Jac Board class 10 नागरिकशास्त्र chapter 3 लोकतंत्र और विविधता Hindi Medium | Jac Board Solutions Class 10 नागरिकशास्त्र | Class 10 नागरिकशास्त्र chapter 3 लोकतंत्र और विविधता
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class 10 नागरिकशास्त्र chapter 3 लोकतंत्र और विविधता
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Jac Board Class 10 नागरिकशास्त Chapter 3 : लोकतंत्र और विविधता
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- नोट्स
- syllabus पर आधारित प्रश्न उत्तर
- अभ्यास
class 10 नागरिकशास्त्र chapter 3
अध्याय 3 : लोकतंत्र और विविधता ( Democracy and Diversity)
अमरीका में नागरिक अधिकार आंदोलन (1954 – 1968):-
♦ इसका उद्देश्य एफ्रो अमरीकी लोगों के विरूद्ध होने वाले नस्ल आधारित भेदभाव को मिटाना था। मार्टिन लूथर किंग जूनियर की अगुवाई में लड़े गए इस आंदोलन का स्वरूप पूरी तरह हिंसक था। इसने नस्ल के आधार पर भेद -भाव करने वाले कानूनों और व्यवहार को समाप्त करने – की माँग उठाई जो अंततः सफल हुई।
अमेरिका में नागरिक अधिकार आंदोलन के विकास का वर्णन :-
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका में नस्लीय भेदभाव बढ़ गया।
- अश्वेत लोगों पर अनेक प्रकार के प्रतिबंध लगा दिए गए थे ।
- 1980 के दशक में अमेरिका में लगभग 33 प्रतिशत काले लोग, 20 प्रतिशत हिस्पानी और 12 प्रतिशत श्वेत गरीब एवं बेघर थे।
- 1950 के दशक में नागरिक अधिकारों के लिए शक्तिशाली आंदोलन हुए।
- 1954 में वहाँ के सर्वोच्च न्यायालय ने अलग परंतु समान के सिद्धांत को अस्वीकार कर दिया।
- नस्लीय भेदभाव के विरूद्ध मार्टिन लूथर किंग जूनियर के नेतृत्व में आंदोलन चलाया गया।
- 1960 के दशक में कानून बनाकर इस भेदभाव को खत्म किया गया।
टॉमी स्मिथ और जॉन कार्लोस ने 1968 के मैक्सिको ओलंपिक खेल में, संयुक्त राज्य अमेरिका में होने वाले रंगभेद के मसले के प्रति अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान किस प्रकार आकर्षित किया ?
- बिना जूतों के केवल मोजे पहनकर अश्वेतों की गरीबी को दर्शाया।
- स्मिथ ने अश्वेत लोगों के आत्मगौरव को बताने के लिए अपने गले में काला मफलर पहना था।
- कार्लोस ने मारे गए अश्वेतों की याद में काले मनकों की एक माला पहनी थी।
- काले दसताने और बंधी हुई मुट्ठियों के द्वारा अश्वेत शक्ति को दर्शाया।
अश्वेत शक्ति आन्दोलन :-
♦ यह आंदोलन 1966 में उभरा और 1975 तक चलता रहा। नस्लवाद को लेकर इस आंदोलन का रवैया ज्यादा उग्र था। इसका मानना था कि अमरीका से नस्लवाद मिटाने के लिए हिस्सा का सहारा लेने में भी हर्ज नहीं है।
एफ्रो अमरीकी :-
♦ एफ्रो अमरीकन अश्वेत अमरीकी या अश्वेत शब्द उन अफ्रीकी लोगों के वंशजो के लिए प्रयुक्त होता है जिन्हें 17 वीं सदी से लेकर 19 वीं सदी की शुरूआत तक अमरीका में गुलाम बनाकर लाया गया था।
नस्लभेद :-
♦ किसी देश अथवा समाज में नस्ल के आधार पर कुछ लोगों को नीच या हीन समझना ।
रंगभेद :-
♦ रंग के आधार पर भेदभाव करना ।
सामाजिक विविधता :-
♦ किसी भी समाज में विविधता तभी आती है जब उस समाज में विभिन्न आर्थिक तबके, धार्मिक समुदायों, विभिन्न भाषाई समूहों, विभिन्न संस्कृतियों और जातियों के लोग रहते हैं।
♦ भारत देश विविधताओं का एक जीता जागता उदाहरण है। इस देश में दुनिया के लगभग सभी मुख्य धर्मों के अनुयायी रहते हैं। यहाँ हजारों भाषाएँ बोली जाती हैं, अलग अलग खान पान हैं, अलग अलग पोशाक और तरह तरह की संस्कृति दिखाई देती है।
सामाजिक भेदभाव की उत्पत्ति के प्रमुख कारण :-
- जन्म पर आधारित :- हम सिर्फ इस आधार पर उस समुदाय के सदस्य हो जाते हैं जिसमें हमारा जन्म हुआ है ।
- पसंद या चुनाव पर आधारित जैसे धर्म, व्यवसाय खेल इत्यादि का चुनाव हम अपनी पसंद से करते हैं।
- सोचने के अलग अलग ढंग |
सामाजिक विभाजन :-
♦ जो विभाजन क्षेत्र, जाति, रंग, नस्ल, लिंग आदि के भेद पर किया जाए उसे सामाजिक विभाजन कहते हैं।
सामाजिक अंतर कब और कैसे सामाजिक विभाजनों का रूप ले लेते हैं ?
- जब कुछ सामाजिक अंतर दूसरी अनेक विभिन्नताओं से ऊपर और बड़े हो जाते हैं।
- अमेरिका में श्वेत और अश्वेत के बीच भारी अंतर है जो सामाजिक विभाजन का मुख्य कारण है।
- जब एक तरह का सामाजिक अंतर अन्य अंतरों से ज्यादा महत्वपूर्ण बन जाता है।
विभिन्नताओं में सामंजस्य व टकराव :-
◊ सामंजस्य :-
- इसके अंतर्गत सामाजिक विभिन्नताओं में एकता दिखाई देती है।
- इसमें लोग यह महसूस करने लगते हैं कि वे विभिन्न समुदायों से संबंध रखते हैं।
- इससे गहरी सामाजिक विभाजन की संभावना घट जाती है।
जैसे:- अमेरिका में श्वेत और अश्वेत का अंतर ।
◊ टकराव :-
- इसके अंतर्गत सामाजिक विभिन्नताओं से टकराव उत्पन्न होता है।
- इसमें कई समूह एक मुद्दे पर समान नजरिया रखते हैं तो दूसरे मुद्दे पर उनके नजरियों में अंतर हो जाता है।
- इसमें सामाजिक विभाजन की संभावना बढ़ जाती है।
- जैसे :- नीदरलैंड में वर्ग और धर्म के बीच ऐसा मेल नहीं दिखाई देता है।
प्रवासी :-
♦अस्थाई तौर पर आर्थिक अवसरों के लिए दूसरे देशों या नगरों में जाकर बसने वाले लोग ।
समरूप समाज :-
♦ एक ऐसा समाज जिसमें सामुदायिक, सांस्कृतिक या जातीय विभिन्नताएँ ज्यादा गहरी नहीं होती ।
सामाजिक विभाजनों की राजनीति :-
- लोकतंत्र में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बीच प्रतिद्वंदिता का माहौल होता है।
- प्रतिद्वंदिता समाज को विभाजित करती है और उन्हें राजनीतिक विभाजनों में बदल देती है जो अंततः संघर्ष, हिंसा या किसी देश के विघटन की और ले जाती है।
सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले कारक :-
- लोगों में अपनी पहचान के प्रति आग्रह की भावना ।
- राजनीतिक दलों का संविधान के दायरे में रहकर कार्य करना ।
- सरकार विभिन्न सामाजिक वर्गों के प्रति कैसा रूख अपनाती है।
लोकतंत्र :-
♦ लोकतंत्र शासन की एक ऐसी पद्धति है, जिसमें जनता अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के द्वारा शासन करती है।
लोकतंत्र के प्रकार :-
◊ प्रत्यक्ष लोकतंत्र :- जिसमें जनता स्वयं शासन में भागीदार होती है। जैसे:- स्विटजरलैंड के कुछ कैन्टन ।
◊ अप्रत्यक्ष लोकतंत्र :- इसमें जनता अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के द्वारा शासन चलाती है। जैसे भारत ।
लोकतंत्र के पहलू :-
◊ राजनीतिक पहलू :- लोकतांत्रिक लोकतंत्र के लिए – सहमति और राजनीतिक समानता सरकार की जरूरत होती है।
◊ सामाजिक पहलू :- इसके लिए देश में सामाजिक समानता की आवश्यकता होती है।
◊ आर्थिक पहलू :- कोई विषमता नहीं होनी चाहिए।इसके अन्तर्गत ऐसा नहीं होना चाहिए कि कुछ लोग समृद्ध हो और अधिसंख्या लोग गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करते है।
लोकतंत्र के पक्ष में :-
- लोकतंत्र के निर्णय लेने की प्रक्रिया नियमों के अन्तर्गत ।
- सरकार लोगो के प्रति जवाब देह होती है।
- लोकतंत्र में निर्णय लेने की प्रक्रिया में नागरिकों के हिस्सा लेने की प्रणाली होती हैं।
लोकतंत्र के विपक्ष में :-
- सरकार की कोई जवाबदेही नही होती।
- निर्णय लेने की प्रक्रिया नियमों और प्रक्रियाओं पर आधारित नहीं होती है |
- निर्णय लेने की प्रक्रिया का परीक्षण करने के लिए पादरशी अधिकार एवं साधन नहीं होते हैं।
2024 Syllabus में शामिल जिसे पढ़ना ही है |
- मैक्सिको ओलंपिक की कहानी
- असमानताएँ और विभाजन
- विभिन्नताओं में सामंजस्य और टकराव
- सामाजिक विभाजनो की राजनीती
- परिणामो का दायरा
- बुल्गारिया
- रोमानिया या भारत
- तीन आयाम
- ‘सामाजिक भेदभाव की उत्पत्ति
Jac Board 2024 syllabus पर आधारित प्रश्न उत्तर |
Q1.) मेक्सिको ओलंपिक की कहानी क्या है?
उत्तर:- मेक्सिको ओलंपिक की कहानी एक ऐसे आंदोलन से संबंधित है जिसमें छात्रों ने अपने देश के नाम पर उठाया विरोध। 1968 में मेक्सिको सिटी में हुए ओलंपिक खेलों में लातिन अमेरिका के छात्रों ने मेक्सिको सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
Q2.) सामाजिक भेदभाव की उत्पत्ति कैसे होती है ?
उत्तर:- सामाजिक भेदभाव, उन समूहों, वर्गों, या अन्य श्रेणियों के आधार पर लोगों के बीच अनुचित या पूर्वाग्रहपूर्ण भेदभाव करने की प्रक्रिया है. भेदभाव के कारण आम तौर पर जातीय, नस्लीय, जाति, लिंग, आयु, धर्म, या यौन अभिविन्यास हो सकते हैं.
भारत में सामाजिक विभाजन भाषा, धर्म, और जाति पर आधारित है. हमारे देश में दलित आमतौर पर गरीब और भूमिहीन होते हैं. उन्हें अक्सर भेदभाव और अन्याय का सामना करना पड़ता है|
Q3.) विभिन्नताओं में सामंजस्य और टकराव का वर्णन कीजिए।
उत्तर:- सामाजिक विभाजन तब होता है जब कुछ सामाजिक अंतर दूसरी अनेक विभिन्नताओं से ऊपर और बड़े हो जाते है।
(a) अमरीका में श्वेत ओर अश्वेत का अंतर एक सामाजिक विभाजन बन गया क्योंकि अश्वेत लोग आमतौर पर गरीब है, बेघर है, भेदभाव का शिकार है।
(b) हमारे देश में भी दलित आमतौर पर गरीब और भूमिहीन है। उन्हें भी अक्सर भेदभाव और अन्याय का शिकार होना पड़ता है। अगर एक-सी सामाजिक असमानताऐं कई समूहों में मौजूद हो तो फिर एक समूह के लोगों के लिए दूसरे समूहों से अलग पहचान बनाना मुश्किल हो जाता है।
टकराव:- (a) टकराव तब होता है जब एक तरह की सामाजिक – विभिन्नता दूसरी सामाजिक विभिन्नता से कमजोर पड़ जाती है।
(b) आज अधिकतर समाजों में कर्इ किस्म के विभाजन दिखाइ देते है। जर्मनी और स्वीडन जैसे समरूप समाज में भी, जहाँ मोटे तौर पर अधिकतर लोग एक ही नस्ल और संस्कृति के हैं, दुनिया के दूसरे हिस्सों से पहुँचने वाले लोगों के कारण तेजी से बदलाव हो रहा है। ऐसे लोग अपने साथ अपनी संस्कृति लेकर पहुँचते है। उनमें अपना अलग समुदाय बनाने की प्रवृत्ति होती है। इस हिसाब से आज दुनिया के अधिकतर देश बहुसांस्कृतिक हो गए है।
(c) राजनिति और सामाजिक विभाजनों का मेल बहुत खतरनाक और विस्फोटक लगता है। लोकतंत्रा में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बीच प्रतिद्वंद्विता का माहौल होता है |
Q4.) सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा करें।
उत्तर:- सामाजिक भेदभाव, उन समूहों, वर्गों, या अन्य श्रेणियों सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारक हैं –
- लोगों में अपनी पहचान के प्रति आग्रह की भावना यदि लोग स्वयं को सबसे विशिष्ट और अलग मानने लगते हैं तो.अन्य लोगों के साथ तालमेल बैठाना काफी कठिन हो जाता है।के आधार पर लोगों के बीच अनुचित या पूर्वाग्रहपूर्ण भेदभाव करने की प्रक्रिया है. भेदभाव के कारण आम तौर पर जातीय, नस्लीय, जाति, लिंग, आयु, धर्म, या यौन अभिविन्यास हो सकते हैं.
भारत में सामाजिक विभाजन भाषा, धर्म, और जाति पर आधारित है. हमारे देश में दलित आमतौर पर गरीब और भूमिहीन होते हैं. उन्हें अक्सर भेदभाव और अन्याय का सामना करना पड़ता है. दूसरा मुख्य कारक यह है कि विविध राजनीतिक दल समुदाय की मांगों को कैसे उठता है समुदाय की हद में आने वाली तथा समुदाय को हानी न पहुँचाने वाली मांगों का मानना सरल है।
सरकार यदि शासन (सत्ता) में साझेदारी करने को तैयार हो तथा अल्पसंख्यक समुदाय की उचित मांगों को पूरा करने का प्रयल ईमानदारी से किया जाए तो सामाजिक विभाजन मुल्क के लिए खतरे नहीं बनते, परन्तु यदि शासन राष्ट्रीय एकता के नाम पर किसी ऐसी मांग को दबाना शुरू कर देता है तो इसके उल्टे और नुकसानदेह परिणाम निकलते हैं।
Q5.) बुल्गारिया क्या है ?
उत्तर:- बुल्गारिया दक्षिण-पूर्व यूरोप में स्थित देश है, जिसकी राजधानी सोफ़िया है। देश की सीमाएं उत्तर में रोमानिया से, पश्चिम में सर्बिया और मेसेडोनिया से, दक्षिण में ग्रीस और तुर्की से मिलती हैं। पूर्व में देश की सीमाएं काला सागर निर्धारित करती है। कला और तकनीक के अलावा राजनैतिक दृष्टि से भी बुल्गारिया का वजूद पाँचवीं सदी से नजर आने लगता है। पहले बुल्गारियन साम्राज्य ने न केवल बाल्कन क्षेत्र बल्कि पूरे पूर्वी यूरोप को अनेक तरह से प्रभावित किया। बुल्गारियन साम्राज्य के पतन के बाद इसे ओटोमन शासन के अधीन कर दिया। 1877-78 में हुए रुस-तुर्की युद्ध ने बुल्गारिया राज्य को पुन: स्थापित करने में मदद की। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बुल्गारिया साम्यवादी राज्य और पूर्वी ब्लाक का हिस्सा बन गया। 1989 में क्रांति के बाद 1990 में साम्यवादियों का सत्ता से एकाधिकार समाप्त हो गया और देश संसदीय गणराज्य के रूप में आगे बढ़ने लगा। यह देश 2004 से नाटो का और 2007 से यूरोपियन यूनियन का सदस्य है।
Q6.) भारत और रोमानिया के लोगों में क्या अंतर है?
उत्तर:- रोमानिया पढ़े लिखें, जागरूक व छदम धर्मवाद से मुक्त लोगों का देश है जो तरक्की की नित नई पायदाने चढ़ रहा है. लोक धार्मिक कट्टरता को सामाजिक जीवन में घुसने नहीं देते और सब एक दूसरे के अधिकारों के लिया एक साथ लड़ते है. आज प्रति व्यक्ति आय 20000 डॉलर से ज्यादा है. सुख, शांति व प्रेम से रहते है लोग.
भारत में जाती, भाषा, धर्म, प्रान्त, पंथ आदि की नकली अस्मितायें पालकर जीते है. नतीजन, भूख, बेरोजगारी, गरीबी, लाचारी चरम पर है. शिक्षा, स्वास्थ्य, समता व समानता केवल भाषणों तक सिमित है. पुलिस व सरकार जाती व धर्म आधारित प्रशासन चलाते है फिर भी गुलाम व लाचार लोग नकली अस्मिता के पीछे भाग रहे है.
Q7.) 3 आयाम क्या है?
उत्तर:- प्रत्येक वस्तु की लम्बाई तथा चौडाई हम देख सकते है । तीसरा आयाम उसकी मोटाई /गहराई होती है । लम्बाई, चौड़ाई और तीसरी ऊँचाई(मोटाई या गहराई) के अलावा एक चौथा आयाम समय माना गया है.
Q8.) सामाजिक भेदभाव की उत्पत्ति कैसे होती है ?
उत्तर:- समाज में कई प्रकार, भिन्न भिन्न प्रान्त एवं जाती के लोग रहते है। क्षेत्र, धर्म और संप्रदाय के आधार पर भी सामजिक भेदभाव उत्पन्न होती है। इन सभी कारणों के ऊपर जन्म को सामजिक भेदभाव की उत्पति होती है। लोगो के शारीरिक रूप से भी भेदभाव होता है जैसे की काले गौरे, स्त्री पुरुष, लंबगे नाटे इत्यादि।