Jac Board Class 10 Economics Chapter 2 भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक Hindi Medium | Jac Board Solutions Class 10 अर्थशास्त्र | Class 10 Economics Chapter 2 भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक
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Jac board class 10 economics Chapter 2
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- 1 अंक वाले महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
- अभ्यास
अध्याय 2:भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक (Sectors of Indian Economy)
Q1.) सार्वजनिक और निजी क्षेत्रक आधार पर विभाजित है।
(1) रोजगार की शर्तों,
(2) आर्थिक गतिविधि के स्वभाव,
(3) उद्यमों के स्वामित्व,
(4) उद्यम में नियोजित श्रमिकों की संख्या।
उत्तर:- (3) उद्यमों के स्वामित्व
Q2.) एक वस्तु का अधिकांशतः प्राकृतिक प्रक्रिया से उत्पादन किस क्षेत्रक की गतिविधि है।
(1) प्राथमिक,
(2) द्वितीयक,
(3) तृतीयक,
(4) सूचना औद्योगिकी।
उत्तर:- (1) प्राथमिक
Q3.) किसी विशेष वर्ष में उत्पादित ____ के मूल्य के कुल योगफल को जी० डी० पी० कहते हैं।
(1) सभी वस्तुओं और सेवाओं,
(2) सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं,
(3) सभी मध्यवर्ती वस्तुओं और सेवाओं,
(4) सभी मध्यवर्ती एवं अंतिम वस्तुओं और सेवाओं।
उत्तर:- (2) सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं
Q4.) जी० डी० पी० के पदों में वर्ष 2003 में तृतीयक क्षेत्रक की हिस्सेदारी कितनी है ?
(1) 70%,
(3) 30-40%,
(2) 20-30%,
(4) 50-60%.
उत्तर:- (4) 50-60%
Q5.) ‘राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ कितने जिलों में लागू किया ?
(1) 100 जिला,
(2) 150 जिला,
(3) 200 जिला,
(4) 250 जिला।
उत्तर:- (3) 200 जिला
Q6.) ‘राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार आश्वासन (गारंटी) अधिनियम’ किस वर्ष लागू किया गया था ?
(1) 2005,
(3) 2002,
(2) 2004,
(4) 2006.
उत्तर:- (1) 2005
Q7.) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार आश्वासन (गारंटी) अधिनियम के अंतर्गत कितने दिन के रोजगार का आश्वासन दिया गया है ?
(1) 150 दिन,
(2) 365 दिन,
(3) 200 दिन,
(4) 100 दिन।
उत्तर:- (4) 100 दिन।
Q8.) निम्नांकित में किस क्षेत्र में कर्मचारियों का शोषण किया जाता है ?
(1) संगठित क्षेत्र,
(2) सार्वजनिक क्षेत्र,
(3) असंगठित क्षेत्र,
(4) सेवा क्षेत्र ।
उत्तर:- (3) असंगठित क्षेत्र,
Q9.) भारत में प्राथमिक आर्थिक क्रिया ____ है।
(1) उद्योग,
(2) कृषि,
(3) सेवाएँ प्रदान करना,
(4) इनमें कोई नहीं।
उत्तर:- (2) कृषि
Q10.) कौन-सा क्षेत्र भारत में सबसे बड़े रोजगार उत्पादक क्षेत्र के रूप में उभरा है ?
(1) तृतीयक क्षेत्र,
(2) माध्यमिक क्षेत्र,
(3) प्राथमिक क्षेत्र,
(4) विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र ।
उत्तर:- (1) तृतीयक क्षेत्र
Q11.) किस क्षेत्र में प्रकृति से प्राप्त उत्पादों को उद्योगीकरण की सहायता से अन्य प्रारूपों में बदला जाता है ?
(1) प्राथमिक क्षेत्र,
(2) द्वितीयक क्षेत्र,
(3) तृतीयक क्षेत्र,
(4) असंगठित क्षेत्र ।
उत्तर:- (2) द्वितीयक क्षेत्र
Q12.) निम्नांकित में से कौन-सी गतिविधि द्वितीयक क्षेत्र की गतिविधि है ?
(1) चीनी बनाना,
(2) खेती।
(3) दूध दुहना,
(4) मछली पकड़ना।
उत्तर:- (1) चीनी बनाना
Q13.) अल्प रोजगार एक स्थिति है, जहाँ लोग-
(1) काम करना नहीं चाहते।
(2) उनके काम के लिए वेतन नहीं दिया जाता।
(3) सुस्त ढंग से काम करते हैं।
(4) अपनी क्षमता से कम काम करते हैं।
उत्तर:- (4) अपनी क्षमता से कम काम करते हैं।
Q14.) कृषि, डेयरी खेती निम्नांकित में से किस क्षेत्र से संबंधित गतिविधियाँ हैं?
(1) प्राथमिक,
(2) द्वितीयक,
(3) माध्यमिक,
(4) तृतीयक।
उत्तर:- (1) प्राथमिक
Q15.) वर्ष 2010-11 में उत्पादन के संदर्भ में कौन-सा क्षेत्र सबसे बड़ा था ?
(1) संगठित क्षेत्र,
(2) असंगठित क्षेत्र,
(3) सार्वजनिक क्षेत्र,
(4) सेवा क्षेत्र ।
उत्तर:- (4) सेवा क्षेत्र ।
Q16.) इनमें से कौन संगठित क्षेत्रक में कार्यरत है-
(1) दर्जी,
(2) कुम्हार,
(3) पर्यटन-निर्देशक,
(4) धोबी ।
उत्तर:- (3) पर्यटन-निर्देशक
Q17.) इनमें से कौन संगठित क्षेत्रक में कार्यरत नहीं है
(1) सब्जी विक्रेता,
(2) वकील,
(3) शिक्षक,
(4) डॉक्टर।
उत्तर:- (1) सब्जी विक्रेता
Q18.) वर्ष 2010-11 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) था।
(1) ₹ 42,00,000 करोड़,
(2) ₹50,00,000 करोड़,
(3) ₹ 48,00,000 करोड़,
(4) ₹54,00,000 करोड़ ।
उत्तर:- (1) ₹ 42,00,000 करोड़
Q19.) रेलवे का उदाहरण है।
(1) निजी क्षेत्रक,
(2) सार्वजनिक क्षेत्रक,
(3) द्वितीयक क्षेत्रक,
(4) इनमें कोई नहीं।
उत्तर:- (2) सार्वजनिक क्षेत्रक
Q20.) निम्नांकित में से कौन-सा अधिनियम टिस्को जैसी कंपनी के लिए लागू नहीं होता ?
(1) न्यूनतम मजदूरी अधिनियम,
(2) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम,
(3) फैक्टरी अधिनियम,
(4) ग्रेचुएटी अधिनियम का भुगतान।
उत्तर:- (2) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम
Q21.) इनमें से कौन प्राथमिक क्षेत्रक से संबंधित है ?
(1) खनन,
(2) चीनी,
(3) वकालत,
(4) इनमें कोई नहीं।
उत्तर:- (1) खनन
Q22.) ‘नरेगा’ में काम नहीं मिलने पर कितने दिनों के भीतर बेरोजगारी भत्ता मिलती है ?
(1) 10 दिन,
(2) 12 दिन,
(3) 15 दिन,
(4) 20 दिन।
उत्तर:- (3) 15 दिन
Q23.)उत्पादन के
उद्देश्य से इनमें
से प्रथम स्थान आता है ?
(1) पूँजी,
(2) भूमि,
(3) श्रम,
(4) औजार ।
उत्तर:- (1) पूँजी
Q24.) इनमें से कौन तृतीयक क्षेत्रक से संबंधित है ?
(1) कृषि,
(2) डेयरी,
(3) बैंक सेवाएँ,
(4) चीनी।
उत्तर:- (3) बैंक सेवाएँ
Q25.) इनमें से कौन द्वितीयक क्षेत्रक में शामिल है ?
(1) कुम्हार,
(2) बुनकर,
(3) दियासलाई कारखाना में श्रमिक,
(4) इनमें सभी।
उत्तर:- (4) इनमें सभी।
Q26.) निम्नांकित में से कौन-सी गतिविधि प्राथमिक क्षेत्र से संबंधित नहीं है?
(1) वानिकी,
(2) खनन,
(3) बैंकिंग,
(4) मत्स्य पालन।
उत्तर:- (3) बैंकिंग
Q27.) भंडारण को किस क्षेत्रक में शामिल किया जाता है ?
(1) प्राथमिक,
(3) तृतीयक,
(2) द्वितीयक,
(4) चतुर्थ।
उत्तर:- (3) तृतीयक
Q28.) निम्न में से कौन-से क्रियाकलाप द्वितीयक क्षेत्रक के अंतर्गत आते है ?
(1) इस क्षेत्रक में वस्तुओं के स्थान पर सेवाओं का उत्पादन होता है।
(2) प्राकृतिक उत्पादों को विनिर्माण के द्वारा बदला जाता है।
(3) वस्तुओं को प्राकृतिक संसाधन के दोहन द्वारा उत्पादित किया
जाता है।
(4) इसके अंतर्गत कृषि, वन तथा डेयरी आते है।
उत्तर:- (2) प्राकृतिक उत्पादों को विनिर्माण के द्वारा बदला जाता है।
Q29.) प्रच्छन्न बेरोजगारी का मतलब ऐसी स्थिति से हैं, जहाँ लोग-
(1) बेरोजगार है।
(2) नियोजित हैं, लेकिन कम वेतन अर्जित करते है।
(3) नियोजित हैं, लेकिन उत्पादकता शून्य है।
(4) वर्ष के कुछ महीनों में बेरोजगार है।
उत्तर:- (3) नियोजित हैं, लेकिन उत्पादकता शून्य है।
Q30.) संगठित क्षेत्र का सही अर्थ चुनें-
(1) यह उन उद्यमों को शामिल करता है जहाँ रोजगार की शर्तें नियमित है।
(2) यह सरकार के नियंत्रण से बाहर ।
(3) यह कम वेतन प्रदान करता है।
(4) इस क्षेत्र में नौकरियाँ नियमित नहीं है।
उत्तर:- (1) यह उन उद्यमों को शामिल करता है जहाँ रोजगार की शर्तें नियमित है।
2 अंक वाला प्रश्न उत्तर
Q1.) प्राथमिक क्षेत्रक किसे कहते हैं ?
उत्तर:- ऐसी गतिविधियाँ जहाँ प्रकृति द्वारा प्रदान की गई वस्तुओं को प्रयोग में लाया जाता है तो उन्हें हम प्राथमिक क्षेत्रक की गतिविधियाँ कहते हैं।
Q2.) प्राथमिक क्षेत्रक से सम्बन्धित कुछ गतिविधियों के उदाहरण दें।
उत्तर:- खनन, लकड़ी काटना या लम्बरिंग और मत्स्य ग्रहण आदि कुछ ऐसी प्राथमिक क्षेत्रक की गतिविधियाँ हैं।
Q3.) द्वितीय क्षेत्रक से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:- ऐसी गतिविधियाँ जो कच्चा माल अथवा प्राथमिक उत्पादों को उपयोगी वस्तुओं में बदल देती हैं उन्हें द्वितीयक क्षेत्रक की गतिविधियाँ कहा जाता है।
Q4.) द्वितीयक क्षेत्रक से सम्बन्धित कुछ गतिविधियों के उदाहरण दें।
उत्तर:- चीनी, कागज बनाना, कपड़ा तैयार करना आदि कुछ द्वितीयक क्षेत्रक के उदाहरण हैं।
Q5.) तृतीयक (सेवा) क्षेत्रक किसे कहते हैं ?
उत्तर:- तृतीयक क्षेत्रक का सम्बन्ध वस्तुओं के उत्पादन से नहीं होता वरन् सेवाओं के निर्माण से होता है।
Q6.) तृतीयक क्षेत्रक के कुछ उदाहरण दें।
उत्तर:- वकालत, डाक्टरी, बैंक, यातायात एवं संचार आदि कुछ तृतीयक क्षेत्रक गतिविधियों के उदाहरण हैं।
Q7.) सकल घरेलू उत्पाद से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:- तीनों क्षेत्रकों (प्राथमिक, द्वितीय और तृतीयक) के उत्पादों के योगफल को देश का सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है।
Q8.) कृषि क्षेत्रक में अल्प-बेरोजगारी क्यों है ?
उत्तर:- क्योंकि कृषि क्षेत्रक में अभी भी आवश्यकता से अधिक लोग लगे हुए हैं। इसलिए वहाँ श्रमिकों में अल्प-बेरोजगारी विद्यमान है।
Q9.) प्रच्छन्न बेरोजगारी किसे कहते हैं ?
उत्तर:- जब एक विशेष कार्य को करने के लिए आवश्यकता से अधिक लोग काम करते हैं तो उनकी पूरी रोटी नहीं चलती, ऐसे में वह जिस बेरोजगारी का शिकार होते हैं उसे अल्प-बेरोजगारी या प्रच्छन्न बेरोजगारी कहते हैं।
Q10.) संगठित क्षेत्रक किसे कहते हैं ?
उत्तर:- संगठित क्षेत्रक वह होता है जहाँ नौकरी की शर्तें निश्चित होती हैं, काम करने के घण्टे निश्चित होते हैं, भविष्य निधि और अन्य भत्ते भी मिलते हैं, और रविवार की छुट्टी भी रहती है।
Q11.) असंगठित क्षेत्रक किसे कहते हैं ?
उत्तर:- असंगठित क्षेत्रक वह होता है जहाँ नौकरी की शर्तें नियमित नहीं होती। भविष्य निधि तथा अन्य भत्ते नहीं मिलते और जहाँ पेंशन आदि की भी कोई व्यवस्था नहीं होती।
Q12.) सार्वजनिक क्षेत्रक किसे कहते हैं ?
उत्तर:- जिन क्षेत्रक की अधिकांश परिसम्पत्तियों पर सरकार का नियन्त्रण होता है उन्हें सार्वजनिक क्षेत्रक कहते हैं।
Q13.) निजी क्षेत्रक किसे कहते हैं ?
उत्तर:- जिन क्षेत्रकों की परिसम्पत्तियाँ एवं सेवाएँ किसी विशेष व्यक्ति या कम्पनी के हाथों में होती है, ऐसे क्षेत्रकों को निजी क्षेत्रक कहा जाता है।
Q14.) मौसमी बेरोजगारी से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:- किसान या व्यक्ति किसी एक निश्चित अवधि में काम करने के बाद बेरोजगार हो जाते हैं मौसमी बेरोजगारी कहलाती है। यह बेरोजगारी अधिकतर कृषि क्षेत्र में पाई जाती है।
3 Marks
Q15.) बेरोजगारी का सबसे व्यापक रूप कौन-सा है ?
उत्तर:- बेरोजगारी का सबसे व्यापक रूप छिपी हुई बेरोजगारी है। क्योंकि व्यक्ति काम करता हुआ तो दिखाई देता है लेकिन वास्तविकता में वह बेरोजगार होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह की बेरोजगारी काफी अधिक देखने को मिलती है।
Q16.) कृषि एवं सहायक क्षेत्रक किसे कहा जाता है ?
उत्तर:- वह क्षेत्रक जिसमें प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग करके वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है, उसे कृषि एवं सहायक क्षेत्रक भी कहा जाता है।
5 अंक वाले प्रश्न उत्तर
Q1.) क्या आप मानते हैं कि आर्थिक गतिविधियों को प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रक में विभाजन की उपयोगिता है ? व्याख्या करें कि कैसे ?
उत्तर:- आर्थिक गतिविधियों को प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रक में विभाजन की उपयोगिता निम्नांकित दो कारणों से है-
(क) रोजगार पद्धति का विश्लेषण- आर्थिक गतिविधियों के विभाजन के आधार पर यह विश्लेषण किया जा सकता है कि किस क्षेत्रक में अधिक लोग कार्य कर रहे हैं, किस क्षेत्र में बेरोजगारी अधिक है तथा अर्थव्यवस्था के किस क्षेत्र में अप्रत्यक्ष बेरोजगारी कितनी मात्रा में है। इस विश्लेषण के आधार पर सरकार रोजगार नीति का निर्धारण करती है।
(ख) जी० डी० पी० की गणना- आर्थिक गतिविधियों के विभाजन के आधार पर जी० डी० पी० अर्थात् सकल घरेलू उत्पाद की गणना आसानी से की जा सकती है। इससे यह पता चलता है कि सकल घरेलू उत्पाद में किस क्षेत्र का योगदान कितना है।
Q2.) प्रच्छन्न बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं ? शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की उदाहरण देकर व्याख्या करें।
उत्तर:- प्रच्छन्न बेरोजगारी या गुप्त बेरोजगारी- भारत में किसान उत्पादन के लिए पुराने ढंग ही प्रयोग करते हैं क्योंकि वे गरीब हैं वे भूमि के स्वामी भी नहीं हैं। अगर खेती के आधुनिक तरीकों को अपनाया जाए तो ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हो सकती है जबकि भूमि के किसी टुकड़े पर परिवार के तीन सदस्यों के स्थान पर दो सदस्य ही काम चला सकते हैं, परन्तु इसके अभाव के कारण तीनों सदस्यों को उसी खेत पर काम करना पड़ता है। इस प्रकार उत्पन्न हुई बेरोजगारी को प्रच्छन्न या गुप्त बेरोजगारी कहा जाता है।
प्रच्छन्न बेरोजगारी आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाती है क्योंकि वहाँ बहुत से परिवारों के पास छोटे खेत होते हैं परन्तु उन पर परिवार के सारे सदस्य काम करते हैं। जहाँ दो व्यक्ति खेती के काम को पूरा कर सकते हैं वहाँ पाँच सदस्य लगे हुए हैं परन्तु सबके लिए वहाँ पूरा काम नहीं हो तो। ऐसे परिवार के दो या तीन सदस्य यदि कोई और काम कर लें, जैसे किसी कारखाने में काम कर लें तो खेती के कार्य को फर्क नहीं पड़ेगा।
इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में भी प्रच्छन्न बेरोजगारी पाई जाती है। वहाँ भी मजदूरों, पेंटरों, प्लम्बरों आदि रोजगारों को महीनें में केवल 10 से 15 दिन तक ही काम मिलता है, बाकी दिन वे बेकार रहते हैं। इस बेरोजगारी को भी हम प्रच्छन्न बेरोजगारी कहते हैं।
Q3.) रा० ग्रा० रो० गा० अ०- 2005 (नरेगा -2005) के उद्देश्यों की व्याख्या करें।
उत्तर:- रा० ग्रा० रो० गा० अ०- 2005 (नरेगा-2005) के प्रमुख उद्देश्य निम्नांकित हैं-
(क) उन सभी लोगों को, जो काम करने में सक्षम हैं और जिन्हें काम की जरूरत है, को वर्ष में 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराना।
(ख) रोजगार नहीं उपलब्ध करा सकने में उन्हें बेरोजगारी भत्ता देना।
(ग) गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की आय में वृद्धि कर उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाना।
(घ) भविष्य में भूमि से उत्पादन बढ़ाने वाले कामों को वरीयता देना।
Q4.) आर्थिक गतिविधियाँ रोजगार की परिस्थितियों के आधार पर कैसे वर्गीकृत की जाती हैं?
उत्तर:- रोजगार की परिस्थितियों के आधार पर आर्थिक गतिविधियाँ दो भागों में वर्गीकृत की जाती हैं-
(क) संगठित क्षेत्रक- वैसे उद्यम अथवा कार्य-स्थान जहाँ रोजगार की अवधि नियमित होती है तथा लोगों के पास सुनिश्चित काम होता है, संगठित क्षेत्रक के अंतर्गत आते हैं। संगठित क्षेत्रक के उद्यम सरकार द्वारा पंजीकृत होते हैं तथा उन्हें सरकारी नियमों एवं विनियमों का अनुपालन करना पड़ता है।
(ख) असंगठित क्षेत्रक- वैसे उद्यम अथवा कार्य स्थान जहाँ रोजगार की अवधि अनियमित होती है तथा लोगों के पास सुनिश्चित काम नहीं होता, असंगठित क्षेत्रक के अंतर्गत आते हैं। ऐसे उद्यमों का सरकार द्वारा पंजीकरण नहीं किया जाता है। इस क्षेत्रक के नियम और विनिमय तो होते हैं, परन्तु उनका अनुपालन नहीं किया जाता है।
Q5.) “असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों का शोषण किया जाता है। क्या आप इस विचार से सहमत हैं ? अपने उत्तर के समर्थन में कारण दें।
उत्तर:- असंगठित क्षेत्रक के श्रमिकों का चाहे वे ग्रामीण क्षेत्रों के हों (जैसे- भूमिहीन कृषि श्रमिक, छोटे और सीमांत किसान, फसल कटाइदार, बुनकर, बढ़ई, लोहार आदि) या फिर शहरी क्षेत्रों के हों (जैसे- लघु उद्योगों के श्रमिक, निर्माण, व्यापार और परिवहन में लगे आकस्मिक श्रमिक, सड़कों पर घूमने वाले फेरीदार, सिर पर बोझ उठाने वाले श्रमिक आदि) सबका आर्थिक और सामाजिक शोषण होता है। विशेषकर जो श्रमिक अनुसूचित जन जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़े हुए वर्गों से सम्बन्ध रखते हैं उनमें से अधिकतर असंगठित क्षेत्रक से सम्बन्ध रखते हैं। उन्हें न केवल आर्थिक शोषण का शिकार बनना पड़ता है वरन् उन्हें सामाजिक अन्याय का भी सामना करना पड़ता है। कई बार उन्हें कुँओं से पानी भरने नहीं दिया जाता, कई बार उन्हें विशेष मन्दिरों में जाने नहीं दिया जाता। उनके पूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए हमें हर प्रकार के आर्थिक और सामाजिक शोषण से उन्हें बचाना होगा। तभी वे राष्ट्र के सच्चे नागरिक बनकर देश की सेवा कर सकेंगे।
Q6.) तृतीयक क्षेत्रक अन्य क्षेत्रकों से अलग कैसे है ? सोदाहरण व्याख्या करें।
उत्तर:- तृतीयक क्षेत्र में जो क्रियाएँ होती हैं वे प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रों में सहायता करती हैं। ये क्रियाएँ अपने आप उत्पादक नहीं होता है। परन्तु उत्पादक क्रियाओं की सहायक हो सकती हैं। उदाहरण के लिए प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रों द्वारा किया जाने वाला उत्पादन ट्रकों या रेलों द्वारा अन्य स्थानों पर पहुँचाया जाता है। कभी-कभी माल को गोदामों में भी रखा जाता है। अन्य व्यापारियों से टेलीफोन, पत्रों द्वारा बात करके या बैंकों से रुपया उधार लेकर माल का भुगतान किया जाता है। ये सारे काम तृतीयक क्रियाओं के उदाहरण हैं। इसका अर्थ है कि तृतीयक क्षेत्र सेवाकार्य करता है न कि उत्पादन कार्य। इसीलिए इसे ‘सेवा क्षेत्र’ के नाम से भी जाना जाता है।
Q7.) संगठित और असंगठित क्षेत्रकों की रोजगार परिस्थितियों की तुलना करें।
उत्तर:- संगठित और असंगठित क्षेत्रकों की रोजगार परिस्थितियों की तुलना-
(क) संगठित क्षेत्रक में जबकि विशेष नियमों का पालन होता है जिसके कारण श्रमिकों के हितों की रक्षा हो जाती है परन्तु असंगठित क्षेत्रक में ऐसे किन्हीं विशेष कानूनों का पालन नहीं होता।
(ख) संगठित क्षेत्रक में श्रमिकों को उचित वेतन और वह भी ठीक समय पर मिल जाता है परन्तु असंगठित क्षेत्रक में ऐसा कम ही होता है।
(ग) संगठित क्षेत्रक में श्रमिकों की नौकरी प्रायः पक्की होती है और (असंगठित क्षेत्रक में नहीं।
(घ) संगठित क्षेत्रक में श्रमिकों को सरकारी नियमों के अन्तर्गत वेतन के अतिरिक्त भविष्य निधि, चिकित्सीय और अन्य भत्ते तथा वेतन सहित छुट्टियाँ मिल जाती है वहीं प्रायः असंगठित क्षेत्रक में ऐसा कुछ नहीं होता।
(ङ) संगठित क्षेत्रक में रिटायर होने के पश्चात् पेंशन आदि मिल जाती है वहीं असंगठित क्षेत्रक में ऐसा कुछ नहीं होता।
Q8.) खुली बेरोजगारी और प्रच्छन्न बेरोजगारी के बीच विभेद करें।
उत्तर:- खुली बेरोजगारी और प्रच्छन्न बेरोजगारी के बीच विभेद निम्नांकित तथ्यों के आधार पर किया जा सकता है-
खुली बेरोजगारी
(क) इस प्रकार की बेरोजगारी के अंतर्गत लोग पूर्णतः बेरोजगार होते हैं।
(ख) इसके अंतर्गत एक भी व्यक्ति को काम उपलब्ध नहीं होता है।
(ग) इस प्रकार की बेरोजगारी औद्योगिक क्षेत्रों में पाई जाती है।
(घ) इस प्रकार के बेरोजगार लोगों की गणना स्पष्ट रूप से की जा सकती है।
प्रच्छन्न बेरोजगारी
(क) इसके अंतर्गत लोग नियोजित प्रतीत होते हैं लेकिन वास्तव में वे बेरोजगार होते हैं।
(ख) इसके अंतर्गत किसी काम में लोग आवश्यकता से अधिक संख्या में लगे होते हैं।
(ग) प्रच्छन्न बेरोजगारी कृषि-क्षेत्र में पाई जाती है।
(घ) इस प्रकार के लोगों की गणना स्पष्ट रूप से नहीं की जा सकती है।