jac board class 10 History Chapter 3 भूमंडलीकृत विश्व का बनना | question answer | hindi medium

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  • अभ्यास 

अध्याय 3 :भूमंडलीकृत विश्व का बनना (Building a Globalized World)

Q1.) प्रथम विश्व युद्ध के बाद विश्व को किस संकट का सामना करना पड़ा था ?

उत्तर:- प्रथम विश्व युद्ध के बाद विश्व को आर्थिक महामंदी का सामना करना पड़ा था।

Q2.)रिंडरपेस्ट से आपका क्या तात्पर्य है?

उत्तर:- पशुओं में प्लेग की बीमारी को रिडरपेस्ट कहते हैं। जिससे 1890 के दशक में हजारों में अफ्रीका के पशु मर गए जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका और अर्थव्यवस्था पर बड़ा गहरा प्रभाव पड़ा।

Q3.) युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य क्या था ?

उत्तर:-

  1. )औद्योगिक विश्व में आर्थिक स्थिरता को बनाए रखा जाए। 
  2. )पूर्ण रोजगार के साधनों का विकास किया जाए।

Q4.) असेम्बली लाइन से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर:- जब एक मशीन के अलग-अलग कलपुर्जे अलग-अलग स्थानों पर बनाए जाते हैं और बाद में उन्हें एक स्थान पर इकट्ठा करके उन्हें एक पूरी मशीन का रूप दिया जाता है तो ऐसे ढंग को असेम्बली लाइन कहा जाता है।

Q5.) ब्रेटन वुड्स कहाँ है ? यह क्यों प्रसिद्ध हुआ ?

उत्तर:- ब्रेटन वुड अमेरिका के न्यू हैम्पशर में स्थित है। 1944 में इस स्थान पर हुए संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन में, विश्व में आर्थिक स्थिरता एवं पूर्ण रोजगार को बनाये रखने संबंधी विषय पर सहमति बनी थी।

Q6.)’गिरमिटिया मजदूर’ का क्या अर्थ है ?

उत्तर:- गिरमिटिया मजदूर एक तरह के कछुआ मजदूर होते हैं, जो एक समझौते द्वारा मालिक रखता है। जिसका एक निश्चित समय के लिए होता है तथा एक नए देश में काम के लिए लागू होता है।

Q7.) आयात शुल्क क्या है ?

उत्तर:- आयात शुल्क- किसी दूसरे देश से आने वाली चीजों पर वसूल किया जाने वाला शुल्क। यह कर या शुल्क उस जगह लिया जाता है जहाँ से वह चीज देश में आती है, यानी सीमा पर, बंदरगाह पर या हवाई अड्डे पर।

Q8.) होसे किसे कहते हैं ?

उत्तर:- दक्षिणी अमेरिका के एक देश ट्रिनिडाड में मनाए जानेवाले मुहर्रम के मेले को (इमाम हुसैन के नाम पर) होसे कहते हैं।

Q9.) हाथ से बने हुए वस्त्र की प्रमुख दो विशेषताओं का उल्लेख करें।

उत्तर:-

  1. ) उद्योगपति मशीनों से ज्यादा मजदूरों से काम करवाना अधिक पसंद करते थे क्योंकि मशीनों से एक जैसा ही उत्पाद बनता था। लेकिन बाजार में अकसर बारीक डिजाइन और खास आकारों वाली चीजों की काफी माँग रहती थी। इन्हें बनाने के लिए यांत्रिक प्रौद्योगिकी की नहीं बल्कि इंसानी निपुणता की आवश्यकता होती थी।
  2. ) विक्टोरिया कालीन ब्रिटेन में उच्च वर्ग के लोग कुलीन और पूँजीपति वर्ग हाथों से बनी चीजों को ज्यादा महत्व देते थे। हाथ से बनी चीजों को परिष्कार और सुरुचि का प्रतीक मानते थे। उसकी फिनिश अच्छी होती थी। उनको एक-एक करके बनाया जाता था। अतः सबका डिजाइन अलग-अलग और ज्यादा अच्छा होता था।

Q10.)’कॉर्न लॉ से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर:- अठारहवीं सदी के आखिरी दशकों में ब्रिटेन की आबादी तेजी से बढ़ने लगी थी। परिणामस्वरूप देश में भोजन की माँग भी बढ़ी। जैसे-जैसे शहरों और उद्योगों का विकास हुआ कृषि उत्पादों की माँग भी बढ़ने लगी। कृषि उत्पाद की कीमतें बढ़ने लगी। इसके बाद बड़े भूस्वामियों के दबाव में सरकार ने कॉर्न के आयात पर पाबंदी लगा दी थी। जिन कानूनों के द्वारा सरकार ने यह पाबंदी लगाई थी, उन्हें ‘कॉर्न लॉ’ कहा जाता था।

Q11.) जी-77 की स्थापना क्यों की गई ?

उत्तर:- पचास और साठ के दशक में विकासशील देशों को पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्थाओं की प्रगति से कोई लाभ नहीं मिल रहा था। इसलिए विकासशील देशों ने अपना एक समूह बना लिया जो G-77 के नाम से जाना जाता था।

Q12.) कार्न लॉ के समाप्त करने के बारे में ब्रिटिश सरकार के फैसले के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

उत्तर:- ब्रिटिश पार्लियामेंट ने 19 वीं शताब्दी में जो कानून अपने भूस्वामियों के हितों की रक्षा के लिए पास किए उन्हें कार्न लॉ कहा जाता है। इन कानूनों के द्वारा विदेशों से खाद्य पदार्थों के आयात पर पाबन्दी लगा दी गई। इस पाबन्दी के परिणामस्वरूप जब ब्रिटेन में खाद्य पदार्थों के मूल्य बढ़ने लगे तो लोगों में हाहाकार मच गई और विवश होकर सरकार को ये कानून हटाने पड़े। इन कानून के हटाने के बहुत महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़े-

  1. ) खाद्य-सामग्री सस्ती हो गई जिससे साधारण और गरीब जनता को खूब लाभ रहा।
  2. )जब बाहर से खाद्य पदार्थ सस्ते दामों में इंग्लैंड आने लगे तो वहाँ के भू-स्वामी बर्बाद हो गए।
  3. बहुत-सी भूमि ऊसर हो गई और खेती करने वाले बहुत से किसान बेरोजगार हो गए।
  4. ऐसे बहुत से ग्रामीण लोग नौकरी की तलाश में शहरों की ओर भागने लगे। जिससे शहरों की हालत भी खराब हो गई।

Q13.) सोलहवीं सदी में दुनिया ‘सिकुड़ने’ लगी थी, इसका क्या मतलब है, व्याख्या करें।

उत्तर:-

  1. )संसार के विभिन्न महाद्वीपों के लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों में वृद्धि।
  2. सोलहवीं सदी से पहले तक विभिन्न महाद्वीपों के लोगों के बीच अंतर्संबंध, व्यापार और व्यवसाय का अभाव था।
  3. लेकिन सोलहवीं सदी में संसार के महाद्वीपों के बीच व्यापार, व्यवसाय, सांस्कृतिक विचारों का आदान-प्रदान और लोगों की आवजाही बढ़ी जो अमेरिका से एशिया होकर यूरोप और अफ्रीका तक पहुँची।

Q14.) भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामंदी के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

उत्तर:- भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामंदी का प्रभाव-

  1.  इस महामंदी (1929-1934) के काल में भारत के आयात और निर्यात व्यापार में कोई 50% की कमी आ गई।
  2.  इस महामंदी का बंगाल के पटसन पैदा करने वाले लोगों पर विशेष रूप से बड़ा विनाशकारी प्रभाव पड़ा। पटसन के मूल्यों में कोई 60% गिरावट आ गई जिससे बंगाल के पटसन उत्पादक बर्बाद हो गए और वे कर्ज के बोझ तले दब गए।
  3. छोटे-छोटे किसान भी इस बर्बादी से न बच सके। उनकी आर्थिक दशा खराब होती जा रही थी। सरकार ने उनके भूमि कर तथा अन्य करों में कोई कमी न की।
  4. 1930 में शुरू होने वाले सिविल अवज्ञा आंदोलन इस आर्थिक मंदी का सीधा परिणाम था क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र अशान्ति का क्षेत्र बन चुके थे।

Q15.) बताएँ कि पूर्व-आधुनिक विश्व में बीमारियों के वैश्विक प्रसार ने अमेरीकी भूभागों के उपनिवेशीकरण में किस प्रकार मदद दी ?

उत्तर:- स्पेनिश विजेताओं के सबसे शक्तिशाली हथियारों में परम्परागत किस्म का सैनिक हथियार तो कोई था ही नहीं। यह हथियार तो चेचक जैसे कीटाणु थे जो स्पेनिश सैनिकों और अफसरों के साथ वहाँ जा पहुँचे थे। लाखों साल से दुनिया से अलग-थलग रहने के कारण अमेरिका के लोगों के शरीर में यूरोप से आने वाली इन बीमारियों से बचने की रोग-प्रतिरोधी क्षमता नहीं थी। फलस्वरूप, इस नए स्थान पर चेचक बहुत मारक साबित हुई। एक बार संक्रमण शुरू होने के बाद तो यह बीमारी पूरे महाद्वीप में फैल गई। जहाँ यूरोपीय लोग नहीं पहुँचे थे वहाँ के लोग भी इसकी चपेट में आने लगे। इसने पूरे के पूरे समुदायों को खत्म कर डाला।

Q16.) महामंदी के कारणों की व्याख्या करें।

उत्तर:- 1929 ई० में समस्त संसार को एक भयंकर आर्थिक संकट ने आ घेरा। ऐसा आर्थिक संकट पहले कभी देखने में नहीं आया था। यह संकट संयुक्त राज्य अमेरिका में 1929 ई० में पैदा हुआ और देखते ही देखते यह 1931 ई० तक रूस को छोड़कर विश्व के अनेक देशों में फैल गया। आर्थिक संकट (1929) के लिए उत्तरदायी कारण और कारक-

  1. यह संकट औद्योगिक क्रांति के कारण चीजों की आवश्यकता से अधिक उत्पादन के कारण पैदा हुआ। 1930 ई० में अमेरिका में तैयार माल के इतने भण्डार हो गए कि उनका कोई खरीददार न रहा।
  2. प्रथम विश्वयुद्ध के कारण यूरोप के देश इतने बर्बाद हो गए थे कि वे अमेरिका से माल आयात करने की अवस्था में न थे।
  3. जब तैयार माल का कोई खरीददार न रहा तो वहाँ कारखाने बन्द हो गए और हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए।
  4. जब कारखाने बन्द हो गए तो किसानों की पैदावार का भी कोई खरीददार न रहा। इस तरह किसानों के लाभ में भी कमी आ गई और कृषि मजदूरों की मजदूरी कम हो गई।
  5. अमेरिका की ‘Share Exchange Market’ में शेयरों की कीमत में गिरावट आ गई जिससे वहाँ कोई 1,00,000 व्यापारियों का दीवाला निकल गया।

Q17.) वीटो का क्या तात्पर्य है ? युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था को ब्रेटन वुड्स व्यवस्था भी कहा जाता है, क्यों ?

उत्तर:- वीटो – निषेधाधिकार; इस अधिकार के सहारे एक ही सदस्य की असहमति किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने का आधार बन जाती है। युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था को ब्रेटन वुड्स व्यवस्था भी कहा जाता है, क्योंकि-

  1.  द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् विश्व की विखंडित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से 1944 ई० में अमेरिका में ब्रेटन वुड्स समझौता हुआ। इस समझौते का उद्देश्य औद्योगिक विश्व में आर्थिक स्थिरता तथा पूर्ण रोजगार को बनाए रखना था।
  2.  युद्ध के पूर्व तथा युद्ध के दौरान सदस्य देशों के विदेशी व्यापार में घाटे से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना की गई। इसी प्रकार, युद्धोत्तर पुनर्निर्माण के लिए मुद्रा का इंतजाम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक का गठन किया गया। इसे सामान्य रूप से विश्व बैंक के नाम से जाना जाता है।
  3. इस प्रकार, ब्रेटन वुड्स समझौते के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा विश्व बैंक के माध्यम से युद्धोत्तर आर्थिक व्यवस्था को सुधारने का प्रयास किया गया |

Q18.) “अफ्रीका में रिंडरपेस्ट का आना’ के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

उत्तर:- अफ्रीका में रिंडरपेस्ट का आना- रिंडरपेस्ट पशुओं में फैलने वाली एक खतरनाक बीमारी है जो 1890 के दशक में अफ्रीका में प्लेग की तरह फैली। अफ्रीका में यह बीमारी उन पशुओं के कारण फैली जो अफ्रीका में ब्रिटिश साम्राज्य के लिए लड़ रहे भारतीय सिपाहियों के भोजन के लिए अनेक पूर्वी देशों से मंगवाए गए। जैसे ही ये पशु पूर्वी अफ्रीका पहुँचे इन्होंने वहाँ के पशुओं की भी रिंडरपेस्ट की बीमारी में लपेट लिया। 1892 से शुरू होकर अगले पाँच वर्षों में पशुओं को यह घातक बीमारी दक्षिणी और पश्चिमी अफ्रीका की सीमाओं तक फैल गई। इस बीमारी के बड़े दूरगामी प्रभाव पड़े-

  1. ) इस बीमारी के कारण अफ्रीका के कोई 90% पशु मौत के शिकार हुए।
  2. इस बीमारी से अफ्रीका के लोगों की आजीविका और अर्थव्यवस्था पर बड़ा गहरा असर पड़ा।
  3. बिल्कुल बर्बाद और बेसहारा होने के कारण अफ्रीका के लोगों को विदेशी साम्राज्यवादियों के पास मजदूरी करने के लिए मजबूर होना पड़ा। यदि उनके पास अपने पशु होते तो वे कभी भी यह काम करने को तैयार न होते।
  4. अफ्रीका के लोगों के इस विनाश और उनके साधनों के बर्बाद हो जाने के कारण यूरोपीय उपनिवेशवादियों को अफ्रीका को जीतना और अपने अधीन करना काफी आसान हो गया।

Q19.) संक्षेप में बताएँ कि दो महायुद्धों के बीच जो आर्थिक परिस्थितियाँ पैदा हुई उनसे अर्थशास्त्रियों और राजनेताओं ने क्या सबक सीखा ?

उत्तर:-

  1.  अंतर-युद्ध के आर्थिक अनुभव बहुत खराब थे। अधिकतर देश बर्बाद हो गये थे और बहुत से शहर नष्ट हो गये थे।
  2.  अर्थशास्त्रियों और राजनेताओं ने सबक सीखा कि उन्हें औद्योगिक देशों की आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करना होगा।
  3. साथ ही उनमें सारे संसार की परस्पर आर्थिक निर्भरता की समझ भी उत्पन्न हुई।

Q20.) खाद्य उपलब्धता पर तकनीक के प्रभावों का उल्लेख उदाहरण देकर करें।

उत्तर:- तकनीक या विभिन्न प्रकार के आविष्कारों, जैसे- रेलवे, भाप के जहाजों, टेलिग्राफ और रेफ्रिजरेटर युक्त जहाजों का खाद्य पदार्थों की उपलब्धता पर गहरा प्रभाव पड़ा।

  1.  यातायात के विभिन्न साधनों जैसे- तेज चलने वाली रेलगाड़ियों, हल्की बग्धियों, बड़े आकार के जलपोतों द्वारा अब खाद्य-पदार्थों को दूर-दूर के बाजारों में कम लागत पर और आसानी से पहुँचाना आसान हो गया।
  2.  रेफ्रिजरेटर की तकनीक युक्त जहाजों के कारण अब जल्दी खराब होने वाली चीजों मांस, फल आदि को भी लम्बी यात्राओं में लाया ले जाया जा सकता था।

Q21.)  जी-77 क्या है ? जी-77 को ब्रेटन वुड्स की जुड़वा संतानों की प्रतिक्रिया किस आधार पर कहा जा सकता है ? व्याख्या करें।

उत्तर:- जी-77- जी-77 विकासशील देशों का एक ऐसा समूह था जिन्हें 1944 में होने वाले ब्रेटन वुड्स के सम्मेलन में होने वाले नियमों से कोई लाभ नहीं हुआ था, इसलिए वे एक नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली की माँग करने लगे थे। जी-77 को ब्रेटन वुड्स की जुड़वा संतानों की प्रतिक्रिया के रूप में विकास- ब्रेटन वुड्स के सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्वबैंक का जन्म हुआ था जिन्हें ब्रेटन वुड्स की जुड़वा संतान कहा जाता है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक पर केवल कुछ शक्तिशाली विकसित देशों का ही दबदबा था इसलिए उनसे विकासशील देशों को कोई विशेष लाभ न हुआ। इसलिए इन ब्रेटन वुड्स की जुड़वा संतान की प्रतिक्रिया के रूप में विकासशील देशों के जी-77 नामक देशों ने नई आर्थिक प्रणाली की माँग कर डाली ताकि उनके अपने आर्थिक उद्देश्य पूरे हो सके। जैसे-

  1. इस नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली से उन्हें यह आशा थी कि उन्हें अपने संसाधनों पर सही अर्थों में नियन्त्रण हो सके।
  2. उन्हें विकास के लिए अधिक सहायता मिल सके।
  3. उन्हें कच्चे माल के सही दाम मिल सके।
  4. उन्हें अपने तैयार मालों के लिए विकसित देशों के बाजारों में बेचने के लिए बेहतर पहुँच मिले।

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