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JAC Board Solution For Class 6th Science Chapter 5 :पदार्थों का पृथक्करण
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class 6 science chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण
अध्याय 5 :पदार्थों का पृथक्करण
♦ हस्त चयन: हस्त चयन की इस विधि का उपयोग कुछ अनाजों जैसे गेहूँ, चावल तथा दालों में पड़े कुछ बड़े मिटी्ट के कणों, पत्थर तथा भूसे को पृथक करने में किया जा सकता है। इस प्रकार की अशुद्धियाँ बहुत कम मात्रा में होती हैं इसलिए ऐसी स्थितियों में हस्त-चयन द्वारा पदार्थों को पृथक करना एक सुविधाजनक विधि बन जाती है।
♦ निष्पावन: किसी मिश्रण के अवयवों को पवनों की मदद से पृथक करने की विधि निष्पावन कहलाती है। निष्पावन का उपयोग पवनों अथवा वायु के झोंकों द्वारा मिश्रण से भारी तथा हल्के अवयवों को पृथक करने में किया जाता है। किसान इस विधि का उपयोग हल्के भूसे को भारी अन्नकणों से पृथक करने के लिए करते हैं।
♦ थ्रेशिंग: अनाज के पौधों को सुखाने के बाद उनकी डंडियों से अन्नकणों अथवा अनाज़ को अलग करके साफ करने के प्रक्रम को थ्रेशिंग कहते हैं। इस प्रक्रम में या तो डंडियों को पीटकर अन्नकणों को पृथक किया जाता है अथवा बैलों की सहायता ली जाती है। जब मात्रा बहुत अधिक हो तो अन्नकणों को डंडियों से पृथक करने के लिए थ्रेशिंग मशीनों का उपयोग भी किया जाता है।
Q1.) पंकिल जल के किसी नमूने से आप स्वच्छ जल कैसे प्राप्त करेंगे ?
उत्तर:- पंकिल जल से साफ़ पानी प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित चरणों की आवश्यकता होती है :
- एक कंटर में पंकिल जल डालकर कुछ समय के लिए चचोद देते हैं |
- कुक समय बाद कंटर के निचे अशुद्धियाँ जमा हो जाती है | इस प्रक्रिया को अवसादन कहते हैं |
- ऊपरी परत साफ़ पानी की है | इसे दुसरे कंटर में दाल लेते हैं | इस प्रक्रिया को निस्तारण कहते है |
- महीन अशुद्धियों को दूर करने के लिए फ़िल्टर पेपर की मदद से फिर से छान लेते हैं | इस प्रक्रिया को निस्कयंदन कहते हैं |
Q2.) रिक्त स्थानों को भरिए:
(क) धान के दानो की डंडियों से प्रथक करने की विधि को ______ कहते हैं |
(ख) किसी एक कपड़े पर दूध को उड़ेलते हैं गतो मलाई उस पर रह जाती है | प्रथक्करण की यह प्रक्रिया ______ कहलाती है |
(ग) समुंद्र के जल से नमक ______ प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है |
(घ) जब पंकिल जल को पूरी रात एक बाल्टी में रखा जाता है तो अशुद्धियां तली में बैठ जाती हैं | इसके पश्चात स्वच्छ जल को ऊपर से प्रथक कर लेते हैं | इसमे उपयोग होने वाली प्रथक्करण की प्रक्रिया को _______ कहते हैं |
उत्तर:-
(क) थ्रेशिंग
(ख) निस्यंदन
(ग) वाष्पन
(घ)निस्तारण
Q3.) सत्य अथवा असत्य ?
(क) दूध और जल के मिश्रण को निस्यंदन द्वारा पृथक किया जा सकता है |
(ख) नमक तथा चीनी के मिश्रण को निश्पावन द्वारा पृथक कर सकते हैं |
(ग) चाय की पत्तियों को चाय से पृथक्करण निस्यंदन द्वारा किया जा सकता है |
(घ) अनाज और भूंसे का पृथक्करण निस्तारण प्रकाम द्वारा किया जा सकता है |
उत्तर:-
(क) असत्य
(ख) असत्य
(ग) असत्य
(घ) असत्य
Q.1) हमें किसी मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक करने की आवश्यकता क्यों होती है ? दो उदाहरण लिखिए :
उत्तर:- किसी पदार्थ का उपयोग करने से पहले, हमें उसमें से हानिकारक या गैर-उपयोगी पदार्थों को अलग करना होता है, जो इसके साथ मिश्रित हो सकते हैं। शुद्ध रूप में प्राप्त अवयव सुविधापूर्ण तरीके से प्रयोग किया जा सकता है। उदहारण के लिए:
- हम हस्त चयन विधि द्वारा गेहूं, चावल या दाल से गंदगी, पत्थर और भूसी के टुकड़ों जैसी थोड़ी बड़ी अशुद्धियों को अलग करते हैं।
- चावल या दाल को पकाने से पहले आमतौर पर धोया जाता है। जब हम इनमें पानी डालते हैं, तो धूल और मिट्टी के कणों जैसी अशुद्धियाँ अलग हो जाती हैं।
Q2.) चालन से क्या अभिप्राय है ? यह कहाँ उपयोग जता है ?
उत्तर:- अलग-अलग आकारों के मिश्रण के घटकों को छानने की प्रक्रिया को चालन कहते हैं। छलनी सामान्य आकारों वाले अवयवों को छेद से होकर गुजरने देती है, जबकि बड़ी अशुद्धियाँ छलनी में ही रहती हैं।
आटा मिलों में, आटे से अनाज के टूटे कणों को अलग करने के लिए इस विधि का प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग निर्माण स्थलों पर रेत और सीमेंट के मिश्रण से छोटी गांठों को अलग करने के लिए भी किया जाता है।
Q3.) निश्पावन से क्या अभिप्राय है ? यह कहाँ उपयोग किया जाता है ?
उत्तर:- किसी मिश्रण के भारी और हल्के अवयवों को, वायु के झोंकों द्वारा, पृथक करने की विधि को निष्पावन कहते हैं। साधारणतया किसान इस विधि का उपयोग हल्के भूसे को भारी अन्नकणों से पृथक करने के लिए करते हैं।
Q4.) पकाने से पहले दालों के किसी नमूने से आप भूंसे एंव धुल के कण कैसे पृथक करेंगे ?
उत्तर:- पकाने से पहले दालों के किसी नमूने से आप भूसे एवं धूल के कणों को हस्त चयन विधि द्वारा पृथक करेंगे।
Q5.) जल में चीनी तथा नींबू का रस मिलाकर शिकंजी बनाई जाती है। आप बर्फ़ डालकर इसे ठंडा करना चाहते हैं, इसके लिए शिकंजी में बर्फ़ चीनी घोलने से पहले डालेंगे या बाद में? किस प्रकरण में अधिक चीनी घोलना संभव होगा?
उत्तर:- हमें बर्फ डालने से पहले चीनी घोलना चाहिए।
ठंडे पानी की तुलना में चीनी गर्म पानी में जल्दी घुल जाती है। हम पानी में बर्फ मिलाने से पहले अधिक चीनी घोल सकते हैं।
Q6.)आटे और चीनी के मिश्रण से क्या चीनी को पृथक करना संभव है? अगर हाँ, तो आप इसे कैसे करेंगे?
उत्तर:- हाँ। किसी छलनी का प्रयोग करके चालन विधि के माध्यम से आटे के साथ मिश्रित चीनी को अलग किया जा सकता है।
Q7.)रेत और जल के मिश्रण से आप रेत तथा जल को कैसे पृथक करेंगे?
उत्तर:- रेत और जल को उनके मिश्रण से अलग करने के लिए, हम निम्नलिखित चरणों का पालन करते हैं:
- एक कंटेनर में कुछ समय के लिए मिश्रण छोड़ दें।
- कंटेनर के तल पर रेत जम जाती है। इसे अवसादन कहते हैं।
- पानी को धीरे से एक दूसरे कंटेनर में डालें। इसे निस्तारण कहते हैं।
- हम रेत के बारीक कणों को हटाने के लिए फिल्टर पेपर का उपयोग भी कर सकते हैं, जिसे निस्यंदन खाते हैं।