Paryavaran Pradushan par Nibandh 250 words me ||

Paryavaran Pradushan par Nibandh|| पर्यावरण प्रदूषण आज दुनिया के सामने सबसे गंभीर मुद्दों में से एक है। इसमें हानिकारक पदार्थों और गतिविधियों के कारण होने वाला वायु, जल और मृदा प्रदूषण शामिल है। औद्योगिक उत्सर्जन, वाहनों का धुआं, वनों की कटाई और अनुचित अपशिष्ट निपटान प्रदूषण में प्रमुख योगदानकर्ता हैं। ये प्रदूषक मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं, वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाते हैं और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित करते हैं। पर्यावरण प्रदूषण से निपटने के लिए, टिकाऊ प्रथाओं को अपनाना, सख्त नियम लागू करना और भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमारे ग्रह को संरक्षित करने के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना आवश्यक है।

Paryavaran Pradushan par Nibandh class 10 250 words me

Paryavaran Pradushan par Nibandh

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध 250 शब्दों में

♦ पर्यावरण प्रदूषण

भूमिका, प्रदूषण का अर्थ, प्रदूषण के प्रकार, कारण, दुष्परिणाम, प्रदूषण रोकने के उपाय।

भूमिका:-

विज्ञान के इस युग में मानव को जहाँ कुछ वरदान मिले हैं, वहाँ कुछ अभिशाप भी मिले हैं। प्रदूषण भी एक ऐसा अभिशाप है जो विज्ञान की कोख से जन्मा है और जिसे सहने के लिए अधिकांश जनता मजबूर है।

प्रदूषण का अर्थ:-

प्रदूषण का अर्थ है प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। न शुद्ध वायु मिलना, न शुद्ध जल मिलना, न शुद्ध खाद्य पदार्थ मिलना, न शांत वातावरण मिलना। प्रदूषण कई प्रकार का होता है। प्रमुख प्रदूषण हैं- वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण और ध्वनि-प्रदूषण ।

प्रदूषण के प्रकार:-
  • वायु प्रदूषण:- महानगरों में यह प्रदूषण अधिक फैला हुआ है। वहाँ चौबीसों घंटे कल-कारखानों का धुआँ, मोटर-वाहनों का काला धुआँ इस तरह फैल गया है कि स्वस्थ वायु में साँस लेना दूभर हो गया है।
  • जल प्रदूषण:- कल-कारखानों का दूषित जल नदी-नालों में मिलकर भयंकर जल-प्रदूषण पैदा करता है।
  • ध्वनि प्रदूषण:- मनुष्य को रहने के लिए शांत वातावरण चाहिए। परंतु आजकल कल-कारखानों का शोर, यातायात का शोर, मोटर-गाड़ियों की चिल्ल-पों, लाउडस्पीकरों की कर्णभेदी ध्वनि ने बहरेपन और तनाव को जन्म दिया हैं।
प्रदूषण के कारण:-

प्रदूषण को बढ़ाने में कल-कारखाने, वैज्ञानिक साधनों का अधिकाधिक उपयोग, फ्रिज, कूलर, वातानुकूलन, ऊर्जा संयंत्र आदि दोषी हैं।

दुष्परिणाम:-

उपर्युक्त प्रदूषणों के कारण मानव के स्वस्थ जीवन को खतरा पैदा हो गया है। खुली हवा में लंबी साँस लेने तक को तरस गया है आदमी। गंदे जल के कारण कई बीमारियाँ फसलों में चली जाती हैं जो मनुष्य के शरीर में पहुँचकर घातक बीमारियाँ पैदा करती हैं।

प्रदूषण रोकने के उपाय:-

विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों से बचने के लिए हमें अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाना चाहिए ताकि हरियाली अधिक हो।

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