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jac board class 9 science chapter 6 ऊतक

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ऊतक : Jac Board  Solution Class 9 Science Chapter 6  

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Jac Board Solutions Class 9 Science Chapter 6:ऊतक

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  • नोट्स 
  • पाठगत प्रश्न 
  • अभ्यास 

अध्याय 6 :ऊतक (Tissues )

♦ ऊतक:- कोशिकाओं का ऐसा समूह जिसमे कोशिकाओं की संरचना तथा कार्य एक सामान होती है उसे ऊतक कहते है |

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ऊतक class 9 science chapter 6

पादप  ऊतक दो प्रकार के होते हैं:-

  • विभाज्योतक 
  • स्थाई ऊतक 

♦ विभाज्योतक:-विभाज्योतक पौधों में वृद्धि कुछ निश्चित क्षेत्रों में ही होती है |ऐसे विभाजित उत्तकों के उन भागों में पाए जाने के कारण होता है |ऐसे उतकों को विभाज्योतक कहा जाता है | विभाज्योतक के द्वारा तैयार नई कोशिकाएँ प्रारंभ विभाज्योतक की तरह होती है लेकिन जैसे ही ये बढती और परिपक्व होती है , इनके गुणों में धीरे – धीरे परिवर्तन होता है और ये दुसरे उतकों के घटकों के रूप में विभाजित हो जाती है |

♦ स्थाई ऊतक:- स्थाई ऊतक एक विशिष्ट कार्य करती है और विभाजित होने की शक्ति को खो देती है जिसके फलस्वरूप वे स्थाई ऊतक का निर्माण करती है और विभाज्योतक की कोशिकाएँ विशिष्टीकृत होकर विभिन्न प्रकार के स्थाई ऊतक का विकास करती है |

◊ स्थाई ऊतक दो प्रकार के होते हैं :-

  • सरल स्थाई ऊतक 
  • जटिल स्थाई ऊतक 

♦ सरल स्थाई ऊतक:- एपीडर्मिस के निचे कोशिकाओं की कुछ परतें होती हैं जिसे सरल स्थाई ऊतक  कहते हैं | पैरेन्कईमा सबसे अधिक पाया जाने वाला सरल स्थाई ऊतक है | यह पतली कोशिका भित्ति वाली सरल कोशिकाओं का बना होता है | ये जीवित जोशिकाएँ हैं और ये प्राय : बंधन मुक्त होती है |

♦ जटिल स्थाई ऊतक:- जटिल ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बने होते है और ये सभी एक साथ मिलकर एक इकाई की तरह कार्य करते है | जाइलम और फ्लोएम इसी प्रकार के जटिल उतकों के उदाहरण है |

जंतु ऊतक चार प्रकार के होते हैं:- 

  • एपिथीलियम ऊतक 
  • संयोजी ऊतक
  • पेशीय ऊतक 
  • तंत्रिका ऊतक 

एपिथीलियम ऊतक:- जंतु के शरीर को ढंकने या बाहरी रक्षा प्रदान करने वाले उतकें एपिथीलियम ऊतक कहलाता है | एपिथीलियम शरीर के अंदर स्थित बहुत से अंगों और गुहिकाओं को ढकते हैं | ये भिन्न – भिन्न प्रकार के शारीरिक तंत्रों को एक – दुसरे से अलग करने के लिए अवरोध का निर्माण करते है | 

♦ संयोजी ऊतक:- रक्त एक प्रकार का संयोजी ऊतक है | संयोजी ऊतक की कोशिकाएँ आपस में कम जुडी होती है और अंतरकोशिकीय आधात्री में धंसी होती है | आधात्री की प्रकृति , विशिष्ट संयोजी ऊतक के कार्य के अनुसार बदलती रहती है |

♦ पेशीय ऊतक:- पेशीय ऊतक लंबी कोशिकाओं का बना होता है जिसे पेशीय रेशा भी कहा जाता है | यह हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है | पेशियों में एक विशेस प्रकार की प्रोटीन होती है जिसे सिकुड़ने वाला प्रोटीन कहते है , जिसके संकुचन एंव प्रसार के कारण गति होती है | 

♦ तंत्रिका ऊतक:- तंत्रिका ऊतक की कोशिकाएँ बहुत शीघ्र उत्तेजित होती है और इस उत्तेजना को बहुत ही शीघ्र पुरे शरीर में एक स्थान से दुसरे स्थान तक पहुँचाती है |मस्तिष्क , मेरुरज्जु तथा तंत्रिकाएँ सभी तंत्रिका ऊतकों की बनी होती है | 

Q1.) ऊतक क्या है ?

उत्तर:- कोशिकाओं का ऐसा समूह जिसमे कोशिकाओं की संरचना तथा कार्य एक सामान होती है उसे ऊतक कहते है |

Q2.) बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है ?

उत्तर:- बहुकोशिकीय जीवों में ऊतकों की वजह से श्रम विभाजन होता है | प्रत्येक ऊतक एक विशिष्ट कार्य बड़ी दक्षता से करता है |

Q3.) सरल ऊतकों के कितने प्रकार है ?

उत्तर:- सरल ऊतकों का तीन प्रकार हैं –

  1. मृदुतक ( पैरैन्काइमा )
  2. स्थूलकोणोतक ( कॉलेन्काइमा )
  3. दृढ़ोतक ( स्क्लेरेन्काइमा )

Q4.) प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक कहाँ पाया जाता है ?

उत्तर:- शीर्षस्थ विभज्योतक जड़ तथा तनो की चोटी पर पाया जाता है |यह तने तथा जड़ों की वृद्धि करने में सहायता करता है |

Q5.) नारियल का रेशा किस ऊतक का बना होता है ?

उत्तर:- नारियल का रेशा दृढ़ोतक (स्क्लेरेन्काइमा) का बना होता है |

Q6.) फ्लोएम के संगटक कोन – कोन से हैं ?

उत्तर:-

( a ) चलनी नलिका 

( b ) साथी ( सहचर )कोशिकाएँ 

( c ) फ्लोएम मृदूतक   

( d ) फ्लोएम रेशे | 

Q7.) उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शारीर में गति के लिए उत्तरदायी है |

उत्तर:- हमारे शारीर में गति के लिए वेशी ऊतक उत्तरदायी  है |

Q8.) न्यूरोन देखने में कैसा लगता है ?

उत्तर:- तांत्रिका ऊतक की कोशिकाएँ बहुत शीघ्र उत्तेजित होती है और इस उत्तेजना को बहुत ही शीघ्र पुरे शारीर में एक स्थान से दुसरे स्थान तक पहुंचती है | मस्तिष्क , मेरुरज्जु तथा तंत्रिकाएँ  सभी तंत्रिका ऊतकों की बनी होती है | तंत्रिका ऊतक की कोशिकाओं को तंत्रिका कोशिका या न्यूरोन कहा जाता है | एक तंत्रिका कोशिका 1 मीटर तक लम्बी हो सकती है | बहुत सरे तंत्रिका रेशे संयोजी ऊतक के द्वारा एक साथ मिलकर एक तंत्रिका का निर्माण करते हैं | 

Q9.) ह्रदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ |

उत्तर:- ह्रदय पेशी के तीन लक्षण – 

  1. ये केवल ह्रदय में पाई जाती है |
  2. ये अनैच्छिक प्रकार की होती है अर्थात हमारी इच्छा के नियंत्रण नही होती |
  3. इनमे सार्कोलेम तथा पट्टियाँ नही होती है |

Q10.) एरिओलर ऊतक का क्या कार्य हैं ?

उत्तर:- एरिओलर ऊतक के कार्य –

  1. ये अंगो के बिच में स्थान को भरता है | 
  2. ये आंतरिक अंगो को सहारा देता है |
  3. ये ऊतकों के मरम्मत में सहायक है | 

Q1.) ऊतक को परिभाषित करें|

उत्तर:- कोशिकाओं का ऐसा समूह जिसमे कोशिकाओं की संरचना तथा कार्य एक समान होती है उसे ऊतक कहते है |

Q2.) कितने प्रकार का ऊतक मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते है ? उनके नाम बताएँ | 

उत्तर:- जाईलम ( दारु ) चार प्रकार के कोशिकाओं से मिलकर बना होता है – 

  1. वाहिनिकाएँ 
  2. वहिका
  3. दारु मृदूतक 
  4. दारु दृड़ ऊतक 

Q3.) पौधो में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न है ?

उत्तर:- सरल एंव जटिल ऊतकों में अंतर – 

♦ सरल ऊतक :-

  1.  ये एक ही प्रकार के कोशिकाओं से बने होते है |
  2. इनके उदहारण है – मृदूतक , स्थुलकोण एंव दृड़ो ऊतक 

जटिल ऊतक:-

  1. ये एक से अधिक प्रकार के कोशिकाओं से बने होते है |
  2. इनके उदाहरण हैं – दारु ( Xylem ) तथा फ्लोएम ( Phloem ) 

Q4.) कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा , कॉलेन्काइमा और स्क्लेरेन्काइमा के बिच भेद स्पष्ट करें|

उत्तर:-

पैरेन्काइमा:- इसमें कोशिका भीती पतली व सैल्यूलोज से बनी होती है |

♦ कॉलेन्काइमा:- इनको कोशिकाओं की भित्ति कोनों पर मोती होती है जिसमें पैक्टिन जमा होता है |

♦ स्क्लेरेन्काइमा:- इनकी कोशिकाओं की भित्ति लिग्निन जमा होने के कारन मोती होती है |

Q5.) रंध्र के क्या कार्य है ?

उत्तर:- रंघ्र के कार्य – 

  1. गैसों का आदान – प्रदान करते हैं | 
  2. वाष्पोत्सर्जन द्वारा वाष्प के रूप में अधिक जल का निष्कासन करते है |

Q6.) कार्डिक ( ह्रदयक ) पेशी का विशेष कार्य क्या है ?

उत्तर:- ह्रदय पेशी बिना थके हुए एक लय में लगातार सिकुड़ने व फैलने का कार्य करती है और रक्त को शारीर में पम्प करना भी है |

Q7.) पैरेन्काइमा ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते है ?

उत्तर:- मृदूतक कार्टेक्स तथा जड़ व तने की मज्जा में पाया जाता है | जब इसमें क्लोरोफिल होता है तो यह हरी पत्तियों में पाया जाता है |

Q8.) पौधो में एपीडर्मिस की क्या भूमिका है ? 

उत्तर:- पौधो में एपीडर्मिस की भूमिका –

  1. यह पादप शारीर का बाहरी आवरण बनाता है |
  2. यह पादप शारीर के आतंरिक ऊतकों की सुरक्षा करता है |
  3. यह सुरक्षात्मक ऊतक है | इसमें अंतरा कोशिकीय स्थान नही होता |

Q9.) छाल ( काॅर्क ) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है ?

उत्तर:-  काॅर्क एक सुरक्षा ऊतक की तरह कार्य करता है क्योंकिं –

  1. इसकी कोशिकएँ मृत होती है तथा बिना स्थान छोड़े लगातार परत बनती है |
  2. इसकी भित्ति पर सुबेरिन जमा होता है जो इसे गैसों के आदान – प्रदान में सहायता करने योग्य बनाता है |

अत: काॅर्क ऊतकों की अत्यधिक पानी हानि बाहरी वायुमंडल के प्रभावों से सुरक्षित प्रदान करती है|

Q10.) न्यूरोन का एक चिन्हित चित्र बनाएँ | 

उत्तर:-

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