
जहाँ F = बल, s = विस्थापन और θ बल सदिश एवं विस्थापन सदिश के बीच का कोण हैं ।
इसको समझने के लिए तीन स्थितयाँ हैं ।
- (A) स्थिति A: जब बल सदिश एवं विस्थापन सदिश एक ही दिशा में हो तो उनके बीच का कोण 8 = 0° होता है। इस स्थिति में कार्य धनात्मक होता है ।
- (B) स्थति B: जब बल सदिश एवं विस्थापन सदिश एक दुसरे के विपरीत हो तो उनके बीच का कोण 6 = 180° होता है। इस स्थति में कार्य ऋणात्मक होता है।
- (C) स्थिति C: जब बल सदिश लग रहा है एवं वस्तु में कोई विस्थापन न हो तो F तथा s के बीच का कोण 90 डिग्री का होता है। इस स्थिति में कार्य शून्य होता है ।
कार्य: ऋणात्मक एवं धनात्मक
- ऋणात्मक कार्य (Negative Work): जब बल वस्तु के विस्थापन की दिशा के विपरीत दिशा में लग रहा हो तो दोनों दिशाओं के बीच 180° का कोण बनता है । इस स्थिति में कार्य का परिणाम ऋणात्मक होगा अतः किया गया कार्य ऋणात्मक माना जायेगा ।
- इसके लिए किया गया कार्य (W) = F × (-s) या ( – F×s)
♦ धनात्मक कार्य (Positive Work):
जब बल वस्तु के विस्थापन की दिशा में लगता है तो किया गया कार्यात्मक माना जायेगा ।
♦ धनात्मक बल एवं ऋणात्मक बल:
- जब हम किसी वस्तु को ऊपर उठाते हैं तो हमारे द्वारा वस्तु पर लगाया गया बल धनात्मक माना जायेगा। जबकि उसी दौरान वहां एक और बल कार्य करता है जिसे गुरुत्व बल कहा जाता है । गुरुत्व बल हमारे द्वारा लगाये गए बल के विपरीत कार्य करता है इसलिए यह बल ऋणात्मक माना जायेगा ।
- चूँकि हम जब किसी वस्तु पर बल लगाते है तो हम वस्तु को विस्थापित करने के लिए गुरुत्व बल के परिणाम से अधि बल लगाना पड़ता है, इसलिए परिणामी बल धनात्मक हो जाता है । जैसे – मान लीजिये कि हमने एक वस्तु को उठाने के लिए 20 N बल लगाया जबकि वहां गुरुत्व बल का माप 10 N है तो
- परिणामी बल = 20 – 10 = 10 N
- इस स्थिति में वस्तु को विस्थापित करने में हमने कुल 10 N बल लगाया।
- जहाँ गुरुत्वीय त्वरण लगता है वहां गुरुत्व बल (F) = mg होता है ।
Example 4: एक कुली एक 25kg का बोझ 2 मीटर ऊपर उठाकर अपने सिर पर रखता है। तो उस बोझे पर उसके द्वारा किया या कार्य का परिकलन कीजिए ।
हल:
बोझ का द्रव्यमान m = 25kg
विस्थापन = 2m तथा
वस्तु पर लगा बल F = mg = 25kg ×10m s-2
= 250 kg/ms-2 या 250N
बोझ पर कार्य (W) = F×s
= 250 × 2 Nm
= 500 Nm = 500 J
1 जूल कार्य: जब किसी वस्तु को 1 N बल लगाकर उसे बल की दिशा में 1 मीटर विस्थापित किया जाए तो कहा जायेगा कि 1 जूल कार्य हुआ है।
♦ ऊर्जा (ENERGY).
हमें कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। सूर्य हमारे लिए ऊर्जा का सबसे बड़ा प्राकृतिक स्रोत है। हमारे ऊर्जा का बहुत से स्रोत सूर्य से व्युत्पन्न होते हैं और भी कई ऊर्जा के स्रोत है जहाँ से हम ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
- (i) परमाणुओं के नाभिक से
- (ii) पृथ्वी के आतंरिक भागों से
- (iii) ज्वार भाटों से आदि ।
यदि किसी वस्तु में कार्य करने की क्षमता हो तो कहा जाता है कि उसमें ऊर्जा है। जो वस्तु कार्य करती है तो उसमें ऊर्जा की हानि होती है और जिस वस्तु पर कार्य किया जाता है उसमें ऊर्जा की वृद्धि होती है।
हमारे दैनिक जीवन में बहुत से वस्तुएँ कार्य करती रहती हैं जिनमें ऊर्जा संचित रहती है। इसी संचित ऊर्जा का उपयोग कर वस्तुएँ कार्य करती हैं।
कुछ वस्तुओं का उदाहरण जिनमें कार्य करने की क्षमता होती है:
(i) तीव्र वेग से गतिशील क्रिकेट की गेंद जो विकेटों से टकराती है जिससे विकेट दूर जा गिरते हैं।
(ii) ऊँचाई तक उठाया गया हथौड़ा जो कील को लकड़ी में ठोंक देता है। (iii) चाबी भरी खिलोना कार जिसको फर्श पर रखते ही दौड़ने
लगती है।
- यदि किसी वस्तु में ऊर्जा है तो वह दूसरी वस्तु पर बल लगाकर कार्य कर सकता है।
- जब कोई वस्तु दुसरे वस्तु पर बल लगाता है तो ऊर्जा पहली वस्तु से दूसरी वस्तु में स्थानांतरित हो जाती हैं।
- किसी वस्तु में निहित ऊर्जा को उसकी कार्य करने की क्षमता के रूप में मापा जाता है।
- इसलिए ऊर्जा का मात्रक जूल है जो कार्य का मात्रक है।
- ऊर्जा के बड़े मात्रक के रूप में किलोजूल (kJ) का उपयोग किया जाता है।
♦ ऊर्जा के विभिन्न प्रकार
उर्जा के प्रकार:-
ऊर्जा के विभिन्न रूप निम्नलिखित है ।
- स्थितिज ऊर्जा किसी वस्तु में संचित उर्जा को स्थितिज उर्जा कहते हैं।
- गतिज ऊर्जाः गतिमान वस्तु में कार्य करने कि क्षमता होती है, वस्तु के गति के कारण उत्पन्न उर्जा को गतिज उर्जा कहते हैं।
- उष्मीय ऊर्जाः ऊष्मा उर्जा का एक अन्य रूप हे जिसमें एक रूप से दूसरी रूप में परिवर्तन होने कि क्षमता होती है। यह वस्तु के कणों के बीच में गतिज ऊर्जा के रूप में परिवर्तित हो जाती है।
- रासायनिक ऊर्जाः कुछ रसायनों में उर्जा उत्पन्न करने की क्षमता होती है, रासायनिक प्रक्रिया द्वाटा उत्पन्न उर्जा को रासायनिक उर्जा कहते हैं।
- विधुत ऊर्जाः विद्युत में कार्य करने की अदभुत क्षमता होती है। इस विद्युत से उत्पन्न उर्जा को विधुत उर्जा कहते है।
- प्रकाश ऊर्जाः उर्जा के किसी स्रोत से जब उर्जा का उपभोग प्रकाश प्राप्त करने के लिए जब किया जाता है तो उसे प्रकाश उर्जा कहते है।
- नाभकीय ऊर्जाः नाभकीय अभिक्रिया से उत्पन्न ऊर्जा को नाभकीय ऊर्जा कहते हैं।
- ध्वनि ऊर्जाः ध्वनि किसी वस्तु के कंपन्न से उत्पन्न होता है, जिसमें कार्य करने की क्षमता होती है, अत: इसे ध्वनि ऊर्जा के
रूप में मापा जाता है। ऊर्जा संरक्षण का नियमः उर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार ऊर्जा का न तो सृजन किया जा सकता है और न ही विनाश किया जा सकता है, इसका केवल एक रूप से दुसरे रूप में रूपांतरित हो सकता है।
ऊर्जा संरक्षण के नियम के लिए उदाहरण: मान लीजिए कि हम एक द्रव्यमान की वस्तु को h मीटर की ऊंचाई तक उठाते है तो वस्तु में स्थितिज ऊर्जा संचित होती है। अब जब वस्तु को गिटाया जाता है तो ऊंचाई कम होने के साथ-साथ वस्तु की स्थितिज ऊर्जा कम होती चली जाएगी ओट गतिज ऊर्जा बढ़ती जाएगी। जब वस्तु धरती पर पहुँचती है वस्तु की स्थितिज ऊर्जा शून्य हो जाता है परन्तु गतिज ऊर्जा सबसे ऊंचाई पर जितनी स्थितिज ऊर्जा थी उसके परिमाण के बराबर होती है। अतः कह सकते है कि ऊर्जा एक रूप से दुसरे रूप में रूपांतरित होती है।
♦ यांत्रिक उर्जा (Mechanical Energy):
किसी वस्तु के स्थितिज ऊर्जा एवं गतिज उर्जा के योग को यांत्रिक उर्जा कहते हैं।
शक्ति एवं ऊर्जा का व्यावसायिक मात्रक
शक्ति (Power) कार्य करने कि दर या उर्जा रूपांतरण की दर को शक्ति कहते हैं।
शक्ति = कार्य / समय
हटो P से सूचित करते है
P=W/t
इसका SI मात्रक Js-1 होता है जिसे W (Watt) भी कहा जाता है| शक्ति का मात्रक वाट (W) जेम्स वाट के नाम पर रखा गया है।
1 वाट शक्ति की परिभाषा:
जब कोई अभिकर्ता या वस्तु सेकेंड में जुल कार्य करता है तो इसे वाट शक्ति कहते हैं।
कार्य कटने की दर शक्ति (Power): कार्य करने की दर या शक्ति रूपांतरण की दर
को शक्ति कहते हैं।
इसे P से दर्शाति है।
शक्ति कार्य / समय =
शक्ति का मात्रक Js‾¹ है इसे वाट कहते हैं और W से दर्शाते हैं।
1 वाट शक्ति की परिभाषा:
जब कोई वस्तु सेकेंड में जुल कार्य करता है तो इसे वाट शक्ति कहते है ।
उर्जा के उच्च दरों को किलोवाट (kW) में व्यक्त करते हैं।
1000 वाट किलोवाट
या 1000 Js‾¹ या 1000 वाट kW
♦ ऊर्जा का व्यावसायिक मात्रक (Commercial Unit of Energy);
जब हम ऊर्जा का उपभोग बड़ी मात्रा में करते हैं तो जूल का उपयोग न करके किलोंवाट घंटा (kWh) का उपयोग करते है। जूल ऊर्जा का बहुत छोटा मात्रक है।
किलोवाट घंटा (kWh): जब 1 kW ऊर्जा की मात्रा किसी स्रोत से घंटे तक उपयोग करने में व्यय होती है तो इसे एक किलोवाट घंटा (kWh) कहते है।
उदाहरण: यदि एक मशीन जो एक सेकेंड में 1000 J ऊर्जा उपयोग करती है यदि इस मशीन को लगातार घंटे उपयोग किया जाये तो यह घंटे में 1000 x 3600 J ऊर्जा अर्थात kWh ऊर्जा उपभोग करेगी।
अत: 1kWh = 3600000 J = 3.6 x 106. J
व्यावसायिक ऊर्जा घरों, उद्योगों तथा व्यवसायिक संस्थानों के हम ऊर्जा के लिए विधुत ऊर्जा का उपभोग करते हैं, जिसे प्रायः किलोवाट घंटा में व्यक्त करते हैं। इसे ही व्यावसायिक ऊर्जा कहते हैं।
व्यावसायिक ऊर्जा का मात्रक किलोवाट घंटा (kWh ) हैं जिसे यूनिट (unit) में व्यक्त करते हैं।
1 यूनिट = 1 kWh
उदाहरण: मान लीजिए कि किसी घर में महीने में 25 kW विधुत ऊर्जा उपभोग की गयी तो जब इसे unit में व्यक्त करेंगे तो कहेंगे कि 25 यूनिट विद्युत ऊर्जा उपभोग की गयी हैं।
ऊर्जा के व्यावसायिक मात्रक पर आधारित आंकिक प्रश्न (Numerical):
उदाहरण 1: एक व्यक्ति अपने घर के एक कमरे में 100 W का एक बल्ब प्रतिदिन 7 घंटे उपभोग करता है। बल्ब द्वारा खर्च की गयी ऊर्जा की मात्रा को ‘यूनिट’ में परिकलन कीजिये ।
हल:
बल्च की शक्ति = 100 W
1 दिन में उपभोग किया गया समय 7 घंटा
इसलिए, एक दिन में ऊर्जा का कुल उपभोग = 100 x 7 W = 700 W
= 0.7 kWh या 0.7 यूनिट
उदाहरण 2: 60 W का एक विद्युत बल्ब प्रतिदिन 6 घंटा उपभोग किया जाता है। एक 160 W का छत पंखा प्रतिदिन 8 घंटा उपभोग किया जाता है। एक दिन में खर्च की गई ऊर्जा की कुल मात्रा को ‘यूनिट में व्यक्त कीजिये ।
हल:
बल्ब की शक्ति = 60W
1 दिन में उपभोग किया गया समय = 6 घंटा
इसलिए, एक दिन में बल्ब द्वाटा ऊर्जा का कुल उपभोग = 60×6 W
= 360 W
पंखे की शक्ति = 160 W
1 दिन में उपभोग किया गया समय = 8 घंटा
एक दिन में बल्ब द्वारा ऊर्जा का कुल उपभोग = 160×8 W
= 1280 W
विधुत ऊर्जा का कुल उपभोग 360 W + 1280 W
= 1640 W
= 1.640 kWh या 1.640 यूनिट
Q1.) हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है ?
उत्तर:- भौतिकी में कार्य (work) होना तब माना जाता है जब किसी वस्तु पर कोई बल लगाने से वह वस्तु बल की दिशा में कुछ विस्थापित हो। दूसरे शब्दों में, कोई बल लगाने से बल की दिशा में वस्तु का विस्थापन हो तो कहते हैं कि बल ने कार्य किया।
Q2.) जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल विस्थापन की दिशा में हो तो किए गये कार्य का व्यंजक लिखिए |
उत्तर:- किया गया कार्य (W) = बल (F)`xx` बल की दिशा में विस्थापन (d) <br> कार्य एक सदिश राशि है और इसकी इकाई न्यूटन-मीटर (Nm) या जूल है।
Q3.) 1 J को परिभाषित कीजिए |
उत्तर:- जूल (संकेताक्षर: J), अंतर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली के अंतर्गत ऊर्जा या कार्य की एक व्युत्पन्न इकाई है। एक जूल, एक न्यूटन बल को बल की दिशा में, एक मीटर दूरी तक लगाने में, या फिर एक एम्पियर की विद्युत धारा को एक ओम के प्रतिरोध से एक सेकण्ड तक गुजारने में व्यय हुई ऊर्जा या किये गये कार्य के बराबर होता है।
Q4.) बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140 N बल लगती है |जोता गया खेत 15 m लम्बा है | खेत की लम्बाई को जोस्ते में कितना कार्य किया गया ?
उत्तर:- दिया गया है कि
बैलों द्वारा लगाया गया बल F = 140 N,
विस्थापन s = 15 m.
अत: , खेत की लंबाई को जोतने में किया गया कार्य
W=Fs=140 N×15 m=2100 N m=2100 J.
Q5.) किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है ?
उत्तर:- गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) किसी पिण्ड की वह अतिरिक्त ऊर्जा है जो उसके रेखीय वेग अथवा कोणीय वेग अथवा दोनो के कारण होती है। इसका मान उस पिण्ड को विरामावस्था से उस वेग तक त्वरित करने में किये गये कार्य के बराबर होती है।
Q6.) किसी वास्तु के गतिज उर्जा के लिए व्यंजक लिखो |
उत्तर:- किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक KE = ½ mv2 होता है। गति करती हुई किसी वस्तु में उसकी गति के कारण जो ऊर्जा उत्पन्न करती है उसे गतिज ऊर्जा कहते हैं। यहाँ वस्तु के भर को m से और उसके वेग को v से दर्शाया जाता है। गतिज ऊर्जा वह ऊर्जा है जो किसी पिंड में अपनी गति बनाए रखने के लिए होती है। किसी वस्तु में गतिमान होने पर जो ऊर्जा होती है उसे गतिज ऊर्जा कहते हैं। अचल वस्तु में कोई गतिज ऊर्जा नहीं है। SI में एक गतिज ऊर्जा इकाई एक जूल है।
Q7.) शक्ति क्या है ?
उत्तर:- किसी वस्तु या व्यक्ति द्वारा एकांक समय में किए गए कार्य को शक्ति (power in Hindi) कहते हैं। इसे P से प्रदर्शित करते हैं शक्ति एक अदिश राशि है। शक्ति को सामर्थ्य भी कहते हैं।
Q8.) 1 वाट शक्ति को परिभाषित कीजिए |
उत्तर:- जब 1 सेकंड में 1 जूल कार्य किया जाता है, तो कार्य करने की दर या ऊर्जा व्यय करने की दर 1 वाट कहलाती है।
Q9.) औसत शक्ति को परिभाषित कीजिए |
उत्तर:-कुल उपयोग हुई ऊर्जा ( किया गया कार्य ) और कुल समय के अनुपात के औसत शक्ति कहते है |
औसत शक्ति = उपयोग की गई कुल ऊर्जा /कुल समय
Q10.) एक लैंप 1000 j विधुत ऊर्जा 10s में व्यय करता है | इसकी शक्ति कितनी होगी ?
उत्तर:-
Q1.) 20 kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5 m s‾¹ से 2 m s‾¹ में परिवर्तित कर देता है | बल द्वारा किये गये कार्य का परिकलन कीजिए |
उत्तर:-
अतः, बल द्वारा किया गया कार्य = -210J है।
हल:- वस्तु का द्रव्यमान = 20 kg,
आरंभिक वेग u = 5m/s;
अंतिम वेग u = 2m/s
समय t = /s
गति के पहले समीकरण से, v = u + at
→ a = (v – u)/1
→ a = [(2m/s – 5m/s)/1]s
→ a = -3 m/s^2
गति के तीसरे समीकरण से, v^2 – u^2 = 2as
→ (2m/s)^2 – (5m/s)^2 = 2×(-3m/s^2)×s
→ -21m^2/s^2 = -6m/s^2 . s
∴ s = -21/-6 = 21/6 = 7/2 m
किया गया कार्य = F × s
W = m × a × s
= 20Kg × (-3/s^2)×(7/2)m
= -210J
अतः, बल द्वारा किया गया कार्य = -210J है।
Q2.) जब आप साइकिल चलाते हो तो कौन – कौन से ऊर्जा रूपांतरण होते है ?
उत्तर:-
- स्थितिज ऊर्जा पेशीय ऊर्जा में रूपांतरित होती है।
- रासायनिक ऊर्जा पेशीय ऊर्जा में और फिर गतिज ऊर्जा मे रूपांतरित होती है।
- रासायनिक ऊर्जा यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरित होती है।
- यांत्रिक ऊर्जा गतिज ऊर्जा में रूपांतरित होती है।
Q3.)किसी घर में 1 महीने से ऊर्जा की 250 ‘ यूनिटें ‘ ओयी हुई | यह उर्जा जुल में कितनी होगी ?
उत्तर:-
दिया गया हैं:
खपत ऊर्जा = 250 units
ज्ञात करना हैं: ऊर्जा ( J ,जूल में )
चरण 1:
कुछ रूपांतरण हैं,
1unit = 1kwh
1 hour = 3600 seconds
1 W= 1 J/s
1 kw = 1000 W
चरण 2:
दिया गया हैं,
1 unit = 1000 x 3600 J
250 units =250 x 3600,000 J
चरण 3:
इन्हें सरल बनाएं,
250 units =900,000,000 J
=9 x 10⁸J Ans
Q4.) कोई मनुष्य भूसे के एक्टर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है | क्या उसने कोई कार्य किया या नही ? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए |
उत्तर:- कोई मनुष्य भूसे के एक गठ्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट रखे रहता है और थक जाता है। नहीं ,मनुष्य ने कुछ कार्य नहीं किया क्योंकि भूसे के एक गठ्ठर तथा बल की दिशा के बीच कोण 90° बनता है और वस्तु का विस्थापन जब बल की दिशा से समकोण होता है तब कोई कार्य नहीं होता।
Q5.) 40 kg द्रव्यमान का एक पिंड धरती से 5 m की ऊंचाई तक उठाया जाता है | इसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी होगी ? यदि पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो जब पिंड ठीक आधे रस्ते पर है उस समय इसकी गतिज उर्जा का परिकलन कीजिये | ( g= 10 m s ‾² )
उत्तर:-
Q6.) एक विधुत हीटर ( उष्मक ) की घोषित शक्ति 1500 W है | 10 घंटे में यह कितनी उर्जा उपयोग करेगा |
उत्तर:-
Q7.) 1500 kg द्रव्यमान की कार को जो 60 km/h के वेग से चल रही है , रोकने के लिए किये गए कार्य का परिकलन कीजिए |
उत्तर:-
Q8.) चार युक्तियाँ , जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500 W है 10 घंटे तक उपयोग में लाइ जाती है | इनके द्वारा व्यय की गई उर्जा kWh में परिकलन कीजिए |
उत्तर:-