Swasth ka Mahatv par Nibandh class 10 250 words me ||

Swasth ka Mahatv par Nibandh || स्वास्थ्य मानव जीवन का एक मूलभूत पहलू है, जो पूर्ण और उत्पादक अस्तित्व जीने के लिए आवश्यक है। अच्छा स्वास्थ्य केवल बीमारी की अनुपस्थिति नहीं है; इसमें शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण शामिल है। संतुलित पोषण, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन के माध्यम से एक स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखना समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

स्वस्थ के महत्व पर निबंध 250 शब्दों मैं |

Swasth ka Mahatv par Nibandh
Swasth ka Mahatv par Nibandh

Swasth ka Mahatv par Nibandh class 10 250 words me

स्वास्थ्य का महत्व

संकेत बिन्दु- स्वस्थ शरीर- एक वरदान, अच्छे स्वास्थ्य का अर्थ, स्वास्थ्य वरदान क्यों, स्वस्थ शरीर में स्वस्थ आत्मा का निवास संभव ।

स्वस्थ शरीर- एक वरदान

स्वास्थ्य का कोई मूल्य नहीं। यह अमोल है। यही जीवन है। यह जीवन की मूल्यवान सम्पत्ति है। इसका विनाश जीवन का विनाश है। जीवन में प्रायः सभी वस्तुएँ धन से खरीदी जा सकती हैं, पर स्वास्थ्य को धन से नहीं खरीदा जा सकता।

अच्छे स्वास्थ्य का अर्थ

सभी प्रकार के कर्मों का साधन शरीर ही है। यदि शरीर ही स्वस्थ नहीं है तो अपने कर्मों का भली-भाँति निर्वाह किस प्रकार कर पाएँगे हम ? स्वस्थ मनुष्य सदैव प्रफुल्लित चित्त रहता है। उसकी आंतरिक प्रसन्नता चेहरे से ही प्रकट होती है। अस्वस्थ व्यक्ति का चित्त हमेशा खिन्न, उद्विग्न, अशांत और उदास बना रहता है। उसकी बुद्धि, कुशाग्रता, मति और मेधा क्षीण हो जाती है।

एक उक्ति प्रसिद्ध है:- सेहत हजार नेयामत। अच्छा स्वास्थ्य स्वर्गीय वरदान है। प्रथम सुख निरोगी काया। यह कथन अक्षरशः सत्य है।

स्वास्थ्य वरदान क्यों

अच्छी स्वास्थ्य जीवन के लिए वरदान है। यह जीवन का सर्वोत्तम धन है। अतएव इसे बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयत्न करना चाहिए। रुग्ण शरीर घुन खाई लकड़ी के समान होता है। उसमें भार सहन करने की शक्ति नहीं होती।अच्छी स्वास्थ्य जीवन के लिए वरदान है। यह जीवन का सर्वोत्तम धन है। अतएव इसे बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयत्न करना चाहिए। रुग्ण शरीर घुन खाई लकड़ी के समान होता है। उसमें भार सहन करने की शक्ति नहीं होती।

स्वस्थ शरीर में स्वस्थ आत्मा का निवास संभव ।

स्वस्थ्य शरीर और स्वस्थ मन में अन्योन्याश्रय संबंध है। ये दोनों मानव व्यक्तित्व के अभिन्न अंग है। शरीर के अस्वस्थ होने पर मन विकारग्रस्त हो जाता है। आत्मा खिन्न रहती है तथा व्यक्ति का सहज विकास अवरुद्ध हो जाता है।

निष्कर्ष

अपने जीवन को तनावमुक्त, शांत और सुखी बनाए रखने एवं काया को रोगमुक्त रखने के लिए खुली हवा में सुबह-शाम टहलना अत्यावश्यक है। नियमित रूप से व्यायाम और योगासन करना अत्यन्त लाभप्रद है।

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